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फेस्टिव सीजन में छत्तीसगढ़ रूट पर रेल यात्री परेशान, ट्रेन में सीट नहीं मिलने से सफर हुआ दुखदायी !

Bilaspur railway zone Passenger upset दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के अधिकारियों ने त्यौहार के सीजन में सभी यात्री ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाने का दावा किया था. लेकिन अब ये दावा खोखला साबित हो रहा है. ट्रेनों में भीड़ इतनी है कि यात्रियों को टॉयलेट में बैठकर सफर करने की मजबूरी बन गई है. ट्रेनें घंटों लेट चलने की वजह से यात्रियों को इंतजार करते घंटों प्लेटफॉर्म में बैठना पड़ रहा है. घंटों इंतजार के बाद मिलने वाली ट्रेन में चढ़ने के लिए यात्रियों को जद्दोजहद करना पड़ रहा है.

SECR trains running for hours late in Bilaspu
यात्री ट्रेनें चल रही घंटो लेट
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Published : Oct 21, 2022, 9:37 PM IST

Updated : Oct 21, 2022, 10:55 PM IST

बिलासपुर: दीपावली पर्व में शहर और राज्य से बाहर रहने वाले लोग अपने घरों का रुख करने लगते है. लोग लंबी दूरी का सफर तय करने के लिए ट्रेनों को माध्यम बनाते है. त्यौहार मनाने जाने वालों की ट्रेनों में अचानक भीड़ बढ़ जाती है. भीड़ बढ़ने से यात्री कोच में भारी संख्या में यात्री भर जाते है. इस समय दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली सभी ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ चल रही है. ट्रेनों की लेटलतीफी का सिलसिला बदस्तूर जारी है. दो घंटे से लेकर 6 घंटे तक ट्रेन लेट (SECR trains running for hours late in Bilaspu) चलने से लोगों को प्लेटफॉर्म में घंटो इंतजार करना पड़ रहा है. Bilaspur railway zone Passenger upset

छत्तीसगढ़ रूट पर रेल यात्री परेशान
रेलवे का 852 अतिरिक्त कोच लगाने का दावा: दीपावली पर्व के मद्देनजर दपुमरे (SECR) के अधिकारियों (Bilaspur railway zone) ने दावा किया था कि दीपावली और छट पूजा पर जोन से चलने वाली ट्रेनों में 1 सितंबर से अब तक 852 अतिरिक्त कोच लगाए गए हैं. इस ट्रेनों में मात्र 45 हजार टिकट ही कन्फर्म हैं. लेकिन क्या इस त्योहारी सीजन में सिर्फ 45 हजार लोग ही पर्व मनाने अपने घर जाते हैं. रेलवे की उदासीनता से यात्रियों को सुविधा नहीं मिल पा रही है और ना ही उन्हें आरामदायक सफर करने मिल रहा है. कोच में पैर रखने की जगह नहीं: इस त्यौहारी सीजन में अपने घर जाने और पर्व मनाने के लिए यात्रियों को कोच के गेट और बाथरूम तक में बैठ कर सफर करना पड़ रहा है. यात्री ट्रेनों में सफर कर रहे दरभंगा के यात्रियों ने अपनी पीड़ा ईटीवी भारत को बताते हुए कहा कि "उनका स्लीपर में कन्फर्म टिकट है, लेकिन भीड़ इतनी है कि मजबूरी में वे जैसे तैसे बैठकर सफर कर रहे हैं. बाथरूम तक में जाने के लिए जगह नहीं है. लोग जैसे तैसे कर बाथरूम तक पहुंच रहे हैं. यात्री बाथरूम के अंदर ही बैठकर सफर कर रहे हैं.

महिलाओं को हो रही सबसे ज्यादा परेशानी: महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. वे बाथरूम जाते है, तो वहां बैठे यात्री बाहर नहीं निकल रहे हैं. महिलाओ को उन्हें कुछ बोलने में संकोच हो रहा है. बार बार ट्रेन स्कॉड, टीटी और हेल्पलाइन नंबर में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

यह भी पड़ें: दिवाली से पहले राहत: ट्रेनों के पटरी पर लौटने से बस किराया घटा, फिर भी टेंशन में यात्री, जानिए वजह


ट्रेनों के इंतजार में घंटों प्लेटफार्म पर बैठे रहे यात्री: नागपुर के रहने वाले निलय ने बताया कि "वह नागपुर का रहने वाला है. वह सुबह शिवनाथ एक्सप्रेस से बिलासपुर आया था. वह ट्रेन भी कई घंटे लेट बिलासपुर पहुंची. अब यहां से वापस नागपुर जाने के लिए दो घंटे से प्लेटफार्म में बैठा है, लेकिन ट्रेन अब तक नहीं आई." इसी तरह राजनांदगांव जाने वाले सुरेंद्र कुमार का कहना है कि "उसे अपने घर जाना है, लेकिन घंटों हो गए ट्रेन के इंतजार में, अब उसे काफी लेट हो गया है." अमृतसर जाने के लिए रवि शर्मा छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे हैं. रवि का कहना है कि "रेलवे की बड़ी लापरवाही है कि ट्रेनों को लेट से चला रही है. जबकि त्यौहारी सीजन में सभी को अपने घर पहुंचाने की जल्दी रहती है.

इन ट्रेनों में लगे हैं वातानुकूलित कोच: रेलवे (SECR) ने स्लीपर कोच के साथ ही इन ट्रेनों में भी वातानुकूलित कोच लगाए हैं. दुर्ग- निजामुद्दीन हमसफर एक्सप्रेस, निजामुद्दीन-दुर्ग हमसफर एक्सप्रेस में दो-दो वातानुकूलित शयनयान तीसरी श्रेणी की कोच तथा दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस, अजमेर-दुर्ग एक्सप्रेस में एक एक वातानुकूलित शयनयान तीसरी श्रेणी के कोच स्थाई रूप से लगाए गए हैं.

बिलासपुर: दीपावली पर्व में शहर और राज्य से बाहर रहने वाले लोग अपने घरों का रुख करने लगते है. लोग लंबी दूरी का सफर तय करने के लिए ट्रेनों को माध्यम बनाते है. त्यौहार मनाने जाने वालों की ट्रेनों में अचानक भीड़ बढ़ जाती है. भीड़ बढ़ने से यात्री कोच में भारी संख्या में यात्री भर जाते है. इस समय दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने वाली सभी ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ चल रही है. ट्रेनों की लेटलतीफी का सिलसिला बदस्तूर जारी है. दो घंटे से लेकर 6 घंटे तक ट्रेन लेट (SECR trains running for hours late in Bilaspu) चलने से लोगों को प्लेटफॉर्म में घंटो इंतजार करना पड़ रहा है. Bilaspur railway zone Passenger upset

छत्तीसगढ़ रूट पर रेल यात्री परेशान
रेलवे का 852 अतिरिक्त कोच लगाने का दावा: दीपावली पर्व के मद्देनजर दपुमरे (SECR) के अधिकारियों (Bilaspur railway zone) ने दावा किया था कि दीपावली और छट पूजा पर जोन से चलने वाली ट्रेनों में 1 सितंबर से अब तक 852 अतिरिक्त कोच लगाए गए हैं. इस ट्रेनों में मात्र 45 हजार टिकट ही कन्फर्म हैं. लेकिन क्या इस त्योहारी सीजन में सिर्फ 45 हजार लोग ही पर्व मनाने अपने घर जाते हैं. रेलवे की उदासीनता से यात्रियों को सुविधा नहीं मिल पा रही है और ना ही उन्हें आरामदायक सफर करने मिल रहा है. कोच में पैर रखने की जगह नहीं: इस त्यौहारी सीजन में अपने घर जाने और पर्व मनाने के लिए यात्रियों को कोच के गेट और बाथरूम तक में बैठ कर सफर करना पड़ रहा है. यात्री ट्रेनों में सफर कर रहे दरभंगा के यात्रियों ने अपनी पीड़ा ईटीवी भारत को बताते हुए कहा कि "उनका स्लीपर में कन्फर्म टिकट है, लेकिन भीड़ इतनी है कि मजबूरी में वे जैसे तैसे बैठकर सफर कर रहे हैं. बाथरूम तक में जाने के लिए जगह नहीं है. लोग जैसे तैसे कर बाथरूम तक पहुंच रहे हैं. यात्री बाथरूम के अंदर ही बैठकर सफर कर रहे हैं.

महिलाओं को हो रही सबसे ज्यादा परेशानी: महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. वे बाथरूम जाते है, तो वहां बैठे यात्री बाहर नहीं निकल रहे हैं. महिलाओ को उन्हें कुछ बोलने में संकोच हो रहा है. बार बार ट्रेन स्कॉड, टीटी और हेल्पलाइन नंबर में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

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ट्रेनों के इंतजार में घंटों प्लेटफार्म पर बैठे रहे यात्री: नागपुर के रहने वाले निलय ने बताया कि "वह नागपुर का रहने वाला है. वह सुबह शिवनाथ एक्सप्रेस से बिलासपुर आया था. वह ट्रेन भी कई घंटे लेट बिलासपुर पहुंची. अब यहां से वापस नागपुर जाने के लिए दो घंटे से प्लेटफार्म में बैठा है, लेकिन ट्रेन अब तक नहीं आई." इसी तरह राजनांदगांव जाने वाले सुरेंद्र कुमार का कहना है कि "उसे अपने घर जाना है, लेकिन घंटों हो गए ट्रेन के इंतजार में, अब उसे काफी लेट हो गया है." अमृतसर जाने के लिए रवि शर्मा छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का इंतजार कर रहे हैं. रवि का कहना है कि "रेलवे की बड़ी लापरवाही है कि ट्रेनों को लेट से चला रही है. जबकि त्यौहारी सीजन में सभी को अपने घर पहुंचाने की जल्दी रहती है.

इन ट्रेनों में लगे हैं वातानुकूलित कोच: रेलवे (SECR) ने स्लीपर कोच के साथ ही इन ट्रेनों में भी वातानुकूलित कोच लगाए हैं. दुर्ग- निजामुद्दीन हमसफर एक्सप्रेस, निजामुद्दीन-दुर्ग हमसफर एक्सप्रेस में दो-दो वातानुकूलित शयनयान तीसरी श्रेणी की कोच तथा दुर्ग-अजमेर एक्सप्रेस, अजमेर-दुर्ग एक्सप्रेस में एक एक वातानुकूलित शयनयान तीसरी श्रेणी के कोच स्थाई रूप से लगाए गए हैं.

Last Updated : Oct 21, 2022, 10:55 PM IST
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