बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के चंद्रखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर के प्रांगण की पवित्र मिट्टी लेकर बीते गुरुवार को गौ सेवक मोहम्मद फैज खान पदयात्रा करते हुए अयोध्या के लिए निकले हैं. मोहम्मद फैज 5 अगस्त को अयोध्या में होने वाले भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के भूमिपूजन में उनके ननिहाल की मिट्टी अर्पित करेंगे.
मोहम्मद फैज ने रायपुर के जयस्तंभ चौक से पदयात्रा शुरू की है. करीब 796 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकले फैज रविवार को रतनपुर के महामाया मंदिर पहुंचे. जहां उन्होंने मां महामाया का दर्शन कर यहां की पवित्र मिट्टी भी संकलित की है. मंदिर के पुजारी ने उन्हें यह मिट्टी दी है. मोहम्मद फैज का कहना है की वनवास के दौरान भगवान श्रीराम पदयात्रा करते हुए समाज के अंतिम पायदान पर मौजूद व्यक्ति तक भी पहुंचे थे. उन्हीं से प्रेरित होकर मोहम्मद फैज ने यह पदयात्रा आरंभ की है.
राम मंदिर निर्माण के लिए चंदखुरी की मिट्टी लेकर मोहम्मद फैज खान ने शुरू की अयोध्या के लिए पदयात्रा
पहले भी कर चुके हैं पदयात्रा
मोहम्मद फैज ने बताया कि इससे पहले भी वे गौ सेवा सद्भावना यात्रा के रूप में देशभर में 15 हजार किलोमीटर की पदयात्रा कर चुके हैं. मुस्लिम होने के बाद भी शुरू से ही गौ भक्त और हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले मोहम्मद फैज खान की छवि देश के उन चंद लोगों में है, जो सचमुच हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक है. मुस्लिम होने के बाद भी भगवान श्री राम के मंदिर को लेकर उनका उत्साह वाकई अद्भुत है. यहीं कारण है कि रास्ते भर उन्हें सबका स्नेह और सम्मान मिल रहा है.
हर दिन करेंगे 60 किलोमीटर
रतनपुर पहुंचने पर लोगों ने उनका भव्य स्वागत सत्कार किया. यहां से मां महामाया के दर्शन और यहां की पवित्र मिट्टी लेने के बाद वे आगे की यात्रा पर निकल पड़े हैं. मोहम्मद फैज अयोध्या पहुंचने के लिए हर दिन करीब 60 किलोमीटर की पदयात्रा करेंगे. श्री राम मंदिर के इस भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान मोहम्मद फैज भी कौशल्या मंदिर और महामाया मंदिर से अर्जित मिट्टी को मंत्रोच्चार के बीच अर्पित करेंगे. उन्होंने इस पवित्र मिट्टी को चांदी की डिब्बी में रखा है.