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Bhumkal :भूमकाल की वर्षगांठ में आदिवासियों को हक देने की मांग , प्राइवेट कंपनियों को दी चेतावनी

दंतेवाड़ा में आदिवासी समाज ने भूमकाल की 113वीं वर्षगांठ मनाई.जिसमें 15 जिलों से आदिवासी और उनके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इस समारोह में आदिवासियों ने केंद्र और राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए आदिवासियों को उनका हक देने की मांग की है.

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भूमकाल की वर्षगांठ में आदिवासियों को हक देने की मांग
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Published : Feb 8, 2023, 9:59 PM IST

दंतेवाड़ा : जिले के गीदम में अटल आवास के समीप हजारों आदिवासियों ने 15 जिलों से आए समाज और संघटन के पदाधिकारियों समेत शहीद वीर गुण्डाधुर के स्मृति में भूमकाल की की 113वीं वर्षगांठ मनाई.आपको बता दें कि ये कार्यक्रम आज से एक महीने तक चलेगा. अमर शहीद गुण्डाधुर ने बस्तर में भूमकाल आंदोलन का नेतृत्व किया. 1909 में प्रारंभ हुआ यह आंदोलन आदिवासियों के स्वाभिमान, आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन की स्वतंत्रता की लड़ाई थी.

कार्यक्रम के सूत्रधार धुरवा समाज के जिला अध्यक्ष जयराम कश्यप ने बताया कि ''कार्यक्रम में हजारों की संख्या में पहुंच कर जनजातीय समाज के भाई बहनों ने साफ संदेश दे दिया है कि वे केंद्र सरकार और राज्य की सरकार के छलावे में नही आएंगे. अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ेंगे.''

स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग : जयराम कश्यप ने कहा कि '' बस्तर की जनता को NMDC मित्तल एवं अन्य कॉरपोरेट ने वर्षों से स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा कर बेवकूफ बनाया है. जब भी कोई स्थानीय भर्ती निकलती है तो आदिवासियों को बेदखल किया कर दिया जाता है. अन्य राज्यों के लोगों की भर्ती की जाती है. आने वाली भर्तियों में स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता दें. नहीं तो इसका खामियाजा आने वाले समय में कंपनी को भुगतना होगा.''

ये भी पढ़ें- दंतेवाड़ा में कब मनाई जाएगी फागुन मड़ई

आदिवासियों को परेशान करने का आरोप : कार्यक्रम में आए धुरवा समाज प्रमुख सरजू टेकाम ने पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन पर कार्यक्रम में आने वाले ग्रामीणों को रोके जाने का आरोप लगाया. टेकाम ने कहा कि ''वर्षों से बस्तर आदिवासी इलाके में रहने वाले को पुलिस प्रशासन को आधार वोटर आईडी दिखानी पड़ती है. नक्सलिज्म के नाम से भोले भाले आदिवासी ग्रामीणों को पुलिस प्रशासन परेशान कर रही है. जो गलत है. हम विरोध करते हैं.''इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया है.

दंतेवाड़ा : जिले के गीदम में अटल आवास के समीप हजारों आदिवासियों ने 15 जिलों से आए समाज और संघटन के पदाधिकारियों समेत शहीद वीर गुण्डाधुर के स्मृति में भूमकाल की की 113वीं वर्षगांठ मनाई.आपको बता दें कि ये कार्यक्रम आज से एक महीने तक चलेगा. अमर शहीद गुण्डाधुर ने बस्तर में भूमकाल आंदोलन का नेतृत्व किया. 1909 में प्रारंभ हुआ यह आंदोलन आदिवासियों के स्वाभिमान, आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन की स्वतंत्रता की लड़ाई थी.

कार्यक्रम के सूत्रधार धुरवा समाज के जिला अध्यक्ष जयराम कश्यप ने बताया कि ''कार्यक्रम में हजारों की संख्या में पहुंच कर जनजातीय समाज के भाई बहनों ने साफ संदेश दे दिया है कि वे केंद्र सरकार और राज्य की सरकार के छलावे में नही आएंगे. अपने हक और अधिकार की लड़ाई लड़ेंगे.''

स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग : जयराम कश्यप ने कहा कि '' बस्तर की जनता को NMDC मित्तल एवं अन्य कॉरपोरेट ने वर्षों से स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा कर बेवकूफ बनाया है. जब भी कोई स्थानीय भर्ती निकलती है तो आदिवासियों को बेदखल किया कर दिया जाता है. अन्य राज्यों के लोगों की भर्ती की जाती है. आने वाली भर्तियों में स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता दें. नहीं तो इसका खामियाजा आने वाले समय में कंपनी को भुगतना होगा.''

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आदिवासियों को परेशान करने का आरोप : कार्यक्रम में आए धुरवा समाज प्रमुख सरजू टेकाम ने पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन पर कार्यक्रम में आने वाले ग्रामीणों को रोके जाने का आरोप लगाया. टेकाम ने कहा कि ''वर्षों से बस्तर आदिवासी इलाके में रहने वाले को पुलिस प्रशासन को आधार वोटर आईडी दिखानी पड़ती है. नक्सलिज्म के नाम से भोले भाले आदिवासी ग्रामीणों को पुलिस प्रशासन परेशान कर रही है. जो गलत है. हम विरोध करते हैं.''इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन भी सौंपा गया है.

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