दंतेवाड़ा: भाजपा जिला पंचायत सदस्य रामू नेताम ने नीट सलेक्शन प्रक्रिया में आदिवासी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. भाजपा जिला पंचायत सदस्य ने दंतेवाड़ा के आदिवासी बच्चो का नीट परीक्षा क्वालीफाई करने के बाद भी काउंसलिंग न होने का मुख्य कारण प्रदेश सरकार की लचर शिक्षा व्यवस्था, और दंतेवाड़ा के जिला शिक्षा विभाग को माना है. रामू नेताम ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि शासन-प्रशासन होनहार विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है. उन्हें नक्सल पीड़ित क्षेत्र के होनहार बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है.
विभाग ने सर्वर को बताई वजह
दरअसल शिक्षा विभाग के मुताबिक सर्वर की समस्या के कारण बच्चों का काउंसिलिंग फार्म नहीं भरा जा सका है. जिसके चलते नीट के प्रथम चरण के काउंसिलिंग में दंतेवाड़ा जिले के करीब 17 अभ्यर्थियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया है. इनमें से कुछ अभ्यार्थी ऐसे हैं जिनका रैंक बेहतर होने से उनके एडमिशन की पूरी संभावना थी. लेकिन वे भी काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पाए.
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प्रदेश के बच्चों को छला गया: रामू
रामू नेताम ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मामला केवल दंतेवाड़ा का नहींं है. पूरे छत्तीसगढ़ के बच्चों को इस चयनित परीक्षा में छला गया है. नेताम ने कहा कि नीट जैसी विश्वसनीय चयनित परीक्षाओं में अन्य राज्यों के विदियार्थियों का फर्जी निवास प्रमाण पत्र के जरिए छत्तीसगढ़ के कोटा में डाका डाला गया है. आखिर किन दस्तावेजों के आधार पर अन्य राज्य के विदयार्थियों का छत्तीसगढ़ का निवास प्रमाण पत्र जारी हुआ है. इसकी जांच होनी चाहिए.
भविष्य के साथ खिलवाड़: रामू
नेताम ने कहा कि कांग्रेस एक ओर केंद्र की भाजपा सरकार को नक्सली उन्मूलन के नाम पर स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए सहयोग मांग रही है, वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के ही युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी कर रही है. इससे उसका दोहरा चरित्र साफ नजर आता है.