ETV Bharat / state

मन्नत पूरी: नौकरी से निकाला तो घुटने के बल पहुंचे दंतेश्वरी मंदिर, 29 स्वास्थ्यकर्मियों को वापस मिली जिम्मेदारी

दंतेवाड़ा में 29 स्वास्थ्यकर्मियों को सेवा समाप्ति का नोटिस देकर नौकरी से निकाल दिया गया था, जिससे परेशान कर्मचारी मां दंतेश्वरी मंदिर में अपनी मांग लेकर अर्जी लगाने पहुंचे. घर वापस लौटने के बाद उन्हें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का फोन आया और सभी को वापस नौकरी पर आने के आदेश दिए गए. स्वास्थ्यकर्मी इसे मां दंतेश्वरी की कृपा मान रहे हैं.

dantewada medical staff news
मां दंतेश्वरी के पास फरियाद लेकर पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी
author img

By

Published : Jul 3, 2020, 2:07 PM IST

Updated : Jul 3, 2020, 2:25 PM IST

दंतेवाड़ा: कोरोना संकट के बीच जिले के सरकारी अस्पताल में पदस्थ 29 स्वास्थ्यकर्मियों को सेवा समाप्ति का नोटिस थमा दिया गया, जिससे परेशान स्वास्थ्यकर्मियों ने घुटने के बल चलकर बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की. जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने सभी निकाले गए मेडिकल स्टाफ को वापस अपना कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए.

मां दंतेश्वरी के पास फरियाद लेकर पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी

जानकारी के मुताबिक बीते 3 वर्षों से एकम फाउंडेशन चेन्नई की कंपनी के अंतर्गत दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 29 लैब टेक्नीशियन स्वास्थ्य कर्मचारियों को फंड नहीं होने का हवाला देकर सेवा मुक्ति का नोटिस दे दिया गया. इसके अलावा ज्यादा कर्मचारी होने का भी हवाला दिया गया.

फरियाद लेकर पहुंचे मां दंतेश्वरी के द्वार

संकट के समय में दिन और रात अपनी सेवा देने वालों की नौकरी पर जब आंच आई, तो सभी ने अपनी अर्जी मां दंतेश्वरी के पास जाकर लगाई. किसी स्वास्थ्यकर्मी की आंखों में आंसू थे तो कोई मां अपने दुधमुंहे बच्चे को लेकर गुहार लगाने मंदिर पहुंची. सभी स्वास्थ्यकर्मी जयस्तंभ चौक से दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे.

घर पहुंचते ही मिली खुशखबरी

स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि मंदिर पहुंचकर उन्होंने देवी दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना की और अपनी नौकरी वापस मिल जाने की फरियाद लगाई, इसके बाद वे घर चले गए. घर पहुंचने के कुछ देर बाद ही दंतेवाड़ा के जिम्मेदार अधिकारी ने संपर्क कर उन्हें वापस अपने काम मे लौटने को कहा, जिसे स्वास्थ्यकर्मी मां दंतेश्वरी की कृपा मान रहे हैं. उनका मानना है कि दंतेश्वरी मां ने उनकी नौकरी उन्हें वापस दिलाई है.

पढ़ें- कोरोना से लड़ते हुए संक्रमित हो गए थे डॉ अतुल जिंदल, स्वस्थ होकर फिर शुरू कर दी लड़ाई

प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. रोजाना डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी अपनी और अपने परिवार की चिंता किए बगैर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसके बावजूद इस विपरित परिस्थिति में उनसे उनकी नौकरी छीन लेना अमानवीय है. अस्पतालों में 24 घंटे बिना रूके अपनी जिम्मेदारी पूरी करने वाले स्वास्थ्यकर्मी भले ही कोरोना वॉरियर्स कहला रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनकी कहानी कुछ और ही बयां करती है.

दंतेवाड़ा: कोरोना संकट के बीच जिले के सरकारी अस्पताल में पदस्थ 29 स्वास्थ्यकर्मियों को सेवा समाप्ति का नोटिस थमा दिया गया, जिससे परेशान स्वास्थ्यकर्मियों ने घुटने के बल चलकर बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की. जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने सभी निकाले गए मेडिकल स्टाफ को वापस अपना कार्यभार ग्रहण करने के आदेश दिए.

मां दंतेश्वरी के पास फरियाद लेकर पहुंचे स्वास्थ्यकर्मी

जानकारी के मुताबिक बीते 3 वर्षों से एकम फाउंडेशन चेन्नई की कंपनी के अंतर्गत दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 29 लैब टेक्नीशियन स्वास्थ्य कर्मचारियों को फंड नहीं होने का हवाला देकर सेवा मुक्ति का नोटिस दे दिया गया. इसके अलावा ज्यादा कर्मचारी होने का भी हवाला दिया गया.

फरियाद लेकर पहुंचे मां दंतेश्वरी के द्वार

संकट के समय में दिन और रात अपनी सेवा देने वालों की नौकरी पर जब आंच आई, तो सभी ने अपनी अर्जी मां दंतेश्वरी के पास जाकर लगाई. किसी स्वास्थ्यकर्मी की आंखों में आंसू थे तो कोई मां अपने दुधमुंहे बच्चे को लेकर गुहार लगाने मंदिर पहुंची. सभी स्वास्थ्यकर्मी जयस्तंभ चौक से दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे.

घर पहुंचते ही मिली खुशखबरी

स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि मंदिर पहुंचकर उन्होंने देवी दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना की और अपनी नौकरी वापस मिल जाने की फरियाद लगाई, इसके बाद वे घर चले गए. घर पहुंचने के कुछ देर बाद ही दंतेवाड़ा के जिम्मेदार अधिकारी ने संपर्क कर उन्हें वापस अपने काम मे लौटने को कहा, जिसे स्वास्थ्यकर्मी मां दंतेश्वरी की कृपा मान रहे हैं. उनका मानना है कि दंतेश्वरी मां ने उनकी नौकरी उन्हें वापस दिलाई है.

पढ़ें- कोरोना से लड़ते हुए संक्रमित हो गए थे डॉ अतुल जिंदल, स्वस्थ होकर फिर शुरू कर दी लड़ाई

प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. रोजाना डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी अपनी और अपने परिवार की चिंता किए बगैर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इसके बावजूद इस विपरित परिस्थिति में उनसे उनकी नौकरी छीन लेना अमानवीय है. अस्पतालों में 24 घंटे बिना रूके अपनी जिम्मेदारी पूरी करने वाले स्वास्थ्यकर्मी भले ही कोरोना वॉरियर्स कहला रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर इनकी कहानी कुछ और ही बयां करती है.

Last Updated : Jul 3, 2020, 2:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.