बिलासपुर: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के हर मंदिर की अपनी एक कहानी है. ऐसा ही एक और राम मंदिर है बिलासपुर में. बिलासपुर के तिलक नगर में 116 साल पहले राम मंदिर की स्थापना की गई थी. यहां हर साल रामनवमी के मौके पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है.
मराठा समाज के लोग कर रहे भगवान राम की सेवा: बिलासपुर के इस राम मंदिर की सेवा मंदिर स्थापना से लेकर अब तक मराठा समाज के लोग ही कर रहे हैं. इस मंदिर में मराठा स्थापत्य कला को दर्शाया गया है.मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का ये मंदिर मराठा स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है.
बंगाल के कारीगर ने तैयार किया था मंदिर: साल 1905 में यानी कि 116 साल पहले इस मंदिर का निर्माण किया गया था. मर्यादा पुरुषोत्तम राम का ये मंदिर मराठा स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है. मंदिर को बंगाल के मुस्लिम कारीगर करीम खान ने तैयार किया था. निर्माण के लिए उसने एक पैसा नहीं लिया. शुरुआत में छोटे कक्ष में भगवान राम को स्थापित किया गया था लेकिन आज ये मंदिर भव्य हो गया है.
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बाढ़ के समय लोगों को बचाता था ये राम मंदिर: मंदिर निर्माण से लेकर अब तक मंदिर से जुड़े कई कहानियां हैं. मंदिर के आसपास जंगल, झाड़ी के साथ ही अरपा नदी का तट है. पहले जब अरपा नदी में बाढ़ आता था, तो आप-पास के लोग मंदिर परिसर में पहुंचकर अपनी जान बचाते थे. अरपा नदी का पानी चाहे कितना भी उफान पर रहे, लेकिन वह मंदिर परिसर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाता था. भगवान राम की कृपा से यहां आने वाले लोगों का हमेशा से ही उद्धार होता रहा है.
मंदिर में धूमधाम से मनाया जाता है रामनवमी: मंदिर निर्माण के बाद से ही मंदिर में राम नवमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. इसके साथ ही दत्त जयंती, आषाढी एकादशी पर दिंडी यात्रा और गणेश उत्सव का आयोजन मंदिर परिसर में होता आ रहा है. समय के साथ-साथ इस मंदिर में आयोजन भी बढ़ते जा रहे हैं.