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Gorela Pendra Marwahi Unseasonal rain: गौरेला पेंड्रा मरवाही में बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान

गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में बेमौसम बारिश से फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. खासकर महुआ संग्रह में ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Unseasonal rain
बेमौसम बारिश
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Published : Mar 18, 2023, 2:24 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही: छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में येलो अलर्ट के बीच बदले मौसम के मिजाज ने लोगों को जहां एक ओर गर्मी से राहत दिलायी है. वहीं, दूसरी ओर बेमौसम बारिश फसलों के लिए आफत साबित हो रही है. खेती के साथ-साथ महुआ संग्रह में भी लोगों को काफी नुकसान हो रहा है. मौसम विभाग के मुताबित 20 मार्च तक ऐसा मौसम रहने का अनुमान है.

गौरेला पेंड्रा मरवाही में बेमौसम बारिश

पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदला मौसम का मिजाज: पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बदले मौसम के मिजाज के अलग-अलग प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. एक तरफ मार्च माह में पड़ रही चिलचिलाती धूप और गर्मी से लोगों को राहत मिली है. जबकि तूफानी बारिश ने सब्जी उत्पादकों को भारी नुकसान पहुंचाया है.

20 मार्च तक अलर्ट: मौसम विभाग में 17 मार्च से 20 मार्च तक के लिए अलर्ट जारी किया था, जिसमें ऑरेंज और येलो अलर्ट भी जारी किया गया था. विभाग ने 8 जिले में येलो अलर्ट जारी किया है.

बदले मौसम का असर महुआ संग्रह पर: बदले मौसम का असर महुआ संग्रह पर बड़े पैमाने पर देखा जा रहा है. बेमौसम बारिश की वजह से महुआ को नुकसान हुआ है. संग्रहों का कहना है कि लगभग 15 दिनों तक गिरने वाले महुआ की फसल अब बमुश्किल एक-दो दिन ही और गिरेगी.

महुआ संग्रह आदिवासियों के आय का स्रोत: महुआ संग्रह कर आदिवासी अपने साल भर के नमक तेल के साथ जरूरी खर्च के लिए पैसा जुटा लेते हैं, जिससे हुआ नुकसान आदिवासी वर्ग के लिए बड़ा नुकसान होता है.सब्जी उत्पादकों के लिए भी यह मौसम नुकसान वाला साबित हुआ है. हालांकि बारिश के साथ ओले ना गिरने से सब्जियों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. लगातार चले तूफान ने टमाटर और सब्जी उत्पादकों को काफी नुकसान पहुंचाया है.

यह भी पढ़ें: Ramanujganj: आंधी के साथ हुई तेज बारिश, ओलावृष्टि की संभावना से किसान परेशान

कुम्हारों को भी हुई दिक्कत: इस बेमौसम बारिश से मिट्टी का काम करने वाले कुम्हारों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है.कुम्हारों के मिट्टी से बने बर्तन भट्ठे में लगकर पका नहीं था. अचानक हुई बारिश में वो बर्तन खराब हो गया.

गौरेला पेंड्रा मरवाही: छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में येलो अलर्ट के बीच बदले मौसम के मिजाज ने लोगों को जहां एक ओर गर्मी से राहत दिलायी है. वहीं, दूसरी ओर बेमौसम बारिश फसलों के लिए आफत साबित हो रही है. खेती के साथ-साथ महुआ संग्रह में भी लोगों को काफी नुकसान हो रहा है. मौसम विभाग के मुताबित 20 मार्च तक ऐसा मौसम रहने का अनुमान है.

गौरेला पेंड्रा मरवाही में बेमौसम बारिश

पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदला मौसम का मिजाज: पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बदले मौसम के मिजाज के अलग-अलग प्रभाव देखने को मिल रहे हैं. एक तरफ मार्च माह में पड़ रही चिलचिलाती धूप और गर्मी से लोगों को राहत मिली है. जबकि तूफानी बारिश ने सब्जी उत्पादकों को भारी नुकसान पहुंचाया है.

20 मार्च तक अलर्ट: मौसम विभाग में 17 मार्च से 20 मार्च तक के लिए अलर्ट जारी किया था, जिसमें ऑरेंज और येलो अलर्ट भी जारी किया गया था. विभाग ने 8 जिले में येलो अलर्ट जारी किया है.

बदले मौसम का असर महुआ संग्रह पर: बदले मौसम का असर महुआ संग्रह पर बड़े पैमाने पर देखा जा रहा है. बेमौसम बारिश की वजह से महुआ को नुकसान हुआ है. संग्रहों का कहना है कि लगभग 15 दिनों तक गिरने वाले महुआ की फसल अब बमुश्किल एक-दो दिन ही और गिरेगी.

महुआ संग्रह आदिवासियों के आय का स्रोत: महुआ संग्रह कर आदिवासी अपने साल भर के नमक तेल के साथ जरूरी खर्च के लिए पैसा जुटा लेते हैं, जिससे हुआ नुकसान आदिवासी वर्ग के लिए बड़ा नुकसान होता है.सब्जी उत्पादकों के लिए भी यह मौसम नुकसान वाला साबित हुआ है. हालांकि बारिश के साथ ओले ना गिरने से सब्जियों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है. लगातार चले तूफान ने टमाटर और सब्जी उत्पादकों को काफी नुकसान पहुंचाया है.

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कुम्हारों को भी हुई दिक्कत: इस बेमौसम बारिश से मिट्टी का काम करने वाले कुम्हारों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है.कुम्हारों के मिट्टी से बने बर्तन भट्ठे में लगकर पका नहीं था. अचानक हुई बारिश में वो बर्तन खराब हो गया.

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