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जर्जर भवन में मजबूरी का पढ़ाई, उम्मीद ने आश्वासन के आगे टेके घुटने

बिलासपुर में एक स्कूल ऐसा भी है. जहां रोज छोटे छोटे बच्चों की जान का खतरा रहता है. जबकि जिम्मेदारों को मामले की जानकारी होने के बाद किसी प्रकार के निर्देश नहीं दे रहे हैं. शिक्षा के इस मंदिर में बच्चे खतरों के बीच डर के साये में पढ़ाई कर रहे हैं.

Students studying in dilapidated school building
जर्जर भवन में मजबूरी का पढ़ाई
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Published : Dec 6, 2021, 5:01 PM IST

Updated : Dec 6, 2021, 6:56 PM IST

बिलासपुर: नगर निगम सीमा क्षेत्र से लगा प्राथमिक स्कूल का भवन अब जर्जर (Dilapidated School Building ) हो गया है. स्कूल में पड़ने वाले छात्रों के ऊपर हमेशा जान का खतरा बना रहता है. इसके बाद भी छोटे बच्चे यहां पढ़ने के लिए मजबूर है. ऐसा नहीं है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक नहीं है. लेकिन साल भर पहले दी गई जानकारी भी उनके लिए सालों पुरानी बात है.

जर्जर भवन में मजबूरी का पढ़ाई

जर्जर भवन में पढ़ाई करते छात्र

स्कूल में बच्चे अपना भविष्य गढ़ने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन बिलासपुर में एक स्कूल ऐसा भी है. जहां रोज छोटे छोटे बच्चों की जान खतरे में रहती है. जिम्मेदार कान में तेल डाले हुए सोये हैं. शिक्षा के इस मंदिर में बच्चे खतरों के बीच डर के साये में पढ़ाई कर रहे हैं. नगर निगम जोन 2 के अंतर्गत सिरगिट्टी क्षेत्र के इस जर्जर बदहाल स्कूल भवन (Dilapidated School Building) में बच्चों को पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

जर्जर स्कूल भवन में भविष्य संवारते बच्चे, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

चार कमरों की क्लास में पढ़ते हैं 195 बच्चे

स्थिति ऐसी है कि स्कूल छत का प्लास्टर कभी भी उखड़कर गिर सकता है और कभी भी अनहोनी हो सकती है. जो कभी भी खतरे का कारण बन सकता है. नगर निगम के वार्ड नं 10 के आवासपारा स्थित प्राथमिक स्कूल (Primary School at Awaspara) में कक्षा पहली से लेकर कक्षा पांचवी तक बच्चे पढ़ते हैं. इस स्कूल में तकरीबन 195 बच्चों के लिए चार कमरे में हैं और उन्ही में ही क्वलास लगती है. क्लास रूम की यहां व्यापक कमी है. जिसके कारण शिक्षकों को एक ही कमरे में दो क्लास एक साथ लेनी पड़ती है. स्कूल भवन का निर्माण 1996 में हुआ था. लेकिन अब वह जर्जर हो चला है. स्कूल की दिवारों में सिवेज, दरारें इस बात की तश्दीक करती है कि यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

जल्द करवानी होगी मरम्मत

इस मामले पार्षद पुष्पेन्द्र साहू बताते हैं कि उनके द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को पहले ही जानकारी दी जा चुकी है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ठीक नहीं कराया तो बच्चों के जान को खतरा हो सकता है. हमने बदहाल स्कूल के जर्जर तस्वीरों को सामने रख दिया है. लेकिन अब देखना है कि जर्जर स्कूल की तस्वीर कब बदलती है.

बिलासपुर: नगर निगम सीमा क्षेत्र से लगा प्राथमिक स्कूल का भवन अब जर्जर (Dilapidated School Building ) हो गया है. स्कूल में पड़ने वाले छात्रों के ऊपर हमेशा जान का खतरा बना रहता है. इसके बाद भी छोटे बच्चे यहां पढ़ने के लिए मजबूर है. ऐसा नहीं है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक नहीं है. लेकिन साल भर पहले दी गई जानकारी भी उनके लिए सालों पुरानी बात है.

जर्जर भवन में मजबूरी का पढ़ाई

जर्जर भवन में पढ़ाई करते छात्र

स्कूल में बच्चे अपना भविष्य गढ़ने के लिए पहुंचते हैं. लेकिन बिलासपुर में एक स्कूल ऐसा भी है. जहां रोज छोटे छोटे बच्चों की जान खतरे में रहती है. जिम्मेदार कान में तेल डाले हुए सोये हैं. शिक्षा के इस मंदिर में बच्चे खतरों के बीच डर के साये में पढ़ाई कर रहे हैं. नगर निगम जोन 2 के अंतर्गत सिरगिट्टी क्षेत्र के इस जर्जर बदहाल स्कूल भवन (Dilapidated School Building) में बच्चों को पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

जर्जर स्कूल भवन में भविष्य संवारते बच्चे, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

चार कमरों की क्लास में पढ़ते हैं 195 बच्चे

स्थिति ऐसी है कि स्कूल छत का प्लास्टर कभी भी उखड़कर गिर सकता है और कभी भी अनहोनी हो सकती है. जो कभी भी खतरे का कारण बन सकता है. नगर निगम के वार्ड नं 10 के आवासपारा स्थित प्राथमिक स्कूल (Primary School at Awaspara) में कक्षा पहली से लेकर कक्षा पांचवी तक बच्चे पढ़ते हैं. इस स्कूल में तकरीबन 195 बच्चों के लिए चार कमरे में हैं और उन्ही में ही क्वलास लगती है. क्लास रूम की यहां व्यापक कमी है. जिसके कारण शिक्षकों को एक ही कमरे में दो क्लास एक साथ लेनी पड़ती है. स्कूल भवन का निर्माण 1996 में हुआ था. लेकिन अब वह जर्जर हो चला है. स्कूल की दिवारों में सिवेज, दरारें इस बात की तश्दीक करती है कि यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

जल्द करवानी होगी मरम्मत

इस मामले पार्षद पुष्पेन्द्र साहू बताते हैं कि उनके द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को पहले ही जानकारी दी जा चुकी है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते ठीक नहीं कराया तो बच्चों के जान को खतरा हो सकता है. हमने बदहाल स्कूल के जर्जर तस्वीरों को सामने रख दिया है. लेकिन अब देखना है कि जर्जर स्कूल की तस्वीर कब बदलती है.

Last Updated : Dec 6, 2021, 6:56 PM IST
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