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RTI में सामने आया PHE विभाग का कारनामा, काम के नाम पर हुआ है खानापूर्ती

सूचना का अधिकार अधिनियम से बड़ा खुलासा हुआ है. खुलासे के बाद PHE विभाग में हड़कंप मचा है. विभाग के अधिकारियों पर काम ने नाम पर कागजी खानापूर्ती की बात सामने आई है.

सामने आया 'PHE विभाग' की कागजी खानापूर्ती
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Published : Oct 18, 2019, 9:26 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 12:01 AM IST

बिलासपुर: तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में नल जल योजना के तहत लगाये गए नल के बारे में सूचना मांगी गई थी. जिसमें पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप मचा है.

सामने आया 'PHE विभाग' की कागजी खानापूर्ती

ये है पूरा मामला

कई ग्राम पंचायतों में 'नल जल योजना' के तहत पानी सप्लाई किया गया था, लेकिन मौजूदा समय में सभी प्लांट बंद पड़े हैं और पानी सप्लाई ठप है. इसका खुलासा परसाकापा पंचायत के रहने वाले निर्मल कुर्मी ने किया है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक स्टीमेट कॉपी और मौजूदा समय में 'नल जल योजना' के तहत सप्लाई सुविधा में जमीन आसमान का अंतर है.

करीब 16 लाख रुपये की लागत से संचालित योजना आज भगवान भरोसे है. स्टीमेट कॉपी में दिए आंकड़े और सप्लाई सुविधा का भू-सत्यापन देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि क्षेत्र में पानी सप्लाई के नाम पर क्षेत्र में सिर्फ खानापूर्ती की गई है.

पढ़े:PMC बैंक घोटाला : सुप्रीम कोर्ट का सुनवाई से इनकार, कहा- हाई कोर्ट में करें अपील

बिना ट्रांसफार्मर के सप्लाई
चुलघट गांव में पानी सप्लाई के लिए स्टीमेट में व्यवस्थित बिजली कनेक्शन किया जाना था, लेकिन जमीनी हकीकत में ऑडनरी बिजली कनेक्शन से योजना का संचालन हो रहा है. गांव में लगभग 10 स्टैंड पोल लगाया गया है, लेकिन ज्यादातर नल तक मौजूदा समय में पानी की सप्लाई नहीं है.

बिलासपुर: तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में नल जल योजना के तहत लगाये गए नल के बारे में सूचना मांगी गई थी. जिसमें पीएचई विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप मचा है.

सामने आया 'PHE विभाग' की कागजी खानापूर्ती

ये है पूरा मामला

कई ग्राम पंचायतों में 'नल जल योजना' के तहत पानी सप्लाई किया गया था, लेकिन मौजूदा समय में सभी प्लांट बंद पड़े हैं और पानी सप्लाई ठप है. इसका खुलासा परसाकापा पंचायत के रहने वाले निर्मल कुर्मी ने किया है. विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक स्टीमेट कॉपी और मौजूदा समय में 'नल जल योजना' के तहत सप्लाई सुविधा में जमीन आसमान का अंतर है.

करीब 16 लाख रुपये की लागत से संचालित योजना आज भगवान भरोसे है. स्टीमेट कॉपी में दिए आंकड़े और सप्लाई सुविधा का भू-सत्यापन देखने के बाद ऐसा लग रहा है कि क्षेत्र में पानी सप्लाई के नाम पर क्षेत्र में सिर्फ खानापूर्ती की गई है.

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बिना ट्रांसफार्मर के सप्लाई
चुलघट गांव में पानी सप्लाई के लिए स्टीमेट में व्यवस्थित बिजली कनेक्शन किया जाना था, लेकिन जमीनी हकीकत में ऑडनरी बिजली कनेक्शन से योजना का संचालन हो रहा है. गांव में लगभग 10 स्टैंड पोल लगाया गया है, लेकिन ज्यादातर नल तक मौजूदा समय में पानी की सप्लाई नहीं है.

Intro:सूचना का अधिकार अधिनियम से खुलासा ,सामने आया पी एच ई विभाग की कागजी खानापूर्ती। बिना ट्राँसफार्मर के लगा दिया नल जल योजना, आज तक आखरी स्टैण्ड पोल तक नहीं पहुँचा पानी। Body:तखतपुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत क्षेत्र में लगे नल जल योजना में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी मांग कर ग्रामीण ने पीएचई विभाग की लापरवाही उजागर किया है। आपको बता दें कि क्षेत्र के ऐसे कई ग्राम पंचायत है जहाँ नल जल योजना के तहत पानी सप्लाई किया गया है परन्तु वर्तमान में सभी जल सप्लाई ठप्प है। यह खुलासा परसाकापा पंचायत के ग्रामीण निर्मल कुर्मी द्वारा किया गया है । विभाग से मिली जानकारी अनुसार स्टीमेट कापी और वर्तमान में नल जल योजना की सप्लाई सुविधा देखा गया तो दोनों में जमीन आसमान का अंतर है। लगभग 16 लाख के इस योजना का संचालन पिछले 3 साल से भगवान भरोसे चल रहा है। स्टिमेट कापी में दिये आंकड़े और सप्लाई सुविधा की भू सत्यापन किया जाये तो एक भी निर्देश का पालन नहीं दिखाई देगा ऐसे में विधान सभा क्षेत्र में बढ़ता जल संकट और गहरा सकता है। वहीं सरकारी योजना केवल कागजी खानापूर्ती प्रतीत हो रहा है।
बिना ट्राँसफार्मर का सप्लाई - आपको बता दें कि चुलघट ग्राम में लगा नल जल योजना के स्टीमेट में सुव्यवस्थित बिजली कनेक्शन किया जाना है परन्तु वहीं जमीनी हकिकत में आडनरी बिजली कनेक्शन से योजना का संचालन होना पाया। बांस के खम्भों ,पेड़ से लटकाकर विभाग द्वारा योजना संचालित कर दिया गया है।इस विषय में बिजली विभाग के ए ई शेखर सोनी से फोन सम्पर्क किया जानकारी लेने पर पिछले तीन साल से वर्क आडर नहीं बनने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया गया। ऐसे में ग्रामीण किसानों को बिजली की आडनरी सप्लाई से हानि हो सकता है जिसे दरकिनार कर, मौत के साये में पानी सप्लाई किया जा रहा है।
पानी की समस्या बना हुआ है - गाँव में लगभग 10 स्टैण्ड पोल लगाया गया है परन्तु अधिकांश नल तक वर्तमान समय तक पानी सप्लाई नहीं पहुँच रहा है। ऐसे में 16 लाख का पेय जल योजना ग्रामीण आबादी की प्यास बुझाने में असमर्थ है । अधिकारियों कर्मचारियों की मनमानी से सरकारी कार्यालयों की छवि धूमिल हो रहा है। जहाँ जल ही जीवन की बात कही जाती है वहीं ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। Conclusion:एस डी ओ ने कहा अधिकार नहीं अधिकृत जवाब देने - इस विषय में एस डी ओ बीके मेहर ने कहा कि उन्हें इस विषय में बोलने अधिकार नहीं है। एस डी ओ पीएच ई बीके मेहर ने कहा तात्कालीन अधिकारी कोई और थे मैं नहीं था। इस विषय पर मैं क्या जवाब दूं। हमें अधिकार नहीं मिला है ईई साहब से सम्पर्क कर सकते हैं। मैं बाइट नहीं दे सकता कहकर पल्ला झाड़ लिया।
ग्रामीण का बाइट
रिपोर्ट नरेन्द्र ध्रुव तखतपुर बिलासपुर।
Last Updated : Oct 19, 2019, 12:01 AM IST
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