बिलासपुर: सरकंडा थाना क्षेत्र में फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले हॉस्पिटल मैनेजर सहित अन्य के खिलाफ अलग अलग धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. फर्जी रिपोर्ट के आधार पर युवक को जेल में रहना पड़ा था. थाना प्रभारी फैजुल शाह ने बताया "स्काई अस्पताल के दो डॉक्टरों ने अपने फर्जी हस्ताक्षर से मेडिकल रिपोर्ट बनाने की शिकायत थाने में की थी. जांच के बाद स्काई हॉस्पिटल के मैनेजर अंकित दुबे और उसके भाई उत्कर्ष दुबे के साथ अस्पताल के अन्य लोगों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर लिया गया है.Bilaspur crime news
क्या था मामला: 12 जनवरी को अर्चना विहार में रहने वाले उत्कर्ष दुबे ने सिविल लाइन थाने में मारपीट की रिपोर्ट लिखाई थी. उस मामले में सिविल लाइन पुलिस ने जबड़ापारा के रहने वाले शक्ति सिंह के खिलाफ मारपीट के मामले में अलग अलग धाराओं के तहत जुर्म दर्ज किया था. उसके बाद 4 अक्टूबर को पुलिस ने सरकंडा स्थित स्काई अस्पताल के मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मामले में अलग से धारा 307 जोड़कर हमलावर शक्ति सिंह को थाने बुलाने के बाद उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.police filed case against Sky Hospital manager
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मां ने अस्पताल जाकर की पूछताछ: बेटे के जेल जाने पर उसकी मां आशा सिंह ने सिविल लाइन थाने में जाकर घटना की जानकारी ली. तब उन्हें बताया गया कि मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर धारा 307 जोड़ी गई है. महिला ने मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले स्काई अस्पताल के डॉक्टर राजीव सखूजा, डॉ नरेश कृष्णानी से मामले की जानकारी ली, दोनों डॉक्टरों ने मेडिकल रिपोर्ट बनाने में अपना हस्ताक्षर होने से इंकार कर दिया. जिसके बाद फर्जी मेडिकल रिपोर्ट से युवक को जेल भेजने से हड़कंप मच गया. दोनों डॉक्टर ने सरकंडा थाने में फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने की शिकायत की. इसके आधार पर महिला के बेटे को जमानत मिली.
पुलिस ने किया जुर्म दर्ज: डॉक्टरों की शिकायतों की जांच के बाद सरकंडा पुलिस ने फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले स्काई अस्पताल के मैनेजर अंकित दुबे और उसके भाई उत्कर्ष दुबे व हॉस्पिटल के अन्य लोगों के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है.