दंतेवाड़ा: बस्तर फाइटर्स में भर्ती प्रक्रिया 9 मई से जारी है. इस फोर्स में भर्ती होने अंदरूनी इलाकों के युवक-युवतियों में जितना जोश देखने को मिल है, उतना ही उन्हें नक्सलियों का डर भी सता रहा है. युवाओं ने कहा कि ''हम फोर्स में भर्ती होने आए हैं. इसकी भनक नक्सलियों को लगी तो परिवार वालों को भी प्रताड़ित करेंगे. कई युवा नक्सल हिंसा पीड़ित भी हैं.'' (Recruitment of Bastar Fighters in Dantewada)
दंतेवाड़ा में बस्तर फाइटर्स की भर्ती: नक्सल क्षेत्र में रहने वाले कुछ युवाओं ने अपनी आपबीती सुनाई. उन्होंने बताया कि ''हमने नक्सलवाद को नजदीक से जाना है. जिसकी वजह से किसी ने अपने भाई को तो किसी ने अपनी मां बाप को खोया है. नक्सलवाद की वजह से गांव में स्कूल भवन तक नहीं है. ना ही उप स्वास्थ्य केंद्र, ना ही गांव तक कोई पक्की सड़क जाती है, जिसकी वजह से हम लोग घर से कोसों दूर हॉस्टल और आश्रमों में रहकर अपनी पढ़ाई करते हैं. अब बस्तर के लिए बस्तर फाइटर्स में भर्ती होने आए हैं.''
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दंतेवाड़ा में स्थानीय युवाओं को रोजगार: दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि "बस्तर फाइटर भर्ती में अंदरूनी क्षेत्र के युवक, युवतियां बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. हर जिले में 300 लोगों की भर्ती होने है. जिसमें से दंतेवाड़ा जिले में अब तक 3500 आवेदन आ चुके हैं. अभ्यर्थियों के लिए पुलिस प्रशासन ने ठहरने खाने पीने की निशुल्क व्यवस्था की है".
निशुल्क बस्तर फाइटर की ट्रेनिंग: बस्तर फाइटर भर्ती के लिए पुलिस प्रशासन की तरफ से अंदरूनी क्षेत्र के युवाओं को निशुल्क बस्तर फाइटर की ट्रेनिंग भी दी गई थी. जिसका लाभ इन बच्चों को भर्ती प्रक्रिया में मिल रहा है. बस्तर फाइटर्स में स्थानीय युवाओं की भर्ती से बड़ा फायदा मिलेगा. एक तरफ जहां नक्सलगढ़ के युवा रोजगार से जुड़ेंगे. वहीं दूसरी तरफ नक्सली भी बैक फुट पर होंगे. स्थानीय युवा बस्तर के जल-जंगल-जमीन से अच्छी तरह वाकिफ हैं. इसलिए नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में जवानों को सफलता मिलेगी.