दंतेवाड़ा: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (pradhan mantri fasal bima yojana, PMFBY) के प्रचार के लिए दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने (Dantewada Collector Deepak Soni) प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इसका उद्देश्य किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से अवगत कराना है. साथ ही ऐसे किसान, जो नकद में खरीदी करते हैं उन्हें इस योजना से जुड़ी जानकारी मुहैया कराना है. इस योजना को सफल बनाने के लिए जिले के चारों विकासखंड में योजना का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.
जिले में खरीफ के 3 फसलों को अधिसूचित किया गया है. धान, मक्का और मूंग की फसल जिसमें-
- धान फसल के लिए प्रति हेक्टेयर असिंचित के लिए बीमित राशि 32 हजार और बीमा के लिए प्रीमियम की राशि 640 रुपये प्रति हेक्टेयर है.
- मक्का के लिए बीमित राशि 17 हजार 500 और बीमा के लिए प्रीमियम की राशि 350 रुपये प्रति हेक्टेयर है.
- मूंग के लिए बीमित राशि 12 हजार, बीमा के लिए प्रीमियम की राशि 240 रुपये प्रति हेक्टेयर निर्धारित है.
- जिले में 1 जुलाई से 15 जुलाई तक शिविर के जरिए किसानों का प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में पंजीयन किया जाएगा.
किसानों को दी जा रही जानकारी
सहकारी बैंक सभी किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के फायदे की जानकारी दे रहा है. जिससे अगर किसी किसान की फसल में कीड़े पड़ जाते हैं या सूखा पड़ने की वजह से फसल खराब हो जाती है, तो वे इस योजना का फायदा कैसे ले पाएंगे.
इन चीजों की होगी जरुरत
शिविर में किसानों को अपने खेत से संबंधित नक्शा, खसरा नंबर, आधारकार्ड, बैंक पासबुक (जो वर्तमान में चालू है) उसकी फोटोकॉपी और आवेदक की पासपोर्ट साइज फोटो साथ रखनी होगी. इसके बाद वह अपने क्षेत्रीय ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से संपर्क कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं.
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21 सहकारी बैंक समितियां करती है काम
सहकारी बैंक संचालक अधिकारी छोटे लाल यादव ने बताया कि कृषि विभाग की टीम और सहकारी बैंक की टीम समेत 21 सहकारी समितियां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का काम करती है. पिछले साल 2 हजार 253 किसानों का 5 हजार 30 हेक्टेयर का फसल बीमा किया गया था.
क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 13 जनवरी 2016 को एक नई योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (pradhan mantri fasal bima yojana, PMFBY) का अनावरण किया था. ये योजना उन किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करने में मदद करती है जो अपनी खेती के लिए कर्जा लेते हैं. ये योजना भारत के हर राज्य में संबंधित राज्य सरकारों के साथ मिलकर लागू की गई है. इस योजना का क्रियान्वयन कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से किया जाता है.
योजना का उद्देश्य
- प्राकृतिक आपदाओं, फसल पर कीड़े पड़ने पर किसानों को बीमा कवरेज और वित्तीय सहायता देना.
- कृषि में किसानों की सतत प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए उनकी आय को स्थायित्व (स्टेबिलिटी) देना.
- किसानों को कृषि में नवाचार और आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना.
- कृषि क्षेत्र में कर्ज के प्रवाह को सुनिश्चित करना है.
क्रियान्वयन एजेंसी
बीमा कंपनियों के कार्यान्वयन पर सारा नियंत्रण कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय करता है.
मंत्रालय की ओर से नामित पैनल में शामिल एआईसी और कुछ निजी बीमा कंपनियां वर्तमान में सरकार द्वारा प्रायोजित कृषि, फसल बीमा योजना में भाग लेती हैं.
फिलहाल निजी कंपनियों का चुनाव राज्य सरकार पर छोड़ दिया गया है. पूरे राज्य के लिए एक बीमा कंपनी होगी.