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दंतेवाड़ा में भारत बंद का दिखा असर, आदिवासी समाज ने किया किसानों का समर्थन - सर्व आदिवासी समाज ने भी बंद को समर्थन

छत्तीसगढ़ में भारत बंद का असर दिखाई दिया. प्रदेश के विभिन्न जिलों में बंद का प्रभाव पड़ा है. दंतेवाड़ा में भी बंद का असर देखने को मिला. अखिल भारतीय आदिवासी महासभा और सर्व आदिवासी समाज ने भी बंद को समर्थन दिया है.

effect of bharat band at dantewada
दंतेवाड़ा में भारत बंद का दिखा असर
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Published : Dec 8, 2020, 10:57 PM IST

दंतेवाड़ा: जिले में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला. बंद के समर्थन में अखिल भारतीय आदिवासी महासभा और सर्व आदिवासी समाज ने विरोध जताया. केंद्र सरकार के लागू किए गए तीनों कृषि संबंधित कानून को रद्द किए जाने को लेकर दंतेश्वरी जयस्तंभ चौक से लेकर कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर बंद का समर्थन करते हुए राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. सर्व आदिवासी समाज ने राष्ट्रपति को ज्ञापन के माध्यम से किसान आंदोलन में शहीद किसानों के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की है.

कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद अखिल भारती आदिवासी महासभा ने लंबे समय से नक्सल क्षेत्र में कार्यरत अतिथि शिक्षक को हड़ताल स्थल पर जाकर उनका समर्थन किया. उनकी जायज मांगों के लिए उनके समर्थन में हमेशा खड़े रहने की बात मंच से कही गई. मजदूर यूनियन और कम्युनिस्ट पार्टी ने भी अतिथि शिक्षकों का समर्थन किया. इस दौरान पार्षद बिमला ने कहा कि केंद्र सरकार के पारित तीनों कृषि संबंधित कानून को रद्द दिया जाना चाहिए. क्योंकि यह कानून केवल बड़े उधोगपतियों के लिए हैं. छोटे किसानों से इस कानून का कोई संबंध नहीं है. अडानी-अंबानी जैसे लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इसे पारित किया गया है.

पढ़ें: गरियाबंद: नक्सलियों ने जेसीबी में लगाई आग, पुलिस ने समय रहते 4 किलो का बम किया डिफ्यूज

प्रदेश भर में बंद का असर

छत्तीसगढ़ में भारत बंद का असर दिखाई दिया. प्रदेश के विभिन्न जिलों में बंद का प्रभाव पड़ा है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने भारत बंद को समर्थन दिया है. रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, मुंगेली जैसे विभिन्न जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता बंद को समर्थन दिया. कांग्रेस ने किसानों की मांगों को जायज बताया है.

दंतेवाड़ा: जिले में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला. बंद के समर्थन में अखिल भारतीय आदिवासी महासभा और सर्व आदिवासी समाज ने विरोध जताया. केंद्र सरकार के लागू किए गए तीनों कृषि संबंधित कानून को रद्द किए जाने को लेकर दंतेश्वरी जयस्तंभ चौक से लेकर कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर बंद का समर्थन करते हुए राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. सर्व आदिवासी समाज ने राष्ट्रपति को ज्ञापन के माध्यम से किसान आंदोलन में शहीद किसानों के परिवार को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की है.

कलेक्टर को ज्ञापन देने के बाद अखिल भारती आदिवासी महासभा ने लंबे समय से नक्सल क्षेत्र में कार्यरत अतिथि शिक्षक को हड़ताल स्थल पर जाकर उनका समर्थन किया. उनकी जायज मांगों के लिए उनके समर्थन में हमेशा खड़े रहने की बात मंच से कही गई. मजदूर यूनियन और कम्युनिस्ट पार्टी ने भी अतिथि शिक्षकों का समर्थन किया. इस दौरान पार्षद बिमला ने कहा कि केंद्र सरकार के पारित तीनों कृषि संबंधित कानून को रद्द दिया जाना चाहिए. क्योंकि यह कानून केवल बड़े उधोगपतियों के लिए हैं. छोटे किसानों से इस कानून का कोई संबंध नहीं है. अडानी-अंबानी जैसे लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इसे पारित किया गया है.

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प्रदेश भर में बंद का असर

छत्तीसगढ़ में भारत बंद का असर दिखाई दिया. प्रदेश के विभिन्न जिलों में बंद का प्रभाव पड़ा है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी ने भारत बंद को समर्थन दिया है. रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, मुंगेली जैसे विभिन्न जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ता बंद को समर्थन दिया. कांग्रेस ने किसानों की मांगों को जायज बताया है.

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