दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा जिला प्रशासन जिले के एक हजार लोगों को इस लॉकडाउन में आत्मनिर्भर बनाने का फैसला लिया है. डैनेक्स कपड़ा, डैनेक्स बोतल बंद पानी के बाद डैनेक्स हैचरी यूनिट खोला गया है. इससे हर महीने 30 हजार चूजे प्रोड्यूस किए जाएंगे. इस यूनिट से सीधे तौर 1 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा इससे कई हजार परिवारों का रोजी-रोटी चलेगा.
एक हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
जिला प्रशासन ने दंतेवाड़ा से सटे मुरकी गांव में अपना एक यूनिट तैयार किया है. जिला प्रशासन ने कोरोना नियमों का पालन करते हुए पूजा-अर्चना के बाद यूनिट को चालू कर दिया है. इस यूनिट के चालू होने से जिले के 1000 बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा. वर्तमान में कोरोना के कारण यूनिट में 300 लोगों को रोजगार दिया गया है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बना रहे.
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हर महीने 30 हजार चूजे का प्रोडक्शन
जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में कड़कनाथ मुर्गी के अंडे ही बेचे जा रहे थे, लेकिन अब यूनिट तैयार होने से कड़कनाथ चूजे का उत्पादन शुरू हो गया है. कड़कनाथ मुर्गी के चूजे का ये सबसे बड़ा हब बन गया है. पशु विभाग के देखरेख में हर महीने करीब 30 हजार कड़कनाथ मुर्गी के चूजे तैयार किए जाएंगे. जिसे सबसे पहले जिले के चारों ब्लॉकों में जिला प्रशासन द्वारा खोली गई पोल्ट्री फॉर्म में दिया जाएगा. इसके बाद बचे हुए चूजों को आसपास के जिले के साथ तेलंगाना, हैदराबाद और ओडिसा में भेजा जएगा.
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खत्म होगी दूसरे राज्यों से निर्भरता
जिला कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट पूना माड़ाकाल दंतेवाड़ा के तहत लगाया गया है. इससे पहले जिला प्रशासन ने मुरकी गांव में अंडा उत्पादन की इकाई स्थापित की थी, अब यहां हैचरी यूनिट भी बनाया गया है. हैचरी यूनिट लगने के बाद दूसरे राज्यों से चूजे की निर्भरता खत्म हो गई है. दंतेवाड़ा अब खुद पड़ोसी राज्यों को कड़कनाथ के चूजे सप्लाई करेगा.