बिलासपुर: नवरात्रि के पहले दिन हिर्री में हुए हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया है. आरोपियों ने तंत्र मंत्र से हत्या करना कुबूल कर लिया है. हत्या में शामिल आरोपी सुभाष दास और माखन दास बताया जा रहा है. बिलासपुर नवरात्रि के पहले दिन हिर्री में हुए हत्या के अमले में पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ लिया है. आरोपियों ने तंत्र मंत्र के लिए हत्या करना कुबूल कर लिया है. पकड़े गए आरोपियों ने बलि देना स्वीकार किया है.
मामला इस प्रकार है कि नवरात्रि के पहले दिन हिर्री के मुरु पथराली के खार में एक युवक की लाश मिली थी. लाश मिलने से पूरे क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी. मृतक के गले मे वार कर हत्या होने के शक को लेकर पुलिस ने जांच शुरू की. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि युवक हिर्री का रहने वाला सुरेश कुमार साहू है. जिसकी किसी अज्ञात व्यक्ति ने धारदार हथियार से गले और चेहरे पर वार कर मर्डर किया है. आरोपियों की लगातार पतासाजी की जा रही थी परन्तु आरोपियों का कोई पता नहीं चल रहा था.
पुलिस ने ऐसे शुरू की जांच
मृतक से सम्बंधित सभी व्यक्तियों के सम्बन्ध में पुलिस पूरी जानकारी निकाल रही थी. इसी दौरान मृतक सुरेश साहू के जादू टोने और गड़े धन को तलाश करने में रुचि रखता था. तब इसी प्रकार के व्यक्तियों जो मृतक से जुड़े होने के शक में पतासाजी शुरू की गई. पुलिस को पता चला की घटना के बाद से दो व्यक्तियों में आरोपी सुभाष दास मानिकपुरी और माखन दास दोनों ही घटना के बाद से गायब है.
गड़े धन के चक्कर में बलि की बात कबूली
पुलिस को शक हुआ और इनके सम्बन्ध में पतासाजी प्रारम्भ की गयी. लेकिन कई वर्षो से इन दोनों आरोपी के परिवार वालों से इनका सम्बन्ध ख़राब होने के कारण कोई भी वयक्ति इनके संपर्क में नहीं था. जिसके कारण इनके सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं मिल रही थी. इसी दौरान जानकारी मिली कि घटना के कुछ दिन बाद माखन दास ने बताया था कि वह सुभाष के साथ जबलपुर में रह रहे है. इसी आधार पर आरोपियों की पतासाजी पर टीम रवाना की गयी जो जबलपुर जाकर पतासाजी की. जिसके आधार पर सतना में मेडिकल कालेज में काम करने की जानकारी मिली. जहां छानबीन करने के बाद आरोपी माखन दास को पकड़ लिया गया. उसने सुभाष को जबलपुर में गार्ड की नौकरी करना बताया. जिसके बाद आरोपी सुभाष को भी पकड़ा गया जिनसे घटना के सम्बन्ध में कड़ाई से पूछताछ करने पर अपना जुर्म कबूला और गड़े धन और हंडा के लालच में आकर मृतक सुरेश साहू की बलि देना स्वीकार किये.