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Dantewada Phagun Madai 2022: दंतेश्वरी मंदिर में ताड़ के पत्तों से होलिका दहन, इसी राख से होली खेलती हैं मां - holi in Maa Danteshwari temple

holi in Maa Danteshwari temple : दंतेवाड़ा के मां दंतेश्वरी मंदिर में परंपरा के अनुसार ताड़ के पत्तों से होलिका दहन हुआ. होलिका दहन की राख से ही मां दंतेश्वरी सहित 810 से ज्यादा देवी-देवता होली खेलते हैं.

Dantewada Phagun Madai
मां दंतेश्वरी मंदिर में ताड़ के पत्तों से होलिका दहन
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Published : Mar 18, 2022, 10:34 AM IST

Updated : Mar 18, 2022, 6:59 PM IST

दंतेवाड़ा: जिले में रियासतकालीन फागुन मेला (Dantewada Phagun Madai 2022 ) की परंपरा आज भी कायम है. फागुन मेले के नौवें दिन होलिका दहन की रस्म निभाई गई. दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी पूजा अर्चना कर ताड़ के पत्तों को लेकर 12 लंकवार, माझी चालकों और सेवादारों के साथ ढोल नगाड़ों की थाप के साथ भैरव मंडप पहुंचे. जहां विधिविधान से होलिका दहन किया गया.

मां दंतेश्वरी मंदिर में ताड़ के पत्तों से होलिका दहन

मां दंतेश्वरी मंदिर में ताड़ के पत्तों से होलिका दहन (Holika Dahan with palm leaves in danteshwari temple )

मंदिर पुजारी परमेश्वर नाथ जीया ने बताया कि 'रियासतकालीन महाराजा भोपालदेव के समय से होली पर मड़ई मेला का आयोजन होता है. पहले दिन मां का कलश स्थापित किया जाता है. उसी दिन ताड़ के पत्रों की पूजा कर होलिका दहन किया जाता है. होलिका दहन के बाद उसकी राख से दूसरे दिन देवी-देवताओं को होली का तिलक लगाया जाता है'.

दंतेवाड़ा में विश्व प्रसिद्ध फागुन मंडई 2022 का आगाज

मां दंतेश्वरी मंदिर में होली

दंतेश्वरी मंदिर के सेवादार ने बताया कि 'ताड़ के पत्तों से जलाए गए होलिका दहन की राख को खेत में डालने से फसल ज्यादा अच्छे से होती है. इस राख में तांत्रिक शक्ति भी होती है. किसी के बीमार पड़ने पर भी इस राख का प्रयोग किया जाता है. इस राख को काफी सहेज कर रखा जाता है. इस साल 810 से ज्यादा देवी देवताओं को इसी राख से होली का टीका लगाया जाएगा.



दंतेवाड़ा: जिले में रियासतकालीन फागुन मेला (Dantewada Phagun Madai 2022 ) की परंपरा आज भी कायम है. फागुन मेले के नौवें दिन होलिका दहन की रस्म निभाई गई. दंतेश्वरी मंदिर के पुजारी पूजा अर्चना कर ताड़ के पत्तों को लेकर 12 लंकवार, माझी चालकों और सेवादारों के साथ ढोल नगाड़ों की थाप के साथ भैरव मंडप पहुंचे. जहां विधिविधान से होलिका दहन किया गया.

मां दंतेश्वरी मंदिर में ताड़ के पत्तों से होलिका दहन

मां दंतेश्वरी मंदिर में ताड़ के पत्तों से होलिका दहन (Holika Dahan with palm leaves in danteshwari temple )

मंदिर पुजारी परमेश्वर नाथ जीया ने बताया कि 'रियासतकालीन महाराजा भोपालदेव के समय से होली पर मड़ई मेला का आयोजन होता है. पहले दिन मां का कलश स्थापित किया जाता है. उसी दिन ताड़ के पत्रों की पूजा कर होलिका दहन किया जाता है. होलिका दहन के बाद उसकी राख से दूसरे दिन देवी-देवताओं को होली का तिलक लगाया जाता है'.

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मां दंतेश्वरी मंदिर में होली

दंतेश्वरी मंदिर के सेवादार ने बताया कि 'ताड़ के पत्तों से जलाए गए होलिका दहन की राख को खेत में डालने से फसल ज्यादा अच्छे से होती है. इस राख में तांत्रिक शक्ति भी होती है. किसी के बीमार पड़ने पर भी इस राख का प्रयोग किया जाता है. इस राख को काफी सहेज कर रखा जाता है. इस साल 810 से ज्यादा देवी देवताओं को इसी राख से होली का टीका लगाया जाएगा.



Last Updated : Mar 18, 2022, 6:59 PM IST
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