दंतोवाड़ा: सिलगेर गोलीकांड की भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने न्यायिक जांच की मांग की है. न्यायिक जांच की मांग करते भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी केस कार्यकर्ताओं ने दंतेवाड़ा में दुर्गा मंच के सामने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. धरना के बाद कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.
आदिवासी महासभा के अध्यक्ष बोमडा राम कवासी का कहना है, सिलगेर मामले को लेकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और अखिल भारतीय आदिवासी महासभा के 8 सदस्यीय टीम घटनास्थल गई थी. जहां सभी तथ्यों के आधार पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जांच की है. इसके बाद अब केस में सभी न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं. बोमडा राम कवासी का कहना है, सरकार ने जो जांच दल का गठन किया है, उसमें सत्ताधारी पार्टी के लोग हैं. ऐसे में उनसे निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं की जा सकती है. इसलिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सरकार से न्यायिक जांच की मांग करती है. जांच किसी रिटायर्ड जज से कराई जाए.
Silger firing case: सिलगेर गोलीकांड की जांच के लिए समिति का गठन, दीपक बैज अध्यक्ष
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिलगेर फायरिंग केस को लेकर बड़ा फैसला लिया है. सीएम बघेल ने बस्तर के सांसद दीपक बैज (Deepak Baij) की अध्यक्षता में जनप्रतिधियों की एक समिति का गठन किया है. यह समिति स्थानीय लोगों से चर्चा कर तथ्य जुटाएगी. इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी समिति के साथ होंगे. बस्तर सांसद दीपक बैज, लखेश्वर बघेल, संत नेताम, देवती कर्मा, शिशुपाल शोरी, अनूप नाग, विक्रम मंडावी, राजमन बेंजाम और चंदन कश्यप जनप्रतिनिधि समिति के सदस्य होंगे.
सिलगेर में सुरक्षाबल के कैंप (Silger Camp of Bijapur) के विरोध के दौरान हुई पत्थरबाजी और गोलीकांड में 3 लोगों की मौत हो गई थी. 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसे लेकर ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बीजेपी ने भी 6 सदस्यीय जांच दल का गठन किया है. लेकिन तर्रेम थाना के सामने से बीजेपी नेताओं को वापस लौटना पड़ा. कंटेनमेंट जोने होने के चलते बीजेपी जांच दल की टीम आगे नहीं जा सकी थी.
सिलगेर गोलीकांड मामला, बीजेपी जांच दल को आधे रास्ते से लौटना पड़ा वापस
एक नजर में पूरा मामला समझें-
- सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में ग्रामीण सीआरपीएफ कैंप बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
- करीब 20 दिन पहले शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन में सिलगेर गांव के साथ ही आसपास के कई गांव के ग्रामीण जुटे हुए हैं.
- फायरिंग में पुलिस के मुताबिक तीन नक्सलियों की मौत हुई है. एक गर्भवती महिला की मौत भी भगदड़ मचने से हुई.
- सुरक्षा बल के दबाव के बावजूद यहां से ग्रामीण हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुलिस महकमे के अधिकारियों का दावा है कि नक्सलियों के उकसावे में ये ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे हैं.
- इस मामले में भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपनी समिति गठित की थी. अब इस मामले में सरकार द्वारा अलग कमेटी बनाई गई है. फिलहाल मौके पर सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण डटे हुए हैं.