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नक्सलगढ़ में हाईटेक हुई खेती: ड्रोन के जरिए खेतों में हो रहा कीटनाशक का छिड़काव

स्वतंत्रता दिवस पर दंतेवाड़ा के कारली में कृषि विज्ञान केंद्र ने खेती के लिए एक नई तकनीक विकसित की है. जिसके तहत विभाग ने ड्रोन के सहारे खेतों में कीटनाशक छिड़काव का डेमो किया गया.

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कृषि विभाग ने दी किसानों के यह नई तकनीक
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Published : Aug 15, 2021, 1:26 PM IST

दंतेवाड़ा: स्वतंत्रता दिवस पर दंतेवाड़ा के कारली में कृषि विज्ञान केंद्र ने खेती के लिए एक नई तकनीक विकसित की है. जिसके तहत विभाग ने ड्रोन के सहारे खेतों में कीटनाशक छिड़काव का डेमो किया गया. झमाझम बारिश के बीच हुए इस डेमो को सैकड़ों के संख्या में किसान उपस्थित थे और उन्होंने इसकी जानकारी ली.

कृषि विभाग ने दी किसानों के यह नई तकनीक

इस दौरान जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन ने ड्रोन का बटन दबाया और ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक छिड़काव का काम आरंभ किया. यह डेमो चेन्नई की एक निजी कंपनी द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के आवाहन पर किया. कृषि विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. नारायण साहू ने बताया कि इस तकनीक से 20 मिनट में एक एकड़ खेत को कीटों से मुक्त किया जा सकता है. इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि उन्नत किस्म की पैदावार भी होगी. उन्होंने कहा कि यदि किसान इसे स्वीकार करते हैं तो निजी कंपनी इस उपकरण को किराए के अलावा बिक्री के लिए भी उपलब्ध कराएगी. यह नई तकनीक दक्षिण बस्तर जैसे कृषि के क्षेत्र में पिछड़े इलाके के लिए क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है.

दक्षिण भारत में भी हुआ था जलियांवाला बाग जैसा कांड

उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा जिला नक्सल प्रभावित होने के बावजूद इसने पहले ही जैविक खेती कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है. अब यहां के किसान जैविक खेती कर अच्छी पैदावार ले रहे हैं. जिसको देखते हुए किसानों को ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक का छिड़काव करने का डेमो दिखाया. आने वाले समय में किसानों को कम समय में अपने खेतों में कीटनाशक दवाई का छिड़काव करने में लाभदायक साबित होगा.

डॉ. नारायण साहू ने बताया कि जैविक खेती करने वाले लगभग 1000 किसान दंतेवाड़ा जिले में पंजीकृत हैं. जो अपने खेतों में जैविक कीटनाशक दवाइयां छिड़काव करते हैं. जिससे उनके खेतों में पैदावार अच्छी होती है.

दंतेवाड़ा: स्वतंत्रता दिवस पर दंतेवाड़ा के कारली में कृषि विज्ञान केंद्र ने खेती के लिए एक नई तकनीक विकसित की है. जिसके तहत विभाग ने ड्रोन के सहारे खेतों में कीटनाशक छिड़काव का डेमो किया गया. झमाझम बारिश के बीच हुए इस डेमो को सैकड़ों के संख्या में किसान उपस्थित थे और उन्होंने इसकी जानकारी ली.

कृषि विभाग ने दी किसानों के यह नई तकनीक

इस दौरान जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन ने ड्रोन का बटन दबाया और ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक छिड़काव का काम आरंभ किया. यह डेमो चेन्नई की एक निजी कंपनी द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के आवाहन पर किया. कृषि विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. नारायण साहू ने बताया कि इस तकनीक से 20 मिनट में एक एकड़ खेत को कीटों से मुक्त किया जा सकता है. इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि उन्नत किस्म की पैदावार भी होगी. उन्होंने कहा कि यदि किसान इसे स्वीकार करते हैं तो निजी कंपनी इस उपकरण को किराए के अलावा बिक्री के लिए भी उपलब्ध कराएगी. यह नई तकनीक दक्षिण बस्तर जैसे कृषि के क्षेत्र में पिछड़े इलाके के लिए क्रांतिकारी कदम साबित हो सकती है.

दक्षिण भारत में भी हुआ था जलियांवाला बाग जैसा कांड

उन्होंने कहा कि दंतेवाड़ा जिला नक्सल प्रभावित होने के बावजूद इसने पहले ही जैविक खेती कर एक कीर्तिमान स्थापित किया है. अब यहां के किसान जैविक खेती कर अच्छी पैदावार ले रहे हैं. जिसको देखते हुए किसानों को ड्रोन के माध्यम से कीटनाशक का छिड़काव करने का डेमो दिखाया. आने वाले समय में किसानों को कम समय में अपने खेतों में कीटनाशक दवाई का छिड़काव करने में लाभदायक साबित होगा.

डॉ. नारायण साहू ने बताया कि जैविक खेती करने वाले लगभग 1000 किसान दंतेवाड़ा जिले में पंजीकृत हैं. जो अपने खेतों में जैविक कीटनाशक दवाइयां छिड़काव करते हैं. जिससे उनके खेतों में पैदावार अच्छी होती है.

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