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केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली का छत्तीसगढ़िया अंदाज, छत्तीसगढ़ी भाषा में की बात

Rameshwar Teli visit to Chhattisgarh रायपुर से बिलासपुर एक कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में शामिल होने केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली पहुंचे. उन्होंने मीडिया से छत्तीसगढ़ी में बात करते हुए सभी को हैरान कर दिया. इतनी अच्छी छत्तीसगढ़ी शायद ही कोई पहली बार छत्तीसगढ़ आने वाला बोल सकता है. लेकिन रामेश्वर तेली शुद्धता और सहजता से छत्तीसगढ़ी बोल रहे थे.Rameshwar Teli reached Bilaspur उससे यह समझ में आता है कि इस भाषा से वो भलीभांति परिचित हैं.Union Minister of State Rameshwar Teli visit

Rameshwar Teli reached Bilaspur
केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली
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Published : Nov 9, 2022, 11:18 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में कहां जाता है कि "सबले बढ़िया छत्तीसगढ़िया" और अब इस भाषा को देश के अन्य राज्यों में भी बोला जाने लगा है. बुधवार को एक दिवसीय दौरे पर पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय केंद्र सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली बिलासपुर पहुंचे. उन्होंने यहां मीडिया के सामने छत्तीसगढ़ी भाषा का प्रयोग करते हुए सभी को हैरान कर दिया. उन्होंने बताया कि वे पहली बार छत्तीसगढ़ आए हैं. उनके पूर्वज भी छत्तीसगढ़ के निवासी रहे हैं और लगभग 200 साल पहले वे छत्तीसगढ़ छोड़कर आसाम चले गए थे. तब से वे वहीं रहने लगे. लेकिन छत्तीसगढ़ी भाषा आज भी उनकी ज़हन और बोली में शामिल है. उनके लोग आज भी छत्तीसगढ़ी भाषा का प्रयोग करते हैं और जरा भी उसमें फर्क नहीं आया है.Rameshwar Teli visit to Chhattisgarh

केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली

आसाम से सांसद ने की छत्तीसगढ़ में बात: छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा का प्रयोग किया जाता है यहां के ग्रामीण इलाकों में शुद्ध छत्तीसगढ़ी में बात की जाती है. छत्तीसगढ़ में रहने वाले लगभग लोगों को छत्तीसगढ़ी भाषा बोलने और समझने में सहजता होती है. लेकिन कोई पहली बार छत्तीसगढ़ आए और शुद्ध छत्तीसगढ़ी में बात करें तो यह हैरान कर देने वाली बात होगी. केंद्र सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली पहली बार छत्तीसगढ़ आए हैं. रायपुर से बिलासपुर एक कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में शामिल होने केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली पहुंचे. उन्होंने मीडिया से छत्तीसगढ़ी में बात करते हुए सभी को हैरान कर दिया. इतनी अच्छी छत्तीसगढ़ी शायद ही कोई पहली बार छत्तीसगढ़ आने वाला बोल सकता है. लेकिन रामेश्वर तेली शुद्धता और सहजता से छत्तीसगढ़ी बोल रहे थे. उससे यह समझ में आता है कि इस भाषा से वो भलीभांति परिचित हैं.Rameshwar Teli reached Bilaspur

यह भी पढ़ें: सूर्यकांत तिवारी के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची ईडी

आसम में छत्तीसगढ़ के लोग: केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में यहां के मूल निवासी गोंड़, तेली, पइनका और कई जाति के लोग हैं. जो छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं. जो असम में भी हैं. हम असम में रहकर आज भी अपनी छत्तीसगढ़ी परंपरा और संस्कृति को बचाए हुए हैं. हम आज भी अपनी छत्तीसगढ़ी बोली को नहीं भूले हैं. भले ही असम में रहने की वजह से थोड़ी मिक्स भाषा हो गई है. लेकिन छत्तीसगढ़ी हमारे अंदर बसी हुई है. हम चाय बागान में काम करने गए थे और आज भी वही काम कर रहे है लेकिन आज भी हम अपनी मूल धरती के करीब है".

जिसकी सरकार केंद्र में हो उसी पार्टी की सरकार राज्य में होने से होता है विकास: केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि "जिस पार्टी की सरकार केंद्र में होती है. उस पार्टी की सरकार यदि राज्य में हो तो उससे विकास निरंतर होते रहता है. क्योंकि राज्य केंद्र से फंड लेता है और लगातार विकास करता है. इसके साथ में केंद्र भी कई योजनाओं को राज्यों में लागू करती है. जिस तरह से 15 साल तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी और केंद्र में मोदी की सरकार आई तो राज्य का विकास कई गुना बढ़ गया था. राज्य और ऊंचाइयों को छूने लग गई थी. जो पहले से उन्नत राज्य हैं उनके बराबरी पर आ गई थी. लेकिन पिछले 4 सालों में यह विकास रुक गया है. इसलिए आने वाले समय में जो सरकार केंद्र में हो वही सरकार राज्य में बनाए तो सही रहता है. जिस तरह आसाम में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वहां का विकास निरंतर बढ़ता गया है. केंद्र की मोदी सरकार आसाम में ज्यादा से ज्यादा विकास करा रही है".

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में कहां जाता है कि "सबले बढ़िया छत्तीसगढ़िया" और अब इस भाषा को देश के अन्य राज्यों में भी बोला जाने लगा है. बुधवार को एक दिवसीय दौरे पर पेट्रोलियम एवं गैस मंत्रालय केंद्र सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली बिलासपुर पहुंचे. उन्होंने यहां मीडिया के सामने छत्तीसगढ़ी भाषा का प्रयोग करते हुए सभी को हैरान कर दिया. उन्होंने बताया कि वे पहली बार छत्तीसगढ़ आए हैं. उनके पूर्वज भी छत्तीसगढ़ के निवासी रहे हैं और लगभग 200 साल पहले वे छत्तीसगढ़ छोड़कर आसाम चले गए थे. तब से वे वहीं रहने लगे. लेकिन छत्तीसगढ़ी भाषा आज भी उनकी ज़हन और बोली में शामिल है. उनके लोग आज भी छत्तीसगढ़ी भाषा का प्रयोग करते हैं और जरा भी उसमें फर्क नहीं आया है.Rameshwar Teli visit to Chhattisgarh

केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली

आसाम से सांसद ने की छत्तीसगढ़ में बात: छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ी भाषा का प्रयोग किया जाता है यहां के ग्रामीण इलाकों में शुद्ध छत्तीसगढ़ी में बात की जाती है. छत्तीसगढ़ में रहने वाले लगभग लोगों को छत्तीसगढ़ी भाषा बोलने और समझने में सहजता होती है. लेकिन कोई पहली बार छत्तीसगढ़ आए और शुद्ध छत्तीसगढ़ी में बात करें तो यह हैरान कर देने वाली बात होगी. केंद्र सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली पहली बार छत्तीसगढ़ आए हैं. रायपुर से बिलासपुर एक कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में शामिल होने केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली पहुंचे. उन्होंने मीडिया से छत्तीसगढ़ी में बात करते हुए सभी को हैरान कर दिया. इतनी अच्छी छत्तीसगढ़ी शायद ही कोई पहली बार छत्तीसगढ़ आने वाला बोल सकता है. लेकिन रामेश्वर तेली शुद्धता और सहजता से छत्तीसगढ़ी बोल रहे थे. उससे यह समझ में आता है कि इस भाषा से वो भलीभांति परिचित हैं.Rameshwar Teli reached Bilaspur

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आसम में छत्तीसगढ़ के लोग: केंद्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में यहां के मूल निवासी गोंड़, तेली, पइनका और कई जाति के लोग हैं. जो छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं. जो असम में भी हैं. हम असम में रहकर आज भी अपनी छत्तीसगढ़ी परंपरा और संस्कृति को बचाए हुए हैं. हम आज भी अपनी छत्तीसगढ़ी बोली को नहीं भूले हैं. भले ही असम में रहने की वजह से थोड़ी मिक्स भाषा हो गई है. लेकिन छत्तीसगढ़ी हमारे अंदर बसी हुई है. हम चाय बागान में काम करने गए थे और आज भी वही काम कर रहे है लेकिन आज भी हम अपनी मूल धरती के करीब है".

जिसकी सरकार केंद्र में हो उसी पार्टी की सरकार राज्य में होने से होता है विकास: केंद्रीय राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि "जिस पार्टी की सरकार केंद्र में होती है. उस पार्टी की सरकार यदि राज्य में हो तो उससे विकास निरंतर होते रहता है. क्योंकि राज्य केंद्र से फंड लेता है और लगातार विकास करता है. इसके साथ में केंद्र भी कई योजनाओं को राज्यों में लागू करती है. जिस तरह से 15 साल तक छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी और केंद्र में मोदी की सरकार आई तो राज्य का विकास कई गुना बढ़ गया था. राज्य और ऊंचाइयों को छूने लग गई थी. जो पहले से उन्नत राज्य हैं उनके बराबरी पर आ गई थी. लेकिन पिछले 4 सालों में यह विकास रुक गया है. इसलिए आने वाले समय में जो सरकार केंद्र में हो वही सरकार राज्य में बनाए तो सही रहता है. जिस तरह आसाम में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद वहां का विकास निरंतर बढ़ता गया है. केंद्र की मोदी सरकार आसाम में ज्यादा से ज्यादा विकास करा रही है".

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