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दंतेवाड़ा : चिटफंड में फंसे निवेशकों के पैसे, 3 कंपनियों के खिलाफ अपराध दर्ज

चिटफंड कंपनियां महानगरों के साथ ग्रामीण इलाकों में लोगों को ठग रही है. ऐसी कंपनियां एजेंटों के माध्‍यम से हाट-बाजार और अन्‍य माध्यमों से प्रचार-प्रसार व काउसिंलिंग के बाद लोगों की रकम लेकर फरार हो गई है.

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Published : Aug 22, 2019, 11:27 AM IST

चिटफंड में फंसे निवेशकों के पैसे

दंतेवाड़ा: जिले में चिटफंड कंपनियों ने जाल बिछाकर लोगों के लाखों रुपए हजम कर ली हैं. ये कंपनियां महानगरों के साथ ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को ठग रही है. पुलिस ने आंवराभाटा दंतेवाड़ा की रहनी वाली सुमिश्रा कश्‍यप ने साईं प्रसाद कंपनी के डायरेक्‍टर, सीईओ और स्‍थानीय मैनेजर आदि के‍ खिलाफ आवेदन किया है. सुमित्रा के अनुसार कंपनी ने पांच साल में राशि डेढ़ गुना करने का आश्‍वासन दिया था.

चिटफंड में फंसे निवेशकों के पैसे

पुलिस में की गई शिकायत
उन्‍होंने 66 हजार 740 रुपए 13 नवंबर 1913 में कंपनी में निवेश किए, लेकिन समय बीतने के बाद भी राशि नहीं मिल रही है. इसी तरह पुरनतरई के सरजूराम नाग ने बीएनपी चिटफंट कंपनी के धमतरी निवासी रविंद्र साहू, सुरेंद्र शर्मा अैर बालोद के उभयराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. सरजूराम ने वर्ष 2009-10 में दो लाख 30 हजार 900 रुपए जमाकर उसने स्‍कीम खरीदा, लेकिन दोगुनी राशि तो छोड़, मूलधन भी नहीं मिला. जब पतासाजी की, तो स्‍थानीय एजेंट ने कंपनी फरार होने की बात कहते हुए खुद बच निकला. कंपनी के संचालकों के नाम व पते पर पुलिस में शिकायत की गई है. इसी तरह साईप्रकाश कंपनी के खिलाफ ग्राम चीतालूर निवासी जयराम नागेश ने मामला दर्ज कराया.

कंपनियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
कंपनी ने जयराम से भी ढ़ाई साल में दोगुनी राशि वापस देने का लालच दिया था. इन तीन लोगों ने लिखित आवेदन दिया है जबकि पूछताछ में और भी लोगों नें कंपनियों में राशि फंसने की बात कही है. एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा है कि लोगों की शिकायत के बाद तीनों कंपनियों के खिलाफ पुलिस ने भादवि की धारा 420 और 34 के तहत अपराध दर्ज किया है. कोतवाली थाने में चिटफंड कंपनियों के दस्‍तावेज मंगाए जा रहे हैं. पुलिस संबंधित कंपनी संचालक और पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

दंतेवाड़ा: जिले में चिटफंड कंपनियों ने जाल बिछाकर लोगों के लाखों रुपए हजम कर ली हैं. ये कंपनियां महानगरों के साथ ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को ठग रही है. पुलिस ने आंवराभाटा दंतेवाड़ा की रहनी वाली सुमिश्रा कश्‍यप ने साईं प्रसाद कंपनी के डायरेक्‍टर, सीईओ और स्‍थानीय मैनेजर आदि के‍ खिलाफ आवेदन किया है. सुमित्रा के अनुसार कंपनी ने पांच साल में राशि डेढ़ गुना करने का आश्‍वासन दिया था.

चिटफंड में फंसे निवेशकों के पैसे

पुलिस में की गई शिकायत
उन्‍होंने 66 हजार 740 रुपए 13 नवंबर 1913 में कंपनी में निवेश किए, लेकिन समय बीतने के बाद भी राशि नहीं मिल रही है. इसी तरह पुरनतरई के सरजूराम नाग ने बीएनपी चिटफंट कंपनी के धमतरी निवासी रविंद्र साहू, सुरेंद्र शर्मा अैर बालोद के उभयराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. सरजूराम ने वर्ष 2009-10 में दो लाख 30 हजार 900 रुपए जमाकर उसने स्‍कीम खरीदा, लेकिन दोगुनी राशि तो छोड़, मूलधन भी नहीं मिला. जब पतासाजी की, तो स्‍थानीय एजेंट ने कंपनी फरार होने की बात कहते हुए खुद बच निकला. कंपनी के संचालकों के नाम व पते पर पुलिस में शिकायत की गई है. इसी तरह साईप्रकाश कंपनी के खिलाफ ग्राम चीतालूर निवासी जयराम नागेश ने मामला दर्ज कराया.

कंपनियों के खिलाफ होगी कार्रवाई
कंपनी ने जयराम से भी ढ़ाई साल में दोगुनी राशि वापस देने का लालच दिया था. इन तीन लोगों ने लिखित आवेदन दिया है जबकि पूछताछ में और भी लोगों नें कंपनियों में राशि फंसने की बात कही है. एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा है कि लोगों की शिकायत के बाद तीनों कंपनियों के खिलाफ पुलिस ने भादवि की धारा 420 और 34 के तहत अपराध दर्ज किया है. कोतवाली थाने में चिटफंड कंपनियों के दस्‍तावेज मंगाए जा रहे हैं. पुलिस संबंधित कंपनी संचालक और पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

Intro:चिट फंड कंपनिया महानगरों के साथ ग्रामीण इलाकों में लोगों को चूना लगया है। पांच और सात साल डेढ गुना राशि होने का आश्‍वासन देकर लाखों रूपए निवेश कराया। एजेंटों के माध्‍यम से हाट- बाजार और अन्‍य माध्‍यमों से प्रचार- प्रसार व काउसिंलिंग के बाद लोगों के रकम लेकर कंपनियां फरार हो गई है। ऐसे तीन कंपनियों के खिलाफ लोगों की शिकायत के बाद पुलिस ने भादंवि की धारा 420, 34 के तहत अपराध दर्ज किया है। अब पुलिस संबंधित कंपनी संचालक और पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।

जानकारी के अनुसार चिट फंड कंपनी साई प्रसाद, साई प्रकाश, निर्मल इंफ्राहोम और बीएनपी कंपनियों के खिलाफ दंतेवाड़ा और गीदम थाने में लोगों ने शिकायत की थी। इनके खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी और अन्‍य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। जिसमें कंपनियां लोगों को राशि दोगुना करने का झांसा देकर निवेश करवाया। लेकिन अब परिपक्‍वता का समय आया तो कंपनियां फरार बताई जा रही है। एजेंट भी भूमिगत हो गए हैं। जो एजेंट मिल रहे है, वे कंपनी फरार होने हवाला देकर साफ बच नकल रहे है। जबकि राशि निवेश कराने का लुभावना आफर लेकर यही एजेंटे लोगों के पास पहुंचे थे। Body:इधर पुलिस ने आंवराभाटा दंतेवाड़ा के रहनी वाली सुमिश्रा कश्‍यप ने सांई प्रसाद कंपनी के डायरेक्‍टर, सीईओ और स्‍थानीय मैनेजर आदि के‍ खिलाफ आवेदन सौंपा है। सुमित्रा के मुताबिक कंपनी ने एजेंट के माध्‍यम से पांच साल में राशि डेढ़ गुना करने का आश्‍वासन दिया था। इस पर उन्‍होंने 66 हजार 740 रूपए 13 नवंबर 1913 में कंपनी में निवेश किए थे। लेकिन समय बीतने के बाद भी राशि नहीं मिल रही है। इसी तरह पुरनतरई के सरजूराम नाग ने बीएनपी चिटफंट कंपनी के धमतरी निवासी रविंद्र साहू, सुरेंद्र शर्मा अैर बालोद के उभयराम के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाया है। सरजूराम के अनुसार उसे कंपनी के लोगों ने साढ़े छह साल में रकम डबल करने की बात कही। इसके बाद वर्ष 2009-10 में दो लाख 30 हजार 900 रूपए जमा कर उसने स्‍कीम खरीदा है। दोगुनी राशि तो छोड़, मूलधन भी नहीं मिला है। जब पतासाजी किया तो स्‍थानीय एजेंट ने कंपनी फरार होने की बात कहते खुद बच निकला। कंपनी के संचालकों के नाम पते पर पुलिस में शिकायत की है। इसी तरह साईप्रकाश कंपनी के खिलाफ ग्राम चीतालूर निवासी जयराम नागेश ने मामला दर्ज कराया है। कंपनी ने जयराम से भी ढाई साल में दोगुनी राशि वापस लेने का लालच दिया था। गीदम थाने में इसी तरह के अपराध दर्ज हुए हैं। थाना सूत्र बता रहे हैं कि इन तीन लोगों ने लिखित आवेदन दिया है। जबकि पूछताछ में और भी लोगों नें कंपनियों में राशि फंसने की बात कही है। थाने से एक टीम बनाकर संबंधितों की तलाश में भेजा जाएगा।

--Conclusion:-
एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कंपनियों के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही है। कोतवाली थाने में चिटफंड की धाराओं पर एफआइआर दर्ज कर संबंधितों से दस्‍तावेज मंगाए जा रहे हैं। अन्‍य शिकायतकर्ताओं को भी उनमें जोड़ा जा रहा है। संबंधित कंपनियों के दस्‍तावेज और प्रकरणों की पड़ताल होगी।
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