बिलासपुरः नेवरा ग्राम पंचायत में अवैध रूप से खोले गए डेयरी को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश हैं. ग्रामीण डेयरी को बंद करने और नायब तहसीलदार को हटाने की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि डेयरी हटवाने के लिए उन्होंने तहसीलदार से मांग की थी. जिसके बाद वारंट भी जारी हो गया था, लेकिन बाद में तहसीलदार ने कार्यवाही को रोक दिया.
डेयरी को लेकर ग्रामीणों मे आक्रोश
तखतपुर विधानसभा के ग्राम पंचायत नेवरा के पाड़े पढ़ाइन तालाब के पास अवैध रूप से डेयरी बनाया गया है. जहां पर लगभग 50 से 60 गायों को रखा गया है. ग्रामीणों का कहना है कि गायों का मल-मूत्र तालाब में जाता है. मरे हुए जानवरों को भी उसी तालाब में फेंक दिया जाता है. जिससे तालाब का पानी गंदा हो रहा है और बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पशु पक्षी उसी तालाब का पानी पीते हैं तो उनमें संक्रमण और गंभीर बीमारी भी फैल सकती है.
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नायब तहसीलदार पर ग्रामीणों ने लगाया आरोप
जनहित का कार्य मानते हुए डेयरी को हटाने के लिए ग्रामीणों ने गनियारी तहसीलदार से शिकायत भी की थी. तहसीलदार ने खुद बेदखली का वारंट जारी किया था, लेकिन बाद में तहसीलदार ने डेयरी संचालक से घूस लेकर कार्यवाही को रोक दी. जिसके बाद ग्रामीणों ने कांग्रेस नेता बिहारी सिंह के नेतृत्व में कलेक्टर बीके उइके से मिलकर बात की. साथ ही संसदीय सचिव रश्मि सिंह को ज्ञापन देते हुए डेयरी और तहसीलदार को हटाने की मांग की है.