बिलासपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना बेहद जरूरी है. यही वजह है कि मास्क हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है. कई बार मास्क न पहनने पर लगता है कि जैसे कुछ छूट गया हो, लेकिन क्या आपने सोचा है कि ज्यादा मास्क पहनने के भी कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं ? ETV भारत ने मास्क के उपयोग को लेकर और इसके दुष्प्रभाव के बारे में अलग-अलग विशेषज्ञों और डॉक्टरों से बात की.
वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉक्टर मनीष श्रीवास्तव का कहना है कि बगैर मास्क लगाए आज के समय में जीवन जीने की हम कल्पना भी नहीं कर सकते. जरूरी है कि हर एक निश्चित अंतराल के बाद हम जगह देखकर लम्बी सांस जरूर लें. सांस का रुकना फेफड़ों की समस्या को बढ़ा सकती है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रमोद महाजन का कहना है कि जितना हो सके लोगों को भीड़ में जाने से बचना चाहिए, ताकि मास्क को ज्याद देर तक यूज न करना पड़े.
CMHO ने मास्क से जुड़ी कई बातें बताई
- मास्क लगाकर एक्सरसाइज, साइकिलिंग और दौड़ने की इजाजत बिल्कुल नहीं है.
- इस दौरान शरीर में अधिक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, इसलिए यह बेहद घातक साबित हो सकता है.
- अत्यधिक और लगातार मास्क के इस्तेमाल से घुटन लगने और अनइजी होने के साथ-साथ फेफड़ों की समस्या हो सकती है.
- लगातार मास्क का प्रयोग खून में ऑक्सीजन की मात्रा को प्रभावित कर सकता है.
- हमेशा 3 लेयर मास्क का ही प्रयोग करना चाहिए. बाजार में मिलनेवाले नए-नए किस्म के अमानक मास्क का प्रयोग ठीक नहीं है.
'शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है मास्क'
वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर एसके लाल का कहना है कि मास्क पहनने के दौरान सांस छोड़ते हुए कार्बन-डाइऑक्साइड की कुछ मात्रा पूरी तरह से बाहर नहीं निकल पाती है, जो घबराहट, चक्कर आने और बेचैनी का कारण बन सकता है. इसलिए जरूरी है कि हर 10-15 मिनटों में मास्क का एक हिस्सा खोलकर लम्बी सांस जरूर लें, ताकि शरीर में ऑक्सीजन की कमी ना आए.
घर में भी जरूरी है फिजिकल डिस्टेंसिंग
डॉक्टर का कहना है कि जिस जगह भीड़ न हो वहां मास्क अवॉइड करें. आक्सीजन की कमी के कारण अर्धमूर्छित होने जैसी स्थिति भी बन सकती है और शरीर के कई ऑर्गेन प्रभावित हो सकते हैं. घर में रहने के दौरान भी फिजिकल डिस्टेंसिंग जरूरी है और निश्चित दूरी रहने पर मास्क के प्रयोग से बचना चाहिए.
'एक निश्चित अंतराल के बाद मास्क निकालकर लें लंबी सांस'
वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉक्टर मनीष श्रीवास्तव का कहना है कि बगैर मास्क लगाए आज के समय में जीवन जीने की हम कल्पना भी नहीं कर सकते. जरूरी है कि हर एक निश्चित अंतराल के बाद हम जगह देखकर लम्बी सांस जरूर लें. सांस का अवरुद्ध होना फेफड़ों की समस्या को बढ़ा सकता है. दमे और सांस संबंधी रोगियों को जहां तक हो सके मास्क पहनने से बिल्कुल परहेज करना चाहिए.
डॉक्टर श्रीवास्तव का कहना है कि उम्रदराज व्यक्ति में शारीरिक क्षमता के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए उन्हें घर से कम निकलना चाहिए ताकि संक्रमण के साथ-साथ वो मास्क के इस्तेमाल से भी बच जाएं.
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कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क और सैनिटाइजर को रामबाण माना गया है, लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक इसका ज्यादा इस्तेमाल शरीर के लिए नुकसानदायक है. वहीं डॉक्टर्स के बताए हुए नियमों को अगर फॉलो किया जाए, तो मास्क पहनना हानिकारक नहीं होगा.