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हाईकोर्ट में सुपेबेड़ा मामले की सुनवाई, फैसला रखा सुरक्षित

सुपेबेड़ा मामले में हाईकोर्ट ने सुनवाई की, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है.

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Published : Dec 16, 2019, 4:34 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 7:00 PM IST

the hearing on supebeda case in bilaspur highcourt
बिलासपुर हाईकोर्ट

बिलासपुर : सुपेबेड़ा मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. पिछली सुनवाई में न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए न्याय मित्र ने मामले पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी.

हाईकोर्ट में सुपेबेड़ा मामले की सुनवाई

दरअसल, सुपेबेड़ा में गंदा पानी पीने से अब तक किडनी की बीमारी से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. देवाशीष तिवारी ने मामले में याचिका दायर की है. चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी.साहू की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की.

पढ़ें : निकाय चुनाव के लिए BJP का घोषणा पत्र जारी, पढ़ें अहम बिंदू

चीफ जस्टिस ने लिया था संज्ञान

मामले को लेकर स्थानीय निवासी ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा था, जिस पर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने संज्ञान में लेकर न्यायमित्र का गठन किया था. मामले में स्टेट लीगल अथॉरिटी सर्विसेज की टीम ने सुपेबेड़ा जाकर निरीक्षण किया और कोर्ट में जवाब प्रस्तुत किया था.

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पानी में फ्लोरॉइड की मात्रा ज्यादा

जवाब में बताया गया कि गांव के भूजल में भारी धातुओं के साथ फ्लोरॉइड की मात्रा ज्यादा हो गई थी. यही पानी पीने की वजह से ग्रामीणों की किडनी फेल हो रही है.

बिलासपुर : सुपेबेड़ा मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. पिछली सुनवाई में न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए न्याय मित्र ने मामले पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी.

हाईकोर्ट में सुपेबेड़ा मामले की सुनवाई

दरअसल, सुपेबेड़ा में गंदा पानी पीने से अब तक किडनी की बीमारी से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. देवाशीष तिवारी ने मामले में याचिका दायर की है. चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और पी.पी.साहू की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई की.

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चीफ जस्टिस ने लिया था संज्ञान

मामले को लेकर स्थानीय निवासी ने हाईकोर्ट को पत्र लिखा था, जिस पर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने संज्ञान में लेकर न्यायमित्र का गठन किया था. मामले में स्टेट लीगल अथॉरिटी सर्विसेज की टीम ने सुपेबेड़ा जाकर निरीक्षण किया और कोर्ट में जवाब प्रस्तुत किया था.

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पानी में फ्लोरॉइड की मात्रा ज्यादा

जवाब में बताया गया कि गांव के भूजल में भारी धातुओं के साथ फ्लोरॉइड की मात्रा ज्यादा हो गई थी. यही पानी पीने की वजह से ग्रामीणों की किडनी फेल हो रही है.

Intro:सुपेबेड़ा में हो रही किडनी की बीमारी से मौत के मामले मे आज HC मे सुनवाई हुई। मामले में न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।पिछली सुनवाई में न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए न्याय मित्र ने मामले पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी ।गौरतलभ है कि सुपेबेड़ा में अब तक किडनी की बीमारी से 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है । देवाशीष तिवारी ने मामले में दायर की हैं याचिका। चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन व पी. पी .साहू की डिवीजन बेंच ने की मामले की सुनवाई। Body:बता दें कि गरियाबंद जिले के देवभोग स्थित सुपेबेड़ा जनपद में गंदा पानी पीने के कारण कई लोगों का किडनी फेल हो गई थी. इस कारण कई लोगों ने अपनी जान गवा दी. फिर इस मामले को लेकर स्थानीय निवासी ने हाईकोर्ट को एक पत्र लिखा था. उस पत्र को हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने संज्ञान में लेकर न्यायमित्र का गठन किया था.मामले में पूर्व मे स्टेट लीगल अथॉरिटी सर्विसेज की टीम ने सुपेबेड़ा में जाकर निरीक्षण कर कोर्ट को जवाब प्रस्तुत किया था. जिसमे बताया गया था कि गांव के भूजल में भारी धातुओं के साथ फ्लोराइड की मात्रा अधिक हो गयी थी. इस पानी को पीने से ग्रामीणों का किडनी फेल हो रही है। Conclusion:जानकारी हो कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पिछले दिनों राज्य की गवर्नर अनुसुइया उइके ने सुपेबेड़ा का दौरा किया था। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने पीड़ितों के इलाज का खर्च सरकार द्वारा उठाए जाने की बात कही थी।
Last Updated : Dec 16, 2019, 7:00 PM IST
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