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कोल खदानों के निजीकरण के फैसले के खिलाफ मजदूर यूनियन का विरोध-प्रदर्शन

कोल खदानों के निजीकरण के फैसले के विरोध में बिलासपुर के मजदूर यूनियन ने शुक्रवार को विरोध-प्रदर्शन किया. इसके साथ ही अपनी विभिन्न मांगों के साथ SECL के कार्मिक विभाग के महाप्रबंधक को ज्ञापन भी सौंपा है.

Trade unions protested
बिलासपुर मजदूर यूनियन ने किया विरोध-प्रदर्शन
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Published : May 22, 2020, 3:04 PM IST

बिलासपुर: देशभर के विभिन्न कोल खदानों की कमर्शियल माइनिंग के फैसले के विरोध में शुक्रवार को बिलासपुर में भी मजदूर यूनियन ने प्रदर्शन किया. मजदूर यूनियन ने SECL के कार्मिक विभाग के महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा है. संयुक्त कोयला मजदूर संघ के केंद्रीय महामंत्री हरिद्वार सिंह ने कहा कि भारत सरकार का यह फैसला जनविरोधी है. कमर्शियल माइनिंग, खदानों के लीज ट्रांसफर, 50 कोल ब्लॉक का आवंटन सिर्फ और सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने का एक षडयंत्र है. इसके अलावा संघ ने श्रम कानून में परिवर्तन, 12 घंटे के काम की अनिवार्यता वाले नए अध्यादेश और रक्षा क्षेत्र में एफडीआई 49 से 74 प्रतिशत तक बढ़ाने का भी विरोध किया. मजदूर यूनियन ने श्रमिकों को उनके घर तक सकुशल पहुंचाने की अपील भी की.

बिलासपुर मजदूर यूनियन ने किया विरोध-प्रदर्शन

यूनियन ने स्पष्ट किया है कि शुक्रवार का उनका आंदोलन भले ही सांकेतिक क्यों न हो, लेकिन उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और ज्यादा उग्र कर सकते हैं. वहीं SECL के कार्मिक विभाग के महाप्रबंधक एके सक्सेना ने कहा कि वो इस ज्ञापन का अध्ययन कर इसे आगे फॉरवर्ड करेंगे. शुक्रवार को किए गए आंदोलन में एटक के अलावा इंटक, सीटू, HMS ने अपनी भागीदारी दी.

Trade unions protested
बिलासपुर मजदूर यूनियन ने किया विरोध-प्रदर्शन

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत लिया गया फैसला

बता दें कि कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था को बचाने की मुहिम के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की है. पीएम की घोषणा के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कोयला और खनिज सेक्टर में साहसिक सुधारों की घोषणा की. वित्त मंत्री ने कोयला सेक्टर को कमर्शियल माइनिंग के लिए खोल दिया है.

Trade unions protested
बिलासपुर मजदूर यूनियन ने किया विरोध-प्रदर्शन

पढ़ें: SECL कर्मचारियों पर होम क्वॉरेंटाइन के उल्लंघन का आरोप, केस दर्ज

वित्तमंत्री की इस घोषणा से कोयला सेक्टर में सरकार का एकाधिकार खत्म होगा. इसका मतलब यह है कि अब कोयले का उपयोग सिर्फ सरकार ही तय नहीं करेगी, बल्कि कोयला उत्पादन करने वाली कंपनियां भी अपने फायदे के लिए कोयले का उत्पादन कर सकेंगी. कोयला खनन क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग को मंजूरी देते ही कोयला खान क्षेत्रों में मजदूर संगठनों का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है. देशभर के विभिन्न कोल खदानों के मजदूर यूनियन लगातार इसका विरोध कर रहे हैं.

बिलासपुर: देशभर के विभिन्न कोल खदानों की कमर्शियल माइनिंग के फैसले के विरोध में शुक्रवार को बिलासपुर में भी मजदूर यूनियन ने प्रदर्शन किया. मजदूर यूनियन ने SECL के कार्मिक विभाग के महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपा है. संयुक्त कोयला मजदूर संघ के केंद्रीय महामंत्री हरिद्वार सिंह ने कहा कि भारत सरकार का यह फैसला जनविरोधी है. कमर्शियल माइनिंग, खदानों के लीज ट्रांसफर, 50 कोल ब्लॉक का आवंटन सिर्फ और सिर्फ कॉर्पोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने का एक षडयंत्र है. इसके अलावा संघ ने श्रम कानून में परिवर्तन, 12 घंटे के काम की अनिवार्यता वाले नए अध्यादेश और रक्षा क्षेत्र में एफडीआई 49 से 74 प्रतिशत तक बढ़ाने का भी विरोध किया. मजदूर यूनियन ने श्रमिकों को उनके घर तक सकुशल पहुंचाने की अपील भी की.

बिलासपुर मजदूर यूनियन ने किया विरोध-प्रदर्शन

यूनियन ने स्पष्ट किया है कि शुक्रवार का उनका आंदोलन भले ही सांकेतिक क्यों न हो, लेकिन उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और ज्यादा उग्र कर सकते हैं. वहीं SECL के कार्मिक विभाग के महाप्रबंधक एके सक्सेना ने कहा कि वो इस ज्ञापन का अध्ययन कर इसे आगे फॉरवर्ड करेंगे. शुक्रवार को किए गए आंदोलन में एटक के अलावा इंटक, सीटू, HMS ने अपनी भागीदारी दी.

Trade unions protested
बिलासपुर मजदूर यूनियन ने किया विरोध-प्रदर्शन

आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत लिया गया फैसला

बता दें कि कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था को बचाने की मुहिम के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की है. पीएम की घोषणा के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कोयला और खनिज सेक्टर में साहसिक सुधारों की घोषणा की. वित्त मंत्री ने कोयला सेक्टर को कमर्शियल माइनिंग के लिए खोल दिया है.

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बिलासपुर मजदूर यूनियन ने किया विरोध-प्रदर्शन

पढ़ें: SECL कर्मचारियों पर होम क्वॉरेंटाइन के उल्लंघन का आरोप, केस दर्ज

वित्तमंत्री की इस घोषणा से कोयला सेक्टर में सरकार का एकाधिकार खत्म होगा. इसका मतलब यह है कि अब कोयले का उपयोग सिर्फ सरकार ही तय नहीं करेगी, बल्कि कोयला उत्पादन करने वाली कंपनियां भी अपने फायदे के लिए कोयले का उत्पादन कर सकेंगी. कोयला खनन क्षेत्र में कमर्शियल माइनिंग को मंजूरी देते ही कोयला खान क्षेत्रों में मजदूर संगठनों का विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है. देशभर के विभिन्न कोल खदानों के मजदूर यूनियन लगातार इसका विरोध कर रहे हैं.

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