बिलासपुर: साल 2020-21 के लिए खरीफ सीजन में इस साल राज्य में धान की बंपर पैदावार हुई. समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का बीते 20 साल का रिकॉर्ड भी टूट गया है. राज्य सरकार अपना पीठ जरूर थपथपा रही है लेकिन सच्चाई यह है कि जरूरत से ज्यादा धान की खरीदी शासन-प्रशासन के लिए मुसीबत बन चुकी है.
क्यों हुई धान की बंपर पैदावार?
विपणन अधिकारी की मानें तो इस साल किसानों का रकबा और क्षेत्र बढ़ने की वजह से धान की बंपर पैदावार हुई है. यह अब सरकार पर भारी पड़ती नजर आ रही है.
अब क्या कर रहा शासन-प्रशासन
रिकॉर्ड तोड़ धान खरीदी का सपना अब सरकार के लिए एक बहुत बड़ी मुश्किल साबित हो रही है. यही वजह है कि इस बार धान और चावल का अब ऑक्शन के जरिए फ्री सेल किया जा रहा है. अकेले बिलासपुर जिले की बात करें तो यहां मिलर के बाद नान और FCI को चावल देने के बाद भी 69 हजार मीट्रिक टन से ज्यादा धान बच रहा है. इसलिए अब शासन के निर्देश के मुताबिक एकमात्र ऑक्शन उपाय के तहत मिलरों को खरीदी की अनुमति दी गई है. यह 3 मार्च से लगातार जारी है. इस व्यवस्था के तहत राइस मिलरों द्वारा कस्टम मिलिंग के साथ-साथ फ्री होल्ड चावल की खरीदी की जा रही है. प्रशासन ने इसके लिए ऑक्शन जारी किया है. 18 फरवरी से क्रेता पंजीयन का काम शुरू हो चुका है.
बिलासपुर जिले के महत्वपूर्ण आंकड़े
* जिले में पंजीकृत किसान-105582
* रकबा-255818.32 हेक्टेयर
* 96.59 प्रतिशत किसानों ने धान बेचा
* उत्पादन-45 लाख 11 हजार 422 क्विंटल
पिछले 6 सालों के पंजीकृत किसान, धान बेचने वाले किसान, धान खरीदी और भुगतान के तुलनात्मक तथ्य