दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे अब सरकार की मदद पहुंचने लगी है. कलेक्टर दीपक सोनी की पहल पर पहली बार दंतेवाड़ा के धुर नक्सल प्रभावित गांव बेंगपाल और बड़े पल्ली में प्रशासन पहुंचा है. इलाके के 6 से ज्यादा गांवों के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा था. प्रशासन के पहुंचने के बाद इन गांव के सैकड़ों परिवार का राशन कार्य बनाया गया है.
दंतेवाड़ा के नक्सल प्रभावित क्षेत्र गुमियापाल पंचायत के आश्रित ग्राम बेंगपाल और बड़े पल्ली गांव के 115 हितग्राहियों को राशनकार्ड दिया गया है. दशकों बाद राशन कार्य और सरकार की मदद मिलने की खुशी से ग्रामीणों के आंसू छलक पड़े. ग्रामीणों ने सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब उन्हें राशन के लिए कोसों दूर पैदल सफर नहीं करना पड़ेगा.
बैंक एकाउंट खोलने का दिया आश्वासन
कलेक्टर दीपक सोनी ने राशनकार्ड के साथ इन ग्रामीणों का आधार कार्ड और बैंक एकाउंट खोलने की भी बात कही है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण आजतक इस इलाके के लोगों के पास कोई भी परिचय पत्र तक नहीं था. प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आज इन ग्रामीणों को राशनकार्ड और परिचय पत्र दिया गया है.
एसडीएम प्रकाश भारद्वाज ने ग्रामीणों में बांटा राशनकार्ड
अबतक प्रशासन की पहुंच से दूर जिले के आधा दर्जन गांव के लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ दिया गया है. गुमियापाल पंचायत के आश्रित ग्राम बेंगपाल, बड़े पल्ली और लोहा गांव पहुंच विहीन होने के कारण यहां के लोगों को शासन के किसी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था. शासन की पहल पर आज पहली बार गांव के लोगों को राशन कार्य दिया गया है. जल्द ही सभी ग्रामीणों के पास आधार कार्ड और बैंक खाता भी होगा. इसके लिए फार्म भी भरा लिया गया है.
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गांवों तक पहुंचने के लिए बनेगी सड़क
एसडीएम प्रकाश भारद्वाज ने बताया कि जल्द ही इन गांवों तक पहुंचने के सड़क निर्माण कराया जाएगा. अभी यहां के लोग करीब 10 किलोमीटर जंगल और पहाड़ी पैदल पार कर जरूरत का समान लेने किरंदुल पहुंचते हैं. बेंगपाल के पूर्व उप सरपंच भीमा ने बताया कि अपनी पहचान के लिए कोई कागज अबतक उनके पास नहीं था. आज पहली बार राशनकार्ड मिला है. आधार कार्ड भी बन रहा है, इससे बहुत खुशी हो रही है.
पहली बार मिला योजना का लाभ
गुमियापाल के जनपद सदस्य राजू भास्कर के मुताबिक सैकड़ों ग्रामीणों को अबतक शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था. उनकी पहचान के लिए भी उनके पास कोई पहचान पत्र न होने के कारण बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब राशन कार्ड मिल गया है.