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Bilaspur Highcourt news : मानसिक रोगी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी, हाईकोर्ट में लगी जनहित याचिका

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बिलासपुर के मनोरोगी अस्पताल को लेकर एक जनहित याचिका लगाई गई है. petition filed in high court of bilaspur इस याचिका में ये कहा गया है कि प्रदेश में मानसिक रोगियों के लिए पर्याप्त डॉक्टर नहीं है. दरअसल State Mental Hospital में मानसिक रोगियों के लिए 11 डॉक्टर होने चाहिए, वहां मात्र तीन की संख्या है. ऐसे में रोगियों के इलाज में काफी परेशानी हो रही है. Bilaspur Highcourt news

Bilaspur Highcourt news
हाईकोर्ट में लगी जनहित याचिका
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Published : Jan 10, 2023, 12:56 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र मानसिक रोगी चिकित्सालय बिलासपुर के सेंदरी में है. यहां डॉक्टरों की कमी को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई (Shortage of doctors in mental patient hospital ) है. जनहित याचिका में बताया गया है कि राज्य के एकमात्र मानसिक चिकित्सालय में डॉक्टरों के 11 पदों की स्वीकृति है, लेकिन उनमें से मात्र 3 पद पर ही मनोचिकित्सक नियुक्त हैं और बाकी के पद खाली हैं. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और डॉक्टरों की कमी को दूर करने के निर्देश दिए हैं. 4 सप्ताह बाद अंतिम सुनवाई की जाएगी.


हाईकोर्ट में हुई सुनवाई : राज्य मानसिक चिकित्सालय (State Mental Hospital) में मनोरोग विशेषज्ञों की कमी के मामले में पेश जनहित याचिका में सुनवाई (petition filed in high court of bilaspur ) हुई. कोर्ट में विधिक सेवा समिति ने लिखित जानकारी पेश की थी. कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की. इससे पहले हुई सुनवाई में शासन ने कोर्ट में कहा था कि ''राज्य मानसिक चिकित्सालय में बिस्तरों की संख्या 200 की जा रही है, और डॉक्टरों की कमी भी दूर की जाएगी.'' लेकिन राज्य सरकार के आश्वासन के बाद भी अब तक ना तो डॉक्टरों की संख्या और ना ही बिस्तर बढ़ाए गए.

ये भी पढ़ें- शादी का झांसा देकर रेप करने वाला आरोपी रेलकर्मी गिरफ्तार

क्यों दायर की गई थी याचिका : राज्य में मानसिक रोगियों के इलाज के लिए 2017 में बने अधिनियम के अनुसार प्रावधान और सुविधा नहीं होने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. मामले में कोर्ट ने स्वत: संज्ञान भी लिया है. दोनों मामलों की एक साथ सुनवाई चल रही है. याचिका में बताया गया है कि डब्ल्यूएचओ के नियम के अनुसार 10 हजार लोगों पर एक मनोचिकित्सक होना चाहिए जबकि राज्य में 8 लाख लोगों पर एक चिकित्सक है. प्रावधान के अनुसार हर जिले में एक मानसिक स्वास्थ्य केंद्र और मनोचिकित्सक होना चाहिए. याचिका में यह भी बताया गया है कि प्रदेश के एकमात्र राज्य मानसिक चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी है. Bilaspur Highcourt news

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र मानसिक रोगी चिकित्सालय बिलासपुर के सेंदरी में है. यहां डॉक्टरों की कमी को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई (Shortage of doctors in mental patient hospital ) है. जनहित याचिका में बताया गया है कि राज्य के एकमात्र मानसिक चिकित्सालय में डॉक्टरों के 11 पदों की स्वीकृति है, लेकिन उनमें से मात्र 3 पद पर ही मनोचिकित्सक नियुक्त हैं और बाकी के पद खाली हैं. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़ाने और डॉक्टरों की कमी को दूर करने के निर्देश दिए हैं. 4 सप्ताह बाद अंतिम सुनवाई की जाएगी.


हाईकोर्ट में हुई सुनवाई : राज्य मानसिक चिकित्सालय (State Mental Hospital) में मनोरोग विशेषज्ञों की कमी के मामले में पेश जनहित याचिका में सुनवाई (petition filed in high court of bilaspur ) हुई. कोर्ट में विधिक सेवा समिति ने लिखित जानकारी पेश की थी. कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की. इससे पहले हुई सुनवाई में शासन ने कोर्ट में कहा था कि ''राज्य मानसिक चिकित्सालय में बिस्तरों की संख्या 200 की जा रही है, और डॉक्टरों की कमी भी दूर की जाएगी.'' लेकिन राज्य सरकार के आश्वासन के बाद भी अब तक ना तो डॉक्टरों की संख्या और ना ही बिस्तर बढ़ाए गए.

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क्यों दायर की गई थी याचिका : राज्य में मानसिक रोगियों के इलाज के लिए 2017 में बने अधिनियम के अनुसार प्रावधान और सुविधा नहीं होने पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. मामले में कोर्ट ने स्वत: संज्ञान भी लिया है. दोनों मामलों की एक साथ सुनवाई चल रही है. याचिका में बताया गया है कि डब्ल्यूएचओ के नियम के अनुसार 10 हजार लोगों पर एक मनोचिकित्सक होना चाहिए जबकि राज्य में 8 लाख लोगों पर एक चिकित्सक है. प्रावधान के अनुसार हर जिले में एक मानसिक स्वास्थ्य केंद्र और मनोचिकित्सक होना चाहिए. याचिका में यह भी बताया गया है कि प्रदेश के एकमात्र राज्य मानसिक चिकित्सालय में डॉक्टरों की कमी है. Bilaspur Highcourt news

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