बिलासपुर: जेसीसी(जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और कोटा से विधायक रेणु जोगी बुधवार को अपने पैतृक गांव जोगीसार में नवाखाई कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. जहां परिवार की मुखिया दिवंगत अजीत जोगी के न होने के कारण कार्यक्रम में माहौल भावुक दिखा.
जोगीसार में जोगी परिवार द्वारा हर साल की तरह इस वर्ष भी नवाखाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. यह कार्यक्रम हर साल आयोजित किया जाता है. जोगी बाबा के मंदिर में कोटा की विधायक रेणु जोगी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने पूजा अर्चना कर पारंपरिक तरीके से धान की बालियों को जोगी बाबा को समर्पित किया. इसके बाद उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए अमित जोगी ने कहा कि पहली बार परिवार के मुखिया दिवंगत अजीत जोगी की अनुपस्थिति में नवाखाई का कार्यक्रम हो रहा है. उन्होंने कहा कि आज बाबूजी स्व अजीत जोगी भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वह सभी के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे.
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अजीत जोगी के जाने कमजोर नहीं हुआ है जेसीसीजे
अमित ने कहा कि मेरे बाबूजी के स्वर्गवास के बाद कुछ लोगों को लगता है कि जोगी परिवार कमजोर हो गया है, लेकिन मैं ऐसे लोगों को बता देना चाहता हूं कि जोगी परिवार न कभी कमजोर था ना कमजोर होगा. हमसे हार के डर के कारण ही छलपूर्वक मुझे चुनाव के मैदान से बाहर कर दिया गया था.
कांग्रेस की जीत को नहीं मानता
उन्होंने कहा कि मरवाही में कांग्रेस की जीत को मैं जीत नहीं मानता, यदि हमें हराकर जीतते तो जीत कहलाती. उन्होंने कहा कि मेरे पिताजी कभी भी अपने को यहां के विधायक के रूप में नहीं देखते थे. बल्कि वह अपने आप को आप लोगों का कमियां मानते थे. अमित जोगी ने कहा कि 20 वर्षों में पहली बार मरवाही क्षेत्र से जोगी परिवार का विधायक विधानसभा में नहीं है. उन्होंने कहा कि मेरे बाबूजी ने वर्ष 2001 में हिंदुस्तान में पहली बार धान की खरीदी की शुरुआत की थी, लेकिन प्रदेश की सरकार गिरदावरी कर धान का रकबा कम कर दी है. जिसके कारण किसान परेशान हैं. वह अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं. बारदाने की कमी के नाम पर भी किसानों को परेशान कर धान खरीदी केंद्र से लौटा दिया जा रहा है.
धान का एक-एक दाना खरीदे सरकार
अमित जोगी ने मांग की है कि शासन किसानों के धान का एक-एक दाना खरीदे और 25 सौ रुपये का एकमुश्त भुगतान करे. दिवंगत अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी ने भावुक होकर कहा कि यहां ईश्वर की मर्जी के आगे किसी की नहीं चलती. ईश्वर की मर्जी को सभी को मानना पड़ता है. आज पहला अवसर है जब स्वर्गीय जोगी के बिना नवाखाई कार्यक्रम परिवार में हो रहा है.