दंतेवाड़ा: नक्सलियों के आतंक के लिए जाना जाने वाला दंतेवाड़ा अब 'सशक्त दंतेवाड़ा' (sashakt Dantewada) के नाम से जाना जा रहा है. कोरोना और लॉकडाउन की वजह से पिछले डेढ़ साल से ठीक तरह से पढ़ाई से वंचित रहने वाले छात्रों के लिए जिले में 'ई लाइब्रेरी' e-library शुरू की गई है. जहां एक प्लेटफॉर्म पर 209 पुस्तकालयों को जोड़ा गया है. जहां 1 लाख 15 हजार 799 किताबें और बच्चों के पाठ्यक्रम हैं. 'सशक्त दंतेवाड़ा' की वेबसाइट बनाई गई है. जिसके माध्यम से सरकारी और गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों की ई-लाइब्रेरी को जोड़ा गया है.
1 प्लेटफॉर्म पर 209 लाइब्रेरी
कोरोना काल में दंतेवाड़ा कलेक्टर दीपक सोनी ने पढ़ने वाले बच्चों और युवाओं के लिए नई पहल शुरू की है. ऑनलाइन लाइब्रेरी के जरिए ना सिर्फ किताबें पढ़ सकेंगे बल्कि इच्छुक लोग किताबों को घर भी मंगा सकेंगे. पढ़ने के बाद किताबें वापस लाइब्रेरी में जमा कर सकते हैं. इसके लिए पहले शिक्षा विभाग की तरफ से बनाए गए ऐप में पंजीयन कराना होगा. जिसका शुल्क 3 सौ रुपये रखा गया है. ई लाइब्रेरी बनाने का उद्देश्य ये है कि इस एप के माध्यम से छात्र लाइब्रेरी से जुड़ सकें और लाइब्रेरी से किताबें लेकर अपनी परीक्षा की तैयारी कर सकें. आने वाले समय में ऑनलाइन लाइब्रेरी छात्रों के लिए वरदान साबित होगी.
नियुक्ति के इंतजार में मजदूर बन गए चयनित अभ्यर्थी, कोई वेल्डिंग कर रहा, कोई दूसरे के खेत में दिहाड़ी
ऑनलाइन लाइब्रेरी से घर बैठे मंगा सकते हैं किताबें
अब तक ऑनलाइन लाइब्रेरी में 23921 लोगों ने अपना पंजीयन करवाया है. जिससे इसका फायदा उन्हें मिलने भी लगा है. कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि, दंतेवाड़ा जिले को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा विभाग के माध्यम से जिले की सभी स्कूलों की लाइब्रेरी को जिला मुख्यालय में बनी लाइब्रेरी से जोड़ा गया है. कुल 209 लाइब्रेरी को ऑनलाइन किया गया है. ऑनलाइन लाइब्रेरी के जरिए छात्र घर बैठे किताबें पढ़ने के साथ ही किताबें मंगा भी सकते हैं. छात्रों को कम रेट पर किताबें पढ़ने के लिए दी जा रही है.
'पुस्तक महादान अभियान'
इसके साथ ही साथ जिले में पुस्तक महादान अभियान भी चलाया जा रहा है. जिसके माध्यम से आम जनों से अपील की जा रही है कि उनके घरों में जो भी पुरानी किताबें हैं. वह इस अभियान के तहत दान कर सकते हैं. दान में मिली इन किताबों को लाइब्रेरी में रखा जाएगा. जिसका लाभ छात्र और युवा उठा सकेंगे.
ई-लाइब्रेरी के जरिए सिलेबस पूरा कर सकेंगे छात्र
शिक्षा अधिकारी राजेश कर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से 2 साल से स्कूल बंद होने के कारण बहुत से बच्चे शिक्षा से वंचित हो गए हैं. उनकी पढ़ाई-लिखाई पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा है. जिसको देखते हुए जिला प्रशासन की तरफ से ऑनलाइन लाइब्रेरी की व्यवस्था की जा रही है. जिससे इन बच्चों को पंजीयन के बाद किताबें उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे वे अपने छूटे हुए सिलेबस को पूरा कर सकेंगे.