बिलासपुर : गुरुघासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एमएसएफ नाम से ग्रुप बनाकर कैंपस में बाहर से पढ़ाई करने आने वाले छात्रों को जोड़ा गया. ऐसा दावा किया जा रहा है कि मदद के नाम पर स्टूडेंट्स को इस ग्रुप से जोड़ा जा रहा है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रबंधन को जब इस बारे में जानकारी लगी तो सभी सकते में आ गए. सेंट्रल यूनिवर्सिटी का कहना है कि इस बारे में पहले जांच की जाएगी कि किस उद्देश्य से इस ग्रुप को बनाया गया है, कौन ऑपरेट कर रहा है. हालांकि अभी तक इस ग्रुप को लेकर किसी भी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है.
क्या है पूरा मामला : गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एमएसएफ के नाम से सोशल मीडिया में एक ग्रुप बनाया गया है. ग्रुप में साउथ इंडियन छात्र छात्राओं को जोड़ा गया है. शुरुआत में इस ग्रुप में हेल्पडेस्क जैसे काम किया जा रहा था. लेकिन अब इसमें यूनिवर्सिटी का नाम और डीपी में लोगो लगाया गया है, जिस पर यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने आपत्ति दर्ज की है.
कुछ शुभचिंतकों ने मुझे इसके बारे में जानकारी दी कि ऐसा कोई कोई ग्रुप सक्रिय हो रहा है. ये ग्रुप एमएसएफ के नाम से कोई इंस्टाग्राम अकाउंट बनाया है. उनके कुछ चित्रों को भी मेरे पास पेश किया गया है. विश्वविद्यालय का कुलपति होने के नाते और यूनिवर्सिटी का अभिभावक हूं. मैंने कुलसचिव से उसके बारे में बात की और तुरंत हमारी टीम जांच करने गठित किया और अधिकृत किया कि इस मामले की जांच किया जाए. -आलोक कुमार चक्रवाल, कुलपति, गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी
क्यों बनाया गया है ग्रुप : गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ आलोक कुमार चक्रवाल ने इस पूरे मामले में जांच कमेटी बिठाई है, जो इस ग्रुप में शामिल लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है. कमेटी इस ग्रुप का उद्देश्य के बारे में भी पता लगाएगी. लेकिन जिस तरह से डीपी लगाई गई है और यूनिवर्सिटी का नाम लिखा गया है, उससे यही लग रहा है कि कोई छात्रों को एक ही मंच पर जोड़कर अपनी बात रखना चाहता है.