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यह कैसा रिवाज: पति ने किया था धर्मांतरण, दारू-मुर्गा के भोज की शर्त पर मिली शव दफनाने की इजाजत - chhattisgarah

दंतेवाड़ा (Dantewada) में एक धर्मांतरित (Dharmantarit) ग्रामीण ( villager) की बीमारी से मौत होने के बाद उसे गांववालों ने दफनाने (Bury) नहीं दिया. जिसके बाद आखिरकार पुलिस (Police) को मामले में हस्तक्षेप (Interference) करना पड़ा. तब जाकर ग्रामीणों ने मृतक को दफनाने (Bury the dead) दिया.

funeral took place in the midst of a ruckus
हंगामा के बीच यूं हुआ अंतिम संस्कार
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Published : Sep 27, 2021, 12:17 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 12:47 PM IST

दंतेवाड़ाः छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dhantewada) में एक धर्मांतरण किए (Dharmantarit) ग्रामीण ( villager) की लंबे समय से बीमार होने के कारण मौत हो गई. लेकिन मौत के बाद एक अलग ही ड्रामा (Drama) शुरू हो गया. धर्मांतरण (Dharmantaran) के कारण मृत ग्रामीण (villager) का अंतिम संस्कार विवाद (funeral dispute) का कारण बन गया. गांव के लोगों ने मृतक को दफनाने को लेकर विवाद खड़ा कर दिया. हालांकि काफी देर हंगामे के बाद आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार पूरे गांव को बकरा, मुर्गा और दारू खिलाने की मंजूरी के बाद शव दफनाने दिया गया.

पति ने किया था धर्मांतरण

ये पूरा मामला दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत पांडेवार (Gram panchayat pandewar) के आश्रित ग्राम गोदपाल (Godpal)का है. जहां एक स्थानीय ग्रामीण की लंबे समय से बीमारी के बाद मौत हो गई. जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार गांव में ना होने देने के लिए पंडेवार व गोदपाल इकट्ठे होकर विरोध करने लगे.

पत्नी गांव में शव दफनाने की कर रही थी जिद्द

इधर, मृतक की पत्नी गांव में ही शव को दफनाने पर अड़ी रही, जिसके बाद विवाद इतना बढ़ गया कि मृतक परिवार व ग्रामीणों के बीच तकरीबन 4 घंटे तक बहस होती रही. इस बीच शव भारी बारिश में पड़ा रहा.

बैलाडीला की पहाड़ियों पर खनन के विरोध में सर्व आदिवासी समाज, टेंडर निरस्त करने की मांग

बकरा, मुर्गा और दारू खिलाने की शर्त पर हुआ अंतिम संस्कार

घटना की सूचना गांव के नजदीक के थाने फरसपाल के TI को मिलते ही जितेंद्र साहू व तहसीलदार यशोदा ठाकुर घटनास्थल पर पहुंचे. जिसके बाद विवाद को शांत कराने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ी. काफी देर बाद ग्रामीण व मृतक के परिवार के साथ शर्तों के आधार पर मामला शांत हुआ. मृतक परिवार को शव को दफनाने की अनुमति दी गई .

लंबे समय से बीमार था ग्रामीण

पूरा मामला दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत पांडेवार के आश्रित ग्राम गोदपाल का है. यहां एक स्थानीय ग्रामीण, जिसने धर्मांतरण कर लिया था. वो लंबे समय से बीमार था. जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

दंतेवाड़ाः छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dhantewada) में एक धर्मांतरण किए (Dharmantarit) ग्रामीण ( villager) की लंबे समय से बीमार होने के कारण मौत हो गई. लेकिन मौत के बाद एक अलग ही ड्रामा (Drama) शुरू हो गया. धर्मांतरण (Dharmantaran) के कारण मृत ग्रामीण (villager) का अंतिम संस्कार विवाद (funeral dispute) का कारण बन गया. गांव के लोगों ने मृतक को दफनाने को लेकर विवाद खड़ा कर दिया. हालांकि काफी देर हंगामे के बाद आदिवासी रीति रिवाज के अनुसार पूरे गांव को बकरा, मुर्गा और दारू खिलाने की मंजूरी के बाद शव दफनाने दिया गया.

पति ने किया था धर्मांतरण

ये पूरा मामला दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत पांडेवार (Gram panchayat pandewar) के आश्रित ग्राम गोदपाल (Godpal)का है. जहां एक स्थानीय ग्रामीण की लंबे समय से बीमारी के बाद मौत हो गई. जिसके बाद उसका अंतिम संस्कार गांव में ना होने देने के लिए पंडेवार व गोदपाल इकट्ठे होकर विरोध करने लगे.

पत्नी गांव में शव दफनाने की कर रही थी जिद्द

इधर, मृतक की पत्नी गांव में ही शव को दफनाने पर अड़ी रही, जिसके बाद विवाद इतना बढ़ गया कि मृतक परिवार व ग्रामीणों के बीच तकरीबन 4 घंटे तक बहस होती रही. इस बीच शव भारी बारिश में पड़ा रहा.

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घटना की सूचना गांव के नजदीक के थाने फरसपाल के TI को मिलते ही जितेंद्र साहू व तहसीलदार यशोदा ठाकुर घटनास्थल पर पहुंचे. जिसके बाद विवाद को शांत कराने के लिए घंटों मशक्कत करनी पड़ी. काफी देर बाद ग्रामीण व मृतक के परिवार के साथ शर्तों के आधार पर मामला शांत हुआ. मृतक परिवार को शव को दफनाने की अनुमति दी गई .

लंबे समय से बीमार था ग्रामीण

पूरा मामला दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत पांडेवार के आश्रित ग्राम गोदपाल का है. यहां एक स्थानीय ग्रामीण, जिसने धर्मांतरण कर लिया था. वो लंबे समय से बीमार था. जिसके बाद उसकी मौत हो गई.

Last Updated : Sep 27, 2021, 12:47 PM IST
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