दंतेवाड़ा: कोरोना काल में जहां एक ओर देश विदेश आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं, वहीं दंतेवाड़ा के अपने ब्रांड 'डेनेक्स' ने बेंगलूरू की एक कंपनी को 1 करोड़ 20 लाख रुपये का माल बेचा है. सोमवार की शाम दंतेवाड़ा से कनसाइंनमेंट रवाना किया गया. इसके अतिरिक्त 6 लाख रुपये का माल ट्राइफेड के लिए भी रवाना किया गया.
बेंगलूरू की एक कंपनी 'डेनेक्स' में बने कपड़ों को देश के लीडिंग फैशन ब्रांड्स में भेजेगी. जहां से ऑनलाइन माध्यमों से देशभर के ग्राहक इसकी खरीदी कर सकेंगे. पहली खेप की डिलीवरी के दौरान कंपनी को 10 लाख 63 हजार रुपये का चेक मिला है. पहली खेप जाने के बाद फैक्ट्री में काम करने वाले वर्कर्स के आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी हुई है और वे सभी और भी लगन से काम करने में जुट गए हैं. कपड़ों के खेप की रवानगी के अवसर पर डिप्टी कलेक्टर मुकेश गौड़, एडीएफ बसंत कुमार, अभिषेक पंत और 'डेनेक्स' में कार्यरत महिलाएं मौजूद रहीं. डेनेक्स की कर्मवीर महिलाओं का कहना है कि अब वो दिन दूर नहीं जब दंतेवाड़ा जिला भी गरीबी मुक्त हो जाएगा.
दंतेवाड़ा के ब्रांड डेनेक्स का ट्राइफेड के साथ हुआ एमओयू
'नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री' से बदल रहा दंतेवाड़ा
दंतेवाड़ा जिले में गरीबी उन्मूलन के लिए कलेक्टर दीपक सोनी की पहल पर गारमेंट फैक्ट्री शुरू की गई. नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री के नाम से जिले में वस्त्र उद्योग की पहली यूनिट जिले के गीदम विकासखंड के हारम ग्राम पंचायत में खोली गई है. जहां दो पाली में 300 परिवारों को रोजगार दिया गया है. इसमें उन्हें शुरुआत में 45 दिन का प्रशिक्षण देकर कैंची पकड़ना, कटाई, सिलाई, फिनिशिंग, इस्त्री करना, पैकेजिंग जैसी बेसिक चीजें सिखाई गई. फैक्ट्री में तमाम आधुनिक तकनीकों से काम किया जा रहा है. 'डेनेक्स' के शुभारंभ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी डेनेक्स की तारीफ करते हुए कहा था कि जल्द ही इसका नाम देश विदेश में भी चमकेगा. इस अत्याधुनिक फैक्ट्री में महिलाओं को नियमित रूप से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए इन उत्पादों की बिक्री के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. इसी क्रम में ब्रांड का ट्राइफेड के साथ भी अनुबंध किया गया है.
'डेनेक्स' में महिलाएं कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए काम कर रही है और अपने हुनर का लोहा भी मनवा रही है. तभी तो शुभारंभ के इतनी जल्दी बेंगलूरू जैसे बड़े शहर की एक कंपनी ने पूरे 1 करोड़ 30 लाख रुपये का माल खरीदा.