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कानन जू से एटीआर में की जाएगी चीतलों की शिफ्टिंग - shifting of chitals

बिलासपुर कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क से नीलगाय और चीतल के शिफ्टिंग का काम किया जा रहा है. कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में नीलगाय और चीतल की संख्या बढ़ गई है, ऐसे में स्पेस छोटा पड़ रहा है और उन्हें जंगल में छोड़ने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है.

कानन जू से एटीआर में की जाएगी चीतलों की शिफ्टिंग
कानन जू से एटीआर में की जाएगी चीतलों की शिफ्टिंग
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Published : Oct 20, 2022, 4:50 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क से नीलगाय और चीतल के शिफ्टिंग का काम किया जाएगा. यहां अतिशेष होने की वजह से इन जंगली जानवरों को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा. 2 नीलगाय को बैकुंठपुर के गुरुघासीदास नेशनल पार्क में शिफ्ट किया जा चुका है, तो वही चीतलों को एटीआर में शिफ्टिंग का काम शुरू किया जाना है. कानन पेंडारी जू में 33 नीलगाय और 95 चीतल है, इनमें से 65 चीतलों को अचानकमार टाइगर रिजर्व में भेजा जाएगा. इसकी प्रक्रिया चल रही है, आदेश आते ही शिफ्टिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें: देसी ईको डॉल्बी सिस्टम, महिला स्वसहायता समूह का हुनर

बिलासपुर के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में नीलगाय और चीतल की संख्या बढ़ गई है, ऐसे में स्पेस छोटा पड़ रहा है और उन्हें जंगल में छोड़ने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. कानन पेंडारी में जंगली जानवरों के रहने और कुनबा बढ़ाने की व्यवस्था की गई है. इसी के तहत लगातार चीतलों की संख्या बढ़ रही है. इसके अलावा नीलगाय भी अतिशेष हो गए हैं. अतिशेष होने की वजह से इनमें हमेशा संघर्ष होता है, जिससे जानवरों को गंभीर चोट भी लगता रहता है. जू प्रबंधन 33 नीलगाय और 95 चीतल हैं, इसलिए इन्हें दूसरे स्थानों पर भेजा जा रहा है.

एनडीसीए से एनओसी मिलने पर शुरू किया जाएगा शिफ्टिंग: कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क के डायरेक्टर विष्णु राज नायर ने बताया कि उनकी यह प्रक्रिया महीनों से चल रही है. एनडीसीए से आदेश मिलने के बाद 21 नीलगाय और 65 चीतल को शिफ्ट किया जाएगा. कानन प्रबंधन ने मंगलवार को दो नीलगाय बैकुंठपुर स्थित गुरु घासीदास नेशनल पार्क में शिफ्ट किया है. दीपावली के बाद 19 नील गायों को नेशनल पार्क भेजा जाएगा. इसके बाद कानन के 65 चीतलों को अचानकमार टाइगर रिजर्व भेजने की कवायद शुरू कर दी जाएगी.

बिलासपुर: बिलासपुर कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क से नीलगाय और चीतल के शिफ्टिंग का काम किया जाएगा. यहां अतिशेष होने की वजह से इन जंगली जानवरों को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ा जाएगा. 2 नीलगाय को बैकुंठपुर के गुरुघासीदास नेशनल पार्क में शिफ्ट किया जा चुका है, तो वही चीतलों को एटीआर में शिफ्टिंग का काम शुरू किया जाना है. कानन पेंडारी जू में 33 नीलगाय और 95 चीतल है, इनमें से 65 चीतलों को अचानकमार टाइगर रिजर्व में भेजा जाएगा. इसकी प्रक्रिया चल रही है, आदेश आते ही शिफ्टिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा.

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बिलासपुर के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में नीलगाय और चीतल की संख्या बढ़ गई है, ऐसे में स्पेस छोटा पड़ रहा है और उन्हें जंगल में छोड़ने की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. कानन पेंडारी में जंगली जानवरों के रहने और कुनबा बढ़ाने की व्यवस्था की गई है. इसी के तहत लगातार चीतलों की संख्या बढ़ रही है. इसके अलावा नीलगाय भी अतिशेष हो गए हैं. अतिशेष होने की वजह से इनमें हमेशा संघर्ष होता है, जिससे जानवरों को गंभीर चोट भी लगता रहता है. जू प्रबंधन 33 नीलगाय और 95 चीतल हैं, इसलिए इन्हें दूसरे स्थानों पर भेजा जा रहा है.

एनडीसीए से एनओसी मिलने पर शुरू किया जाएगा शिफ्टिंग: कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क के डायरेक्टर विष्णु राज नायर ने बताया कि उनकी यह प्रक्रिया महीनों से चल रही है. एनडीसीए से आदेश मिलने के बाद 21 नीलगाय और 65 चीतल को शिफ्ट किया जाएगा. कानन प्रबंधन ने मंगलवार को दो नीलगाय बैकुंठपुर स्थित गुरु घासीदास नेशनल पार्क में शिफ्ट किया है. दीपावली के बाद 19 नील गायों को नेशनल पार्क भेजा जाएगा. इसके बाद कानन के 65 चीतलों को अचानकमार टाइगर रिजर्व भेजने की कवायद शुरू कर दी जाएगी.

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