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बिलासपुर में बिगड़ती कानून व्यवस्था का जिम्मेदार कौन

बिलासपुर जिले में लगातार कानून व्यवस्था की कमजोरी से घटनाएं बढ़ी हुई है. पिछले एक साल में चाकूबाजी के आंकड़े की बात करे तो ये आंकड़े 100 के पार हो गए है. पुलिस महकमे में आम जनता से दोस्ती और दलाल किस्म के लोग पुलिस थानों में जमे रहते है. जो पुलिस के साथ ही अपराधियों को लाभ पहुंचाने का काम करते हैं.इस मामले में आम जनता की क्या राय है और वे पुलिस की कार्यप्रणाली के बारे में क्या सोचते है जानेंगे इस रिपोर्ट में. bilaspur crime news

law and order situation in bilaspur
बिलासपुर में बिगड़ती कानून व्यवस्था का जिम्मेदार कौन
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Published : Oct 13, 2022, 6:36 PM IST

Updated : Oct 18, 2022, 8:37 PM IST

बिलासपुर : पिछले कुछ महीनों से बिलासपुर की लॉ एंड आर्डर की बिगड़ती सूरत और पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर अब आम जनता के साथ ही राजनीतिक पार्टियां भी खुलकर बोलने लगी (law and order situation in bilaspur) हैं. आम जनता लगातार हो रहे चाकूबाजी, हत्या, चोरी, मारपीट और सड़कों पर उत्पात मचाने वालों से परेशान है.इस मामले में आम जनता का कहना है कि '' पिछले साल हुए ट्रांसफर और पुलिस कप्तान को अचानक हटाए जाने के बाद नए अधिकारी और कर्मचारी नही संभाल पा रहे बिलासपुर की कानून व्यवस्था. प्रदेश के दूसरे नंबर के जिले के रूप में जाने जानेवाले न्यायधानी बिलासपुर में लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था चरमरा गई है.''

बिलासपुर में बिगड़ती कानून व्यवस्था
क्या ट्रांसफर है बड़ी वजह : बिलासपुर जिले में 1 साल में दो एसपी के बदलने और इसके बाद जिले के थाना प्रभारी और दूसरे अधिकारी, कर्मचारियों की हुई ट्रांसफर से अचानक ही पुलिस की पकड़ कमजोर हो गई. यही कारण है कि जिले में लगातार चोरी, डकैती, हत्या और हत्या के प्रयास के मामले बढ़ते चले गए. यदि चाकूबाजी की बात करें तो 1 साल में यह आंकड़े 100 के पार हो गए हैं, और अब पुलिस के कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कमरकसी पुलिस अभी भी पूरी तरह से हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों को कंट्रोल नहीं कर पाई है. अचानक ही बिलासपुर पुलिस में हुए तबादले ने अपराधियों के अंदर से पुलिस का भय निकाल दिया गया है, और यही कारण है कि लगातार क्राइम की घटनाएं बढ़ती जा रही है.

क्या है कांग्रेस का कहना : आम जनता के साथ ही अब रूलिंग पार्टी के नेताओ को भी बिलासपुर की कानून व्यवस्था की चिंता होने लगी है. जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य महेश दुबे ने इस मामले में कहा है कि '' मेरा मानना है कि कानून व्यवस्था तेजी से बिगड़ी है और कानून व्यवस्था पर सुधार की आवश्यकता है. सरकार की छवि को खराब भी कर रहा है. अधिकारी पुलिस विभाग के छुटभैये नेता अधिकारियों के जन्मदिन पर केक खिला रहे हैं. यही अवसरवादी छुटभैय्ये बाद में शासन प्रशासन की दलाली कर हमारी सरकार को बदनाम करते है. वातावरण ऐसे लोगो से प्रदूषित हो रहा है. सबसे बड़ा कारण नशा है. दूसरा मुखबिर तंत्र कमजोर पड़ गया है. आज पुलिस को घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज खंगालने पड़ते है. 20 साल पहले बिना सीसीटीवी के फुटेज के अपराधी पकड़े जाते थे क्योकि उनका मुखबिर तंत्र मजबूत था. अभी वर्तमान में दलाल जैसे लोग जहां रहेंगे कानून व्यवस्था की ऐसी ही स्थिति रहेगी.''

पुलिस की सुस्ती से बिगड़ी कानून व्यवस्था : बिलासपुर के शुभम विहार में रहने वाले विशाल सिंह ने कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर पुलिस को ही जिम्मेदार बताया है. विशाल सिंह ने कहा कि '' अभी जो स्थिति निर्मित हुई है वो खुद पुलिस की वजह से हुई है. पुलिस की नाइट पेट्रोलिंग में कमी आई है. चौक चौराहों में पुलिस की तैनाती होनी चाहिए जो देर रात तक घूमने वालो की चेकिंग करे. रात में ड्यूटी करने वाले ज्यादातर पुलिसकर्मी शराब पीकर ड्यूटी करते है. पुलिस कप्तान को ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों की जांच करानी चाहिए जो ड्यूटी पर है वो सही है या नही. वे ड्यूटी वाले पॉइंट पर है भी या नही. विशाल सिंह ने कहा कि पहले के मुकाबले मुखबिर तंत्र काफी कमजोर हुआ है.''

नाबालिग अपराध के कानून में गैर जमानती धारा लगनी चाहिए : राजेन्द्र नगर थाना सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाले धर्मेश शर्मा ने कहा कि इस समय नाबालिग अपराध की दुनिया मे तेजी से आ रहे है. नाबालिगों को अपने द्वारा करने वाले अपराध पर होने वाले सजा के विषय मे जानते तक नही है. उन्हें लगता है कि अपराध के बाद जल्दी ही जमानत मिल जाती है और वो इस तरह के मामलों में देखते भी है कि नाबालिग अपराध कर जल्द ही जमानत पर बाहर आकर घूमने लगते है. उनको देखकर वे भी अपराध करने में पीछे नही रहते है और यही कारण है कि लगातार अपराध की दुनिया मे वे कदम रख रहे है.''

सीएम के संज्ञान में हैं मामले : महापौर रामशरण यादव ने इस मामले में कहा कि '' मुख्यमंत्री ने इस मामले को संज्ञान में लिया है और करवाई भी शुरू हो गई है. इस मामले में महापौर ने कहा है कि वे भी शहर में बढ़ते अपराध को लेकर चिंतित है और इस मामले में वे बिलासपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी और एसएसपी पारुल माथुर से मीटिंग कर चर्चा करेंगे ताकि शहर में बढ़ते क्राइम के जर्फ में कमी आ सके.''

अपराधियों को मानते हैं आइडल : लगातार बढ़ते अपराध में ज्यादातर मामले में नाबालिगों के शामिल होने की जानकारी लगती है. नाबालिगों के द्वारा अपराध को बेखौफ होकर अंजाम भी दिया जा रहा है. इस मामले में बिलासपुर की एसएसपी पारुल माथुर (SSP Parul Mathur) का कहना है कि '' लगातार अपराध की दुनिया में युवा पीढ़ी कदम रख रही है. अब यह प्रॉब्लम सिर्फ पुलिस की नहीं बल्कि सामाजिक प्रॉब्लम बनती जा रही है. इसको लेकर अभिभावकों को भी जागरूक होने की जरूरत है, क्योंकि देखा जा रहा है कि ज्यादातर नाबालिग जो अपराध में संलिप्त हैं. वह किसी ना किसी हिस्ट्रीशीटर और उनके किए अपराध को लेकर प्रभावित रहते हैं. ऐसे हिस्ट्रीशीटर को जिनके कई क्राइम रिकॉर्ड हैं. उन्हें अपना आइडियल भी मानने लगे हैं. यही कारण है कि युवा पीढ़ी और नाबालिग उन्हीं की तरह बनना चाहती है. वो वैसे ही अपराध कर नाम कमाना चाहती है. यही कारण है कि तेजी से नाबालिग और युवा पीढ़ी अपराध की दुनिया में कदम रख रहे हैं.''

बिलासपुर : पिछले कुछ महीनों से बिलासपुर की लॉ एंड आर्डर की बिगड़ती सूरत और पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर अब आम जनता के साथ ही राजनीतिक पार्टियां भी खुलकर बोलने लगी (law and order situation in bilaspur) हैं. आम जनता लगातार हो रहे चाकूबाजी, हत्या, चोरी, मारपीट और सड़कों पर उत्पात मचाने वालों से परेशान है.इस मामले में आम जनता का कहना है कि '' पिछले साल हुए ट्रांसफर और पुलिस कप्तान को अचानक हटाए जाने के बाद नए अधिकारी और कर्मचारी नही संभाल पा रहे बिलासपुर की कानून व्यवस्था. प्रदेश के दूसरे नंबर के जिले के रूप में जाने जानेवाले न्यायधानी बिलासपुर में लॉ एंड ऑर्डर की व्यवस्था चरमरा गई है.''

बिलासपुर में बिगड़ती कानून व्यवस्था
क्या ट्रांसफर है बड़ी वजह : बिलासपुर जिले में 1 साल में दो एसपी के बदलने और इसके बाद जिले के थाना प्रभारी और दूसरे अधिकारी, कर्मचारियों की हुई ट्रांसफर से अचानक ही पुलिस की पकड़ कमजोर हो गई. यही कारण है कि जिले में लगातार चोरी, डकैती, हत्या और हत्या के प्रयास के मामले बढ़ते चले गए. यदि चाकूबाजी की बात करें तो 1 साल में यह आंकड़े 100 के पार हो गए हैं, और अब पुलिस के कार्रवाई को लेकर मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कमरकसी पुलिस अभी भी पूरी तरह से हत्या और हत्या के प्रयास के मामलों को कंट्रोल नहीं कर पाई है. अचानक ही बिलासपुर पुलिस में हुए तबादले ने अपराधियों के अंदर से पुलिस का भय निकाल दिया गया है, और यही कारण है कि लगातार क्राइम की घटनाएं बढ़ती जा रही है.

क्या है कांग्रेस का कहना : आम जनता के साथ ही अब रूलिंग पार्टी के नेताओ को भी बिलासपुर की कानून व्यवस्था की चिंता होने लगी है. जिला कांग्रेस कमेटी के सदस्य महेश दुबे ने इस मामले में कहा है कि '' मेरा मानना है कि कानून व्यवस्था तेजी से बिगड़ी है और कानून व्यवस्था पर सुधार की आवश्यकता है. सरकार की छवि को खराब भी कर रहा है. अधिकारी पुलिस विभाग के छुटभैये नेता अधिकारियों के जन्मदिन पर केक खिला रहे हैं. यही अवसरवादी छुटभैय्ये बाद में शासन प्रशासन की दलाली कर हमारी सरकार को बदनाम करते है. वातावरण ऐसे लोगो से प्रदूषित हो रहा है. सबसे बड़ा कारण नशा है. दूसरा मुखबिर तंत्र कमजोर पड़ गया है. आज पुलिस को घटना के बाद सीसीटीवी फुटेज खंगालने पड़ते है. 20 साल पहले बिना सीसीटीवी के फुटेज के अपराधी पकड़े जाते थे क्योकि उनका मुखबिर तंत्र मजबूत था. अभी वर्तमान में दलाल जैसे लोग जहां रहेंगे कानून व्यवस्था की ऐसी ही स्थिति रहेगी.''

पुलिस की सुस्ती से बिगड़ी कानून व्यवस्था : बिलासपुर के शुभम विहार में रहने वाले विशाल सिंह ने कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर पुलिस को ही जिम्मेदार बताया है. विशाल सिंह ने कहा कि '' अभी जो स्थिति निर्मित हुई है वो खुद पुलिस की वजह से हुई है. पुलिस की नाइट पेट्रोलिंग में कमी आई है. चौक चौराहों में पुलिस की तैनाती होनी चाहिए जो देर रात तक घूमने वालो की चेकिंग करे. रात में ड्यूटी करने वाले ज्यादातर पुलिसकर्मी शराब पीकर ड्यूटी करते है. पुलिस कप्तान को ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों की जांच करानी चाहिए जो ड्यूटी पर है वो सही है या नही. वे ड्यूटी वाले पॉइंट पर है भी या नही. विशाल सिंह ने कहा कि पहले के मुकाबले मुखबिर तंत्र काफी कमजोर हुआ है.''

नाबालिग अपराध के कानून में गैर जमानती धारा लगनी चाहिए : राजेन्द्र नगर थाना सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाले धर्मेश शर्मा ने कहा कि इस समय नाबालिग अपराध की दुनिया मे तेजी से आ रहे है. नाबालिगों को अपने द्वारा करने वाले अपराध पर होने वाले सजा के विषय मे जानते तक नही है. उन्हें लगता है कि अपराध के बाद जल्दी ही जमानत मिल जाती है और वो इस तरह के मामलों में देखते भी है कि नाबालिग अपराध कर जल्द ही जमानत पर बाहर आकर घूमने लगते है. उनको देखकर वे भी अपराध करने में पीछे नही रहते है और यही कारण है कि लगातार अपराध की दुनिया मे वे कदम रख रहे है.''

सीएम के संज्ञान में हैं मामले : महापौर रामशरण यादव ने इस मामले में कहा कि '' मुख्यमंत्री ने इस मामले को संज्ञान में लिया है और करवाई भी शुरू हो गई है. इस मामले में महापौर ने कहा है कि वे भी शहर में बढ़ते अपराध को लेकर चिंतित है और इस मामले में वे बिलासपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी और एसएसपी पारुल माथुर से मीटिंग कर चर्चा करेंगे ताकि शहर में बढ़ते क्राइम के जर्फ में कमी आ सके.''

अपराधियों को मानते हैं आइडल : लगातार बढ़ते अपराध में ज्यादातर मामले में नाबालिगों के शामिल होने की जानकारी लगती है. नाबालिगों के द्वारा अपराध को बेखौफ होकर अंजाम भी दिया जा रहा है. इस मामले में बिलासपुर की एसएसपी पारुल माथुर (SSP Parul Mathur) का कहना है कि '' लगातार अपराध की दुनिया में युवा पीढ़ी कदम रख रही है. अब यह प्रॉब्लम सिर्फ पुलिस की नहीं बल्कि सामाजिक प्रॉब्लम बनती जा रही है. इसको लेकर अभिभावकों को भी जागरूक होने की जरूरत है, क्योंकि देखा जा रहा है कि ज्यादातर नाबालिग जो अपराध में संलिप्त हैं. वह किसी ना किसी हिस्ट्रीशीटर और उनके किए अपराध को लेकर प्रभावित रहते हैं. ऐसे हिस्ट्रीशीटर को जिनके कई क्राइम रिकॉर्ड हैं. उन्हें अपना आइडियल भी मानने लगे हैं. यही कारण है कि युवा पीढ़ी और नाबालिग उन्हीं की तरह बनना चाहती है. वो वैसे ही अपराध कर नाम कमाना चाहती है. यही कारण है कि तेजी से नाबालिग और युवा पीढ़ी अपराध की दुनिया में कदम रख रहे हैं.''

Last Updated : Oct 18, 2022, 8:37 PM IST
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