दुर्ग: मां बेचती हैं सब्जी, पिता करते हैं बढ़ई का काम... होनहार बेटे लक्की ने छत्तीसगढ़ 12वीं बोर्ड परीक्षा में हासिल किया नौवां स्थान. ये तस्वीरें यकीकन आपको खुशी से भर देंगी. तस्वीरों में दिखने वाले छात्र का नाम है लक्की देवांगन. लक्की के पिता बढ़ई का काम करते हैं... मां गली-गली में जाकर सब्जी बेचती हैं.
कांटों भरी थी राह
लक्की पढ़ने में कितना होशियार है, इसका अंदाजा उसका रिजल्ट देखकर बखूबी लगाया जा सकता है. उसने बारहवीं में तमाम मुश्किलों के बावजूद 95.20 फीसदी अंक हासिल कर अपने परिवार के साथ ही जिले का भी नाम रोशन किया है. राजीव नगर के छोटे से मकान में रहने वाले लक्की ने जो सपना देखा था, उस तक पहुंचने की राह कांटों भरी थी. घर की माली हालत खस्ता होने से पढ़ाई के साथ-साथ उसे अखबार बांटने काम करना पड़ता था.
अखबार बांटने का किया काम
संघर्ष से लक्की का वास्ता करीब दो साल पहले ही पड़ गया था. ये बात उस वक्त की है जब वह दसवीं की पढ़ाई कर रहा था. उस दौरान वक्त और गरीबी की मार ने परिवार के साथ-साथ उसे भी काम करने के लिए मजबूर कर दिया. नतीजा यह हुआ कि पेट पालने के लिए उसे अखबार बांटने के लिए मजबूर होना पड़ा. उसने तब भी हार नहीं मानी और 10वीं बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में पांचवां तो दुर्ग जिले में पहला स्थान हासिल किया था.
पढ़े-लिखे नहीं है मां-बाप
लक्की के पिता महज दूसरी क्लास तक ही पढ़े हैं, तो मां अशिक्षित हैं. उनके माता-पिता खुद तो नहीं पढ़े, लेकिन वो बेटे को पढ़ा-लिखाकर बड़ा आदमी बनता देखना चाहते हैं. एक ओर जहां तमाम सुविधाओं के बावजूद बच्चे पढ़ाई से भागते नजर आते हैं, वहीं लक्की ने तमाम दिक्कतों से लड़ते हुए मेरिट लिस्ट में खुद को स्थापित कर यह बता दिया कि सफलता उसी को मिलती है, जिसके सपने में जान होती है.