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लखनलाल साहू और अमर अग्रवाल को नहीं तो, आखिर बिलासपुर से किसे टिकट देगी बीजेपी ?

छत्तीसगढ़ के वर्तमान सांसदों के टिकट काटे जाने से राजनीति गर्मा गई है. कल तक जो सांसद अपने टिकट को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे थे आज उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

आखिर बिलासपुर से किसे टिकट देगी बीजेपी ?
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Published : Mar 20, 2019, 9:56 PM IST

बिलासपुर : भाजपा हाईकमान की ओर से छत्तीसगढ़ के वर्तमान सांसदों के टिकट काटे जाने से राजनीति गर्मा गई है. कल तक जो सांसद अपने टिकट को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे थे आज उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. वहीं प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट बिलासपुर की बात करें तो इस सीट से टिकट किसे दिए जाएगा ये कह पाना बहुत ही मुश्किल है.


दरअसल भजपा केंद्रीय चुनाव समिति ने ये ऐलान किया है कि प्रदेश में किसी भी वर्तमान सांसद को टिकट नहीं दिया जाएगा. पार्टी के इस कड़े निर्णय के बाद पूरे प्रदेश के साथ-साथ बिलासपुर सीट पर अब किसे टिकट मिलेगा, ये अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. हाल ही में ईटीवी भारत से बात करते हुए सांसद लखनलाल साहू ने कहा था कि, 'उन्हें पूरा यकीन है कि पार्टी उन्हें दोबारा मौका देगी', लेकिन भाजपा हाईकमान के फैसले के बाद लखनलाल साहू समेत प्रदेश के तमाम 10 सांसदों के हाथ निराशा लगी है.

इन्हेंटिकट मिलने की संभावनाएं कम
वहीं दूसरी ओर सीईसी ने अपने फैसले में ये साफ कह दिया है कि, 'प्रदेश के हारे उम्मीदवारों और जीते हुए किसी भी एमएलए को टिकट नहीं दिया जाएगा'. ऐसे में अमर अग्रवाल और धरमलाल कौशिक को भी टिकट मिलने की संभावनाएं कम हैं.

एकमात्र चुनावी चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
चुनावी जानकारों की मानें तो भाजपा इस पूरे मामले में दो रणनीति पर काम कर रही है. पहला ये कि वर्तमान सांसदों को टिकट दिए जाने की स्थिति में एन्टी इनकंबेंसी फैक्टर के दुष्परिणाम भी आ सकते हैं इसीलिए एन्टीइनकम्बेंसी फैक्टर को नए चेहरे को मौका देकर बहुत हद तक डाइल्यूट किया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर ये भी सम्भव है कि भाजपा इस बार भी 2014 की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एकमात्र चुनावी चेहरा बनाए रखना चाहती है और इसी आधार पर एक बार फिर जीत हासिल करना चाहती है'.

बिलासपुर : भाजपा हाईकमान की ओर से छत्तीसगढ़ के वर्तमान सांसदों के टिकट काटे जाने से राजनीति गर्मा गई है. कल तक जो सांसद अपने टिकट को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे थे आज उनकी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है. वहीं प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट बिलासपुर की बात करें तो इस सीट से टिकट किसे दिए जाएगा ये कह पाना बहुत ही मुश्किल है.


दरअसल भजपा केंद्रीय चुनाव समिति ने ये ऐलान किया है कि प्रदेश में किसी भी वर्तमान सांसद को टिकट नहीं दिया जाएगा. पार्टी के इस कड़े निर्णय के बाद पूरे प्रदेश के साथ-साथ बिलासपुर सीट पर अब किसे टिकट मिलेगा, ये अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है. हाल ही में ईटीवी भारत से बात करते हुए सांसद लखनलाल साहू ने कहा था कि, 'उन्हें पूरा यकीन है कि पार्टी उन्हें दोबारा मौका देगी', लेकिन भाजपा हाईकमान के फैसले के बाद लखनलाल साहू समेत प्रदेश के तमाम 10 सांसदों के हाथ निराशा लगी है.

इन्हेंटिकट मिलने की संभावनाएं कम
वहीं दूसरी ओर सीईसी ने अपने फैसले में ये साफ कह दिया है कि, 'प्रदेश के हारे उम्मीदवारों और जीते हुए किसी भी एमएलए को टिकट नहीं दिया जाएगा'. ऐसे में अमर अग्रवाल और धरमलाल कौशिक को भी टिकट मिलने की संभावनाएं कम हैं.

एकमात्र चुनावी चेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
चुनावी जानकारों की मानें तो भाजपा इस पूरे मामले में दो रणनीति पर काम कर रही है. पहला ये कि वर्तमान सांसदों को टिकट दिए जाने की स्थिति में एन्टी इनकंबेंसी फैक्टर के दुष्परिणाम भी आ सकते हैं इसीलिए एन्टीइनकम्बेंसी फैक्टर को नए चेहरे को मौका देकर बहुत हद तक डाइल्यूट किया जा सकता है. वहीं दूसरी ओर ये भी सम्भव है कि भाजपा इस बार भी 2014 की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एकमात्र चुनावी चेहरा बनाए रखना चाहती है और इसी आधार पर एक बार फिर जीत हासिल करना चाहती है'.

Intro:भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा सिटिंग एमपी को टिकट नहीं दिए जाने के ऐलान के बाद अब पूरे प्रदेश में राजनीतिक खलबली मच गई है । बात प्रदेश की बेहद ही हाइप्रोफाइल सीट बिलासपुर की करें तो बिलासपुर में आखिर किसको मिलेगा टिकट यह एक अबुझ पहेली जैसा हो गया है ।


Body:दरअसल भजपा केंद्रीय चुनाव समिति ने यह ऐलान किया है कि प्रदेश में किसी भी वर्तमान सांसद को टिकट नहीं दिया जाएगा ।पार्टी के इस कड़े निर्णय के बाद पूरे प्रदेश के साथ-साथ बिलासपुर सीट पर अब किसे टिकट मिलेगी यह अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है । हाल ही में हमारी बात जब वर्तमान एमपी लखनलाल साहू से हुई थी तो उन्होंने यह कहा था कि उन्हें पूरा यकीन है कि पार्टी उन्हें दुबारा जरूर मौका देगी । लेकिन वर्तमान एमपी के टिकट कटने की केंद्रीय चुनाव समिति की घोषणा के बाद अब कम से कम यह तो क्लीयर हो ही गया कि लखनलाल साहू समेत प्रदेश के तमाम दसों एमपी दुबारा चुनाव लड़ने के सुख से वंचित रहेंगे । दूसरी ओर पुख्ता सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक सीईसी ने अपने कड़े फैसले में हारे जीते किसी भी एमएलए को टिकट ना देनी की बात भी कही है । ऐसे में बिलासपुर के पूर्व और बिल्हा के वर्तमान विधायक अमर अग्रवाल और धरमलाल कौशिक का दिल्ली जाने का मार्ग भी बंद नजर आने लगा है । ऐसे में बिलासपुर के लिए टिकट घोषणा होने के आखिरी घड़ी में भी आखिर किसे मिलेगा टिकट का अनुमान लगाना कठिन हो गया है ।
चुनावी जानकारों की मानें तो भाजपा इस पूरे मामले में दो रणनीति पर काम कर रही है । पहला यह कि वर्तमान सांसदों को टिकट दिए जाने की स्थिति में एन्टी इनकंबेंसी फैक्टर के दुष्परिणाम भी आ सकते हैं,इसलिए एन्टीइनकम्बेंसी फैक्टर को नए चेहरे को मौका देकर बहुत हद तक डाइल्यूट किया जा सकता है । दूसरा यह कि सम्भवतः भाजपा इस बार भी 2014 की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एकमात्र चुनावी चेहरा बनाये रखना चाहती है और इसी आधार पर एकबार फिर अपना बेड़ापार करना चाहती है ।
विशाल झा...... बिलासपुर


Conclusion:
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