दंतेवाड़ा: कोरोना का टीका लगाने को लेकर प्रदेश और जिले में अफवाह फैली हुई है. यही वजह है कि कई ग्रामीण इलाकों में कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवा रहे. अब लोगों को जागरूक करने के लिए दिवंगत कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा और दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा के बेटे छबिंद्र कर्मा सामने आए हैं. औषधि बोर्ड के उपाध्यक्ष छबिन्द्र कर्मा (Drug Board Vice Chairman Chhabindra Karma) ने आम जनता से कोरोना का टीका जरूर लगवाने की अपील की है. छबीन्द्र कर्मा ने कहा कि अपनों को खोने का दर्द क्या होता है, वो मैं और मेरा परिवार जानते हैं. कुछ दिनों पहले ही कोरोना के चलते हमने अपने बड़े भाई दीपक कर्मा को खोया है. आप सभी के साथ ऐसा ना हो, इस कारण से समय पर जाकर टीका जरूर लगवाएं. यह पूरी तरह से सुरक्षित है.
बलौदाबाजार में चार दिनों में 50 से ज्यादा मरीजों की कोरोना से मौत
हौसला बनाए रखें, कोरोना से हम जरूर जीतेंगे
छबिन्द्र कर्मा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना रोकथाम के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है, हमें उनका साथ देना है. अपनों को खोने का दर्द क्या होता है, वो मैं और मेरा परिवार जानते हैं. आप सभी के साथ ऐसा ना हो, इसलिए टीका लगवाना जरूरी है. साथ ही आप दूसरे लोगों को भी टीका लगवाने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने कहा कि टीका लगवाने प्रशासन द्वारा पंचायत और जिला स्तर पर व्यवस्था की गई है. सर्दी-खांसी और अन्य परेशानी होने पर कोरोना की जांच कराएं, मास्क लगाएं और सामाजिक दूरी का पालन करें. आप सभी से अपील है कि हौसला बनाए रखें, कोरोना से हम जरूर जीतेंगे.
ब्लैक फंगस से छत्तीसगढ़ में पहली मौत: कोरोना को मात देने के बाद म्यूकरमाइकोसिस से हारा युवक
गुरुवार को दीपक कर्मा का कोरोना से हो गया था निधन
बता दें कि बस्तर टाइगर दिवंगत महेंद्र कर्मा और दंतेवाड़ा विधायक देवती कर्मा के बड़े बेटे दीपक कर्मा का कोरोना से पिछले गुरुवार को निधन हो गया था. गुरुवार तड़के 3:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली थी. कांग्रेस नेता दीपक कर्मा का अंतिम संस्कार उनके गृह ग्राम फरसपाल में किया गया था. दीपक कर्मा के निधन से बीजापुर-भोपालपट्टनम में शोक की लहर फैल गई थी. दीपक कर्मा को मौत से करीब 15 दिन पहले कोरोना संक्रमण हुआ. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए जगदलपुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कुछ दिनों बाद से उनकी हालत गंभीर रहने लगी और फेफड़ों में संक्रमण बढ़ता गया. जिसके बाद उन्होंने राजधानी के निजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया था, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी.