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मां बेचती है सब्जी, पिता करते हैं बढ़ई का काम, लक्की ने 12वीं की मैरिट में हासिल किया 5वां स्थान

राजीव नगर के छोटे से मकान में रहने वाले लक्की ने जो सपना देखा था, उस तक पहुंचने की राह कांटों भरी थी. घर की माली हालत खस्ता होने से पढ़ाई के साथ-साथ उसे अखबार बांटने काम करना पड़ता था.

टॉपर लक्की देवांगन
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Published : May 11, 2019, 3:42 AM IST

Updated : May 11, 2019, 12:39 PM IST

दुर्ग: मां बेचती हैं सब्जी, पिता करते हैं बढ़ई का काम... होनहार बेटे लक्की ने छत्तीसगढ़ 12वीं बोर्ड परीक्षा में हासिल किया नौवां स्थान. ये तस्वीरें यकीकन आपको खुशी से भर देंगी. तस्वीरों में दिखने वाले छात्र का नाम है लक्की देवांगन. लक्की के पिता बढ़ई का काम करते हैं... मां गली-गली में जाकर सब्जी बेचती हैं.

टॉपर लक्की देंवागन के साथ खास बातचीत.

कांटों भरी थी राह
लक्की पढ़ने में कितना होशियार है, इसका अंदाजा उसका रिजल्ट देखकर बखूबी लगाया जा सकता है. उसने बारहवीं में तमाम मुश्किलों के बावजूद 95.20 फीसदी अंक हासिल कर अपने परिवार के साथ ही जिले का भी नाम रोशन किया है. राजीव नगर के छोटे से मकान में रहने वाले लक्की ने जो सपना देखा था, उस तक पहुंचने की राह कांटों भरी थी. घर की माली हालत खस्ता होने से पढ़ाई के साथ-साथ उसे अखबार बांटने काम करना पड़ता था.

अखबार बांटने का किया काम
संघर्ष से लक्की का वास्ता करीब दो साल पहले ही पड़ गया था. ये बात उस वक्त की है जब वह दसवीं की पढ़ाई कर रहा था. उस दौरान वक्त और गरीबी की मार ने परिवार के साथ-साथ उसे भी काम करने के लिए मजबूर कर दिया. नतीजा यह हुआ कि पेट पालने के लिए उसे अखबार बांटने के लिए मजबूर होना पड़ा. उसने तब भी हार नहीं मानी और 10वीं बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में पांचवां तो दुर्ग जिले में पहला स्थान हासिल किया था.

पढ़े-लिखे नहीं है मां-बाप
लक्की के पिता महज दूसरी क्लास तक ही पढ़े हैं, तो मां अशिक्षित हैं. उनके माता-पिता खुद तो नहीं पढ़े, लेकिन वो बेटे को पढ़ा-लिखाकर बड़ा आदमी बनता देखना चाहते हैं. एक ओर जहां तमाम सुविधाओं के बावजूद बच्चे पढ़ाई से भागते नजर आते हैं, वहीं लक्की ने तमाम दिक्कतों से लड़ते हुए मेरिट लिस्ट में खुद को स्थापित कर यह बता दिया कि सफलता उसी को मिलती है, जिसके सपने में जान होती है.

दुर्ग: मां बेचती हैं सब्जी, पिता करते हैं बढ़ई का काम... होनहार बेटे लक्की ने छत्तीसगढ़ 12वीं बोर्ड परीक्षा में हासिल किया नौवां स्थान. ये तस्वीरें यकीकन आपको खुशी से भर देंगी. तस्वीरों में दिखने वाले छात्र का नाम है लक्की देवांगन. लक्की के पिता बढ़ई का काम करते हैं... मां गली-गली में जाकर सब्जी बेचती हैं.

टॉपर लक्की देंवागन के साथ खास बातचीत.

कांटों भरी थी राह
लक्की पढ़ने में कितना होशियार है, इसका अंदाजा उसका रिजल्ट देखकर बखूबी लगाया जा सकता है. उसने बारहवीं में तमाम मुश्किलों के बावजूद 95.20 फीसदी अंक हासिल कर अपने परिवार के साथ ही जिले का भी नाम रोशन किया है. राजीव नगर के छोटे से मकान में रहने वाले लक्की ने जो सपना देखा था, उस तक पहुंचने की राह कांटों भरी थी. घर की माली हालत खस्ता होने से पढ़ाई के साथ-साथ उसे अखबार बांटने काम करना पड़ता था.

अखबार बांटने का किया काम
संघर्ष से लक्की का वास्ता करीब दो साल पहले ही पड़ गया था. ये बात उस वक्त की है जब वह दसवीं की पढ़ाई कर रहा था. उस दौरान वक्त और गरीबी की मार ने परिवार के साथ-साथ उसे भी काम करने के लिए मजबूर कर दिया. नतीजा यह हुआ कि पेट पालने के लिए उसे अखबार बांटने के लिए मजबूर होना पड़ा. उसने तब भी हार नहीं मानी और 10वीं बोर्ड परीक्षा में प्रदेश में पांचवां तो दुर्ग जिले में पहला स्थान हासिल किया था.

पढ़े-लिखे नहीं है मां-बाप
लक्की के पिता महज दूसरी क्लास तक ही पढ़े हैं, तो मां अशिक्षित हैं. उनके माता-पिता खुद तो नहीं पढ़े, लेकिन वो बेटे को पढ़ा-लिखाकर बड़ा आदमी बनता देखना चाहते हैं. एक ओर जहां तमाम सुविधाओं के बावजूद बच्चे पढ़ाई से भागते नजर आते हैं, वहीं लक्की ने तमाम दिक्कतों से लड़ते हुए मेरिट लिस्ट में खुद को स्थापित कर यह बता दिया कि सफलता उसी को मिलती है, जिसके सपने में जान होती है.

Intro:आज 12 वी कक्षा के परीक्षा परिणाम में दुर्ग के सरकारी स्कूल से पढ़ने वाला अनपढ़ माँ का दुलारा लक्की आज प्रदेश में टॉप 10 में 95.20 प्रतिशत पाकर अपना स्थान बनाए में सफल रहा है....
Body:वी ओ-प्रदेश में एजुकेशन हब के नाम से जाना जाने वाला दुर्ग भिलाई में हर साल होनहार बच्चे जिले का नाम रोशन करते है प्राइवेट स्कूलों के बच्चो को पछाड़कर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले लक्की देवांगन प्रदेश में नौवा स्थान प्राप्त किया है ...आपको बता दे कि ए वही लक्की देवांगन है जो दसवी कक्षा में भी सुबह सुबह अखबार बाटकर टॉप 10 में जिले में पांचवे स्थान तो जिले में पहला स्थान प्राप्त किया था लक्की आज 12 वी में भी प्रदेश में अपना स्थान बनाए में कामयाब रहा है

बाईट _लक्की देवांगन,टॉपर छात्र

वीओ_ दुर्ग के तितुरडीह सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला लक्की 95.20 % के साथ पुरे प्रदेश में नवा स्थान प्राप्त किया है राजीव नगर के छोटे से मकान में रहने वाले लक्की के पिता पेशे से कारपेंटर है तो माँ गलियों में पैदल घूम घूम कर सब्जी बेच कर परिवार का भरण पोषण करती है लक्की के पिता महज दूसरी क्लास पढ़े है तो उसकी माँ पूरी तरह अनपढ़ है लक्की के माता पिता खुद तो नहीं पढ़ सके लेकिन उनका सपना है कि वो अपने बेटे को पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनता देखना चाहते है लेकिन गरीबी उनके आड़े आ रही है फिलहाल बेटे कि इस कामयाबी से पूरा परिवार ख़ुशी से झुम रहा है ......

बाईट _कल्याणी देवांगन,लकी की माँ

बाईट_डेरहा देवांगन,लक्की के पिता



कोमेन्द्र सोनकर,दुर्गConclusion:
Last Updated : May 11, 2019, 12:39 PM IST
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