बिलासपुर : सुपेबेड़ा मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. पिछली सुनवाई में न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए न्याय मित्र ने मामले पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी.
दरअसल, सुपेबेड़ा में गंदा पानी पीने से अब तक किडनी की बीमारी से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. देवाशीष तिवारी ने मामले में याचिका दायर की है. चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी.साहू की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की.
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चीफ जस्टिस ने लिया था संज्ञान
मामले को लेकर स्थानीय निवासी ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा था, जिस पर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने संज्ञान में लेकर न्यायमित्र का गठन किया था. मामले में स्टेट लीगल अथॉरिटी सर्विसेज की टीम ने सुपेबेड़ा जाकर निरीक्षण किया और कोर्ट में जवाब प्रस्तुत किया था.
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पानी में फ्लोरॉइड की मात्रा ज्यादा
जवाब में बताया गया कि गांव के भूजल में भारी धातुओं के साथ फ्लोरॉइड की मात्रा ज्यादा हो गई थी. यही पानी पीने की वजह से ग्रामीणों की किडनी फेल हो रही है.