बिलासपुर : स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा किये कार्यों में एमआईसी से अनुमोदित नहीं करने को लेकर लगी याचिका में आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इसको लेकर रायपुर और बिलासपुर मेयर इन काउंसिल (Raipur and Bilaspur Mayor in Council gave reply in Chhattisgarh High Court) ने जवाब दिया. जनप्रतिनिधियों को सदस्य नहीं बनाने और कार्यों को अनुमोदित नहीं करने को लेकर याचिका लगाई गई है.
स्मार्ट सिटी लिमिटेड के कार्यों को लेकर लगी जनहित याचिका मामले में आज सुनवाई के दौरान बिलासपुर और रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा और मेयर इन काउंसिल ने हाईकोर्ट में जवाब दिया. जवाब में कहा गया कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों का अनुमोदन सामान्य सभा व एमआईसी से कराना चाहिए. साथ ही स्मार्ट सिटी के निदेशक मंडल में निगम के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल करने चाहिए. मामले की अगली सुनवाई 8 मार्च को तय की गई है.
गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी कम्पनियों द्वारा निर्वाचित संस्थाओं के अधिकार हड़पने वाली जनहित याचिका पर कोर्ट ने सामान्य सभा व एमआईसी को पिछली सुनवाई के दौरान जवाब देने कहा था. इस पर उक्त संस्थाओं ने अपना पक्ष रखा. दायर याचिका में कहा गया है कि बिलासपुर और रायपुर नगर निगम में कार्यरत स्मार्ट सिटी लिमिटेड कम्पनियों को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि इन्होंने निर्वाचित नगर निगमों के सभी अधिकारों और क्रियाकलाप का असंवैधानिक रूप से अधिग्रहण कर लिया है. जबकि ये सभी कम्पनियां विकास के वही कार्य कर रही हैं, जो संविधान के तहत संचालित प्रजातांत्रिक व्यवस्था में निर्वाचित नगर निगमों के अधीन है.