दंतेवाड़ा: सीआरपीएफ ने दंतेवाड़ा के 231 बटालियन जावंगा में अंबेडकर दिवस का कार्यक्रम मनाया. इस मौके पर कार्यक्रम कर उन्हें नमन किया. कार्यक्रम में सीआरपीएफ कमाण्डेंट सुरेन्द्र सिंह ने संविधान निर्माता डॉ अंबेडकर के जीवन को याद किया. साछ ही जवानों को बाब साहेब अंबेडकर के दिखाए हुए रास्ते पर चलने की बात कही. नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में अंबेडकर के अनुयायी काफी संख्या में रहते हैं. बाब साहेब अंबेडकर ने हमेशा से ही पिछड़ों और दलितों को आगे बढ़ाने का काम किया. जिसके बाद से देश में गरीब और पिछड़ों के लिए कई कार्य किए गए.
डॉ अंबेडकर का ऐसा रहा जीवन: डॉ बीआर अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. बाब साहेब अंबेडकर ने अपने जीवन काल में समानता के लिए संघर्ष किया. फिर अपना पूरा जीवन, देश के लिए अर्पित कर दिया. संविधान निर्माता के रूप में उनके योगदान के लिए देश उन्हें हमेशा याद करेगा. यही वजह है कि उन्हें 'भारतीय संविधान का जनक' भी कहा जाता है.
मरणोपरांत मिला भारत रत्न: आधुनिक भारत की नींव तैयार करने में डॉ भीमराव अंबेडकर की बड़ी भूमिका रही. अप्रैल 1990 में डॉ भीमराव अंबेडकर को मरणोपरांत भारत रत्न मिला था. डॉ भीमराव अंबेडकर को समानता और न्याय का प्रतीक माना जाता है. बाब साहेब अंबेडकर एक महान सामाजिक कार्यकर्ता थे. सभी भारतीयों में समानता लाने और देश के विकास के लिए जरूरी संस्थाओं जैसे भारतीय रिजर्व बैंक, वित्त आयोग और कई दूसरे संस्थाओं की स्थापना के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की.