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कोरोना से बचाव के लिए आगे आए ग्रामीण , पूरे गांव को किया सील

पेंड्रा गौरेला मरवाही के ग्रामीण इलाकों की जनता शहरी इलाकों से एक कदम आगे निकली. कोरोना वायरस से ग्राम पंचायत की जनता और ग्राम को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए पंचायतों ने खुद को लॉकडाउन कर लिया है इसके लिए गांव के मुख्य प्रवेश मार्गों पर नाका लगाकर आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है, इसके बावजूद यदि किसी का गांव से जाना आवश्यक है तो रजिस्टर में उनके आने-जाने का समय ,कारण,आधार नंबर , मोबाइल नंबर और वाहन क्रमांक उनके नाम के साथ दर्ज किया जा रहा है.

Villagers came forward to fight from Corona
कोरोना से बचाव के लिए आगे आए ग्रामीण
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Published : Apr 9, 2020, 1:09 AM IST

बिलासपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम के लिए लॉकडाउन किया गया था, जिसके साथ छत्तीसगढ़ की सीमाएं भी सील की गई थी. इसके साथ ही नगरीय और शहरी इलाकों में धारा 144 लगाई गई थी इसे ग्रामीण इलाकों पर भी लागू कर दिया गया, कोरोना वायरस को लेकर छत्तीसगढ़ की जनता काफी सजग है.

कोरोना से बचाव के लिए आगे आए ग्रामीण

पेंड्रा गौरेला मरवाही के ग्रामीण इलाकों की जनता शहरी इलाकों से एक कदम आगे निकली कोरोना वायरस से ग्राम पंचायत की जनता और ग्राम को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए पंचायतों ने खुद को लॉकडाउन कर लिया है इसके लिए गांव के मुख्य प्रवेश मार्गों पर नाका लगाकर आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है, इसके बावजूद यदि किसी का गांव से जाना आवश्यक है तो रजिस्टर में उनके आने-जाने का समय ,कारण,आधार नंबर , मोबाइल नंबर और वाहन क्रमांक उनके नाम के साथ दर्ज किया जा रहा है.

युवा कर रहे है नाकों पर ड्यूटी

यही स्थिति दूसरे गांव से इन गांवों के अंदर प्रवेश करने पर होती है , पहले तो उन्हें लॉक डाउनलोड और धारा 144 का हवाला देकर गांव में प्रवेश से रोका जाता है पर सिर्फ राशन , सब्जी ,बैंक या चिकित्सा कारणों से ही गांव के अंदर या बाहर जाने की छूट मिली हुई है. इसके लिए पंचायतों में युवाओं की समितियां बना दी गई हैं, जो इन नाकों पर ड्यूटी देते हैं, नाकों के सामने बैनर लगाकर चेतावनी भी लगाई गई है ताकि लोग गांव में आना जाना ना करें.

गांव में लगा बैरियर

जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही का ज्यादातर इलाका मध्य प्रदेश के कई जिलों से छूता है इसलिए ने प्रशासन अपने स्तर पर भी कई जगह बैरियर लगा रखे हैं और लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है पर ग्रामीण इलाकों में इस तरह की जागरूकता निश्चय ही सराहनीय और अनुकरणीय है.

बिलासपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण से रोकथाम के लिए लॉकडाउन किया गया था, जिसके साथ छत्तीसगढ़ की सीमाएं भी सील की गई थी. इसके साथ ही नगरीय और शहरी इलाकों में धारा 144 लगाई गई थी इसे ग्रामीण इलाकों पर भी लागू कर दिया गया, कोरोना वायरस को लेकर छत्तीसगढ़ की जनता काफी सजग है.

कोरोना से बचाव के लिए आगे आए ग्रामीण

पेंड्रा गौरेला मरवाही के ग्रामीण इलाकों की जनता शहरी इलाकों से एक कदम आगे निकली कोरोना वायरस से ग्राम पंचायत की जनता और ग्राम को पूरी तरह सुरक्षित करने के लिए पंचायतों ने खुद को लॉकडाउन कर लिया है इसके लिए गांव के मुख्य प्रवेश मार्गों पर नाका लगाकर आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है, इसके बावजूद यदि किसी का गांव से जाना आवश्यक है तो रजिस्टर में उनके आने-जाने का समय ,कारण,आधार नंबर , मोबाइल नंबर और वाहन क्रमांक उनके नाम के साथ दर्ज किया जा रहा है.

युवा कर रहे है नाकों पर ड्यूटी

यही स्थिति दूसरे गांव से इन गांवों के अंदर प्रवेश करने पर होती है , पहले तो उन्हें लॉक डाउनलोड और धारा 144 का हवाला देकर गांव में प्रवेश से रोका जाता है पर सिर्फ राशन , सब्जी ,बैंक या चिकित्सा कारणों से ही गांव के अंदर या बाहर जाने की छूट मिली हुई है. इसके लिए पंचायतों में युवाओं की समितियां बना दी गई हैं, जो इन नाकों पर ड्यूटी देते हैं, नाकों के सामने बैनर लगाकर चेतावनी भी लगाई गई है ताकि लोग गांव में आना जाना ना करें.

गांव में लगा बैरियर

जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही का ज्यादातर इलाका मध्य प्रदेश के कई जिलों से छूता है इसलिए ने प्रशासन अपने स्तर पर भी कई जगह बैरियर लगा रखे हैं और लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है पर ग्रामीण इलाकों में इस तरह की जागरूकता निश्चय ही सराहनीय और अनुकरणीय है.

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