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बिलासपुर जिला अस्पताल के गेट पर महिला की मौत, परिजनों ने इलाज नहीं मिलने का लगाया आरोप - Family members accused of not getting treatment

बिलासपुर जिला अस्पताल के गेट पर महिला की मौत की मौत हो गई है. महिला के बेटे ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उसका कहना है कि अस्पताल पहुंचने पर करीब डेढ़ घंटे तक उसकी मां को इलाज नहीं मिला.

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परिजनों ने इलाज नहीं मिलने का लगाया आरोप
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Published : May 5, 2021, 10:55 PM IST

बिलासपुर: जिला अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. दरअसल एक महिला ने यहां इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. महिला को बिल्हा से बिलासपुर के जिला अस्पताल लाया गया था. लेकिन अस्पताल पहुंचने के बावजूद उसे सही इलाज नहीं मिल सका. ऐसे में महिला की मौत हो गई.

परिजनों ने इलाज नहीं मिलने का लगाया आरोप

'कोरोना अमीर-गरीब देख कर नहीं होता तो वैक्सीनेशन में वर्गीकरण क्यों ?'

क्या है पूरा मामला ?

महिला के बेटे ने आरोप लगाए हैं कि कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर अपनी 55 वर्षीय मां को बिल्हा क्षेत्र के धौराभाठा गांव से इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया था. लेकिन करीब डेढ़ घंटे तक उसकी मां को इलाज नहीं किया गया. मां की हालत हर पल बिगड़ रही थी. उसकी मां अस्पताल के बाहर तड़पती रही, लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा और किसी ने भी बीमार मरीज को देखने की जहमत नहीं उठाई. इलाज नहीं मिलने से तड़प-तड़प कर महिला की दर्दनाक मौत हो गई.

बलौदाबाजार में कोरोना से मौत का आंकड़ा 300 के पार पहुंचा

तमाम कोशिश विफल

बेटे का आरोप है कि उसका भाई कोटवार है. उसने मदद के लिए बिल्हा एसडीएम को फोन लगाया. एसडीएम ने बीएमओ और बीएमओ ने डॉक्टर को फोन लगाया. लेकिन तमाम कोशिश के बाद भी मां को वक्त रहते इलाज नहीं मिला है. बेटे ने बताया कि मां की मौत के गम से उबरा भी नहीं था कि उसके सामने मानवता को शर्मशार करने वाला एक और वाक्या हो गया. वहां तैनात कर्मचारियों ने शव को देने के एवज में बेबस बेटे से 500 सौ रुपए की मांग की है.

बिलासपुर: जिला अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. दरअसल एक महिला ने यहां इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. महिला को बिल्हा से बिलासपुर के जिला अस्पताल लाया गया था. लेकिन अस्पताल पहुंचने के बावजूद उसे सही इलाज नहीं मिल सका. ऐसे में महिला की मौत हो गई.

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महिला के बेटे ने आरोप लगाए हैं कि कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर अपनी 55 वर्षीय मां को बिल्हा क्षेत्र के धौराभाठा गांव से इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया था. लेकिन करीब डेढ़ घंटे तक उसकी मां को इलाज नहीं किया गया. मां की हालत हर पल बिगड़ रही थी. उसकी मां अस्पताल के बाहर तड़पती रही, लेकिन डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा और किसी ने भी बीमार मरीज को देखने की जहमत नहीं उठाई. इलाज नहीं मिलने से तड़प-तड़प कर महिला की दर्दनाक मौत हो गई.

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तमाम कोशिश विफल

बेटे का आरोप है कि उसका भाई कोटवार है. उसने मदद के लिए बिल्हा एसडीएम को फोन लगाया. एसडीएम ने बीएमओ और बीएमओ ने डॉक्टर को फोन लगाया. लेकिन तमाम कोशिश के बाद भी मां को वक्त रहते इलाज नहीं मिला है. बेटे ने बताया कि मां की मौत के गम से उबरा भी नहीं था कि उसके सामने मानवता को शर्मशार करने वाला एक और वाक्या हो गया. वहां तैनात कर्मचारियों ने शव को देने के एवज में बेबस बेटे से 500 सौ रुपए की मांग की है.

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