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'जो दूसरी पार्टी में जा रहे वो मूल बीजेपी के नहीं, लालच में ज्वॉइन कर रहे कांग्रेस'

मरवाही में उप चुनाव की घोषणा के बाद से लगातार बीजेपी और जेसीसी (जे) पार्टी के नेताओं का कांग्रेस में प्रवेश हो रहा है. इसपर नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के दिग्गज नेता धरमलाल कौशिक ने कहा कि, 'जो लोग इधर से उधर हो रहे हैं वो मूल बीजेपी के लोग नहीं हैं'.

Those who are leaving the party are not the people of BJP said dharamlal kaushik
धरमलाल कौशिक
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Published : Oct 12, 2020, 3:48 PM IST

Updated : Oct 12, 2020, 4:00 PM IST

बिलासपुर: मरवाही में उप चुनाव की घोषणा के बाद से बीजेपी और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) से नेताओं का लगातार कांग्रेस में प्रवेश हो रहा है. अब भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के ऐलान के बाद सियासी गरमाहट और ज्यादा बढ़ गई है. आला नेता छोटे बड़े नेताओं के भागमभाग पर डैमेज कंट्रोल करते नजर आ रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इसे छोटी घटना करार दिया है. कौशिक ने कहा कि, 'जो लोग इधर से उधर हो रहे हैं वो मूल बीजेपी के लोग नहीं हैं'.

धरमलाल कौशिक का बयान

कौशिक ने कहा कि, 'ये लोग प्रलोभन के कारण इधर से उधर हुए हैं, इनके आने-जाने से पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा'. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, 'बीजेपी के तमाम बड़े छोटे कार्यकर्ता मरवाही क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं, हमारा जनसंपर्क जारी है'. बीते दिनों पेंड्रा नगर पंचायत के अध्यक्ष राकेश जालान और दो भाजपा पार्षद ने रायपुर जाकर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी. इसे भाजपा के लिए बड़ा धक्का बताया गया था.

पढ़ें : जाति प्रमाण पत्र मामला: ऋचा जोगी ने जिला छानबीन समिति को भेजा जवाब

मरवाही में सियासी पारा और चढ़ गया

इस बीच सीटिंग पार्टी के कार्यकर्ता और जोगी परिवार के कई करीबियों ने भी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है, जो जेसीसीजे के लिए एक सियासी नुकसान बताया जा रहा है. बीते दिनों बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने भी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था कि यह कांग्रेस की संस्कृति है. पहले भी सन 2000 में जब छत्तीसगढ़ बना और कांग्रेस की सरकार बनी तो बहुमत होने के बावजूद हमारे 12 विधायकों को दबाव डालकर दलबदल कराया गया था. भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के ऐलान के बाद अब मरवाही में सियासी पारा और चढ़ गया है.

टिकट को लेकर अब भी सस्पेंश

बीजेपी ने मरवाही से डॉ गम्भीर सिंह को प्रत्याशी बनाया है और कांग्रेस डॉ केके ध्रुव पर अपना भाग्य आजमा सकती है. वहीं जेसीसी (जे) से कौन होगा प्रत्याशी यह सवाल अभी भी सवाल बना हुआ है. जाति प्रमाणपत्र मामले में उलझे जोगी परिवार के लिए परिवार से किसी भी व्यक्ति को टिकट देना महंगा सौदा हो सकता है. इसबार मरवाही का पूरा सियासी संग्राम सहानुभूति बनाम सत्ता के इर्द-गिर्द नजर आ रहा है और दो प्रमुख दलों के बीच के इस सीधे मुकाबले में बीजेपी मरवाही सीट पर सेंध लगाने के लिए ताकत लगाए बैठी है.

बिलासपुर: मरवाही में उप चुनाव की घोषणा के बाद से बीजेपी और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) से नेताओं का लगातार कांग्रेस में प्रवेश हो रहा है. अब भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के ऐलान के बाद सियासी गरमाहट और ज्यादा बढ़ गई है. आला नेता छोटे बड़े नेताओं के भागमभाग पर डैमेज कंट्रोल करते नजर आ रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इसे छोटी घटना करार दिया है. कौशिक ने कहा कि, 'जो लोग इधर से उधर हो रहे हैं वो मूल बीजेपी के लोग नहीं हैं'.

धरमलाल कौशिक का बयान

कौशिक ने कहा कि, 'ये लोग प्रलोभन के कारण इधर से उधर हुए हैं, इनके आने-जाने से पार्टी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा'. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, 'बीजेपी के तमाम बड़े छोटे कार्यकर्ता मरवाही क्षेत्र में लगातार सक्रिय हैं, हमारा जनसंपर्क जारी है'. बीते दिनों पेंड्रा नगर पंचायत के अध्यक्ष राकेश जालान और दो भाजपा पार्षद ने रायपुर जाकर कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी. इसे भाजपा के लिए बड़ा धक्का बताया गया था.

पढ़ें : जाति प्रमाण पत्र मामला: ऋचा जोगी ने जिला छानबीन समिति को भेजा जवाब

मरवाही में सियासी पारा और चढ़ गया

इस बीच सीटिंग पार्टी के कार्यकर्ता और जोगी परिवार के कई करीबियों ने भी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है, जो जेसीसीजे के लिए एक सियासी नुकसान बताया जा रहा है. बीते दिनों बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने भी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा था कि यह कांग्रेस की संस्कृति है. पहले भी सन 2000 में जब छत्तीसगढ़ बना और कांग्रेस की सरकार बनी तो बहुमत होने के बावजूद हमारे 12 विधायकों को दबाव डालकर दलबदल कराया गया था. भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के ऐलान के बाद अब मरवाही में सियासी पारा और चढ़ गया है.

टिकट को लेकर अब भी सस्पेंश

बीजेपी ने मरवाही से डॉ गम्भीर सिंह को प्रत्याशी बनाया है और कांग्रेस डॉ केके ध्रुव पर अपना भाग्य आजमा सकती है. वहीं जेसीसी (जे) से कौन होगा प्रत्याशी यह सवाल अभी भी सवाल बना हुआ है. जाति प्रमाणपत्र मामले में उलझे जोगी परिवार के लिए परिवार से किसी भी व्यक्ति को टिकट देना महंगा सौदा हो सकता है. इसबार मरवाही का पूरा सियासी संग्राम सहानुभूति बनाम सत्ता के इर्द-गिर्द नजर आ रहा है और दो प्रमुख दलों के बीच के इस सीधे मुकाबले में बीजेपी मरवाही सीट पर सेंध लगाने के लिए ताकत लगाए बैठी है.

Last Updated : Oct 12, 2020, 4:00 PM IST
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