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Railway job fraud in Bilaspur: रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी - Railway job fraud

Bilaspur Crime News: बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र में भाई को रेलवे में नौकरी लगाने का झांसा देकर 3 लाख 50 हजार की धोखाधड़ी हुई है. आरोपी ने युवक को दो साल तक घुमाया. जब बात नहीं बनीं तो बैंक का चेक देकर युवक को गुमराह किया. चेक बाउंस होने बाद पुलिस केस दर्ज कर जांच कर रही है.

cheating in name of job in railway
रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी
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Published : Jan 13, 2023, 1:03 PM IST

बिलासपुर : सरकंडा थाना क्षेत्र के कोनी निवासी अनुराग पाण्डेय वर्तमान में सिम्स अस्पताल में वार्ड ब्वॉय की नौकरी करता है. उसने अपने साथ धोखाधड़ी होने की सरकंडा थाने मे रिपोर्ट दर्ज कराई है. अनुराग साल 2019 में रायगढ़ के स्व.लखीराम अग्रवाल अस्पताल में था. उसके मुताबिक वो अक्सर ट्रेन से रायगढ़ जाना आना करता था. ट्रेन में आते जाते समय उसकी मुलाकात रामस्वामी मुत्तु सुब्रमणियम से हुई.रामस्वामी ने बातचीत के बाद अंदाजा लगा लिया की अनुराग पांडेय किस किस्म का व्यक्ति है.

मेलजोल बढ़ाकर धोखाधड़ी : काम के दौरान साथ आते जाते समय रामस्वामी मुत्तु सुब्रमणियम ने उसके पूरे परिवार के बारे में जानकारी ली. इस दौरान अनुराग ने अपने छोटे भाई के बारे में बताया. अनुराग का छोटा भाई अभिनव पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद भी नौकरी की तलाश में था. इसके बाद रामस्वामी ने कहा कि उसकी पत्नी रेलवे में क्लर्क है.वो खुद रेलवे का ठेकेदार है. जिसके कारण उसके डीआरएम और एओ से अच्छे संबंध है.यदि अनुराग अपने भाई की नौकरी रेलवे में लगवाना चाहता है तो इसके लिए तैयार है. सरकारी नौकरी की बात सुनते ही अनुराग ने हामी भरी.

नौकरी लगाने के नाम पर ठगी : रामस्वामी ने नौकरी लगाने के लिए अनुराग से 3 लाख 50 हजार की डिमांड की. घरवालों से बातचीत करने के बाद अनुराग ने अपने मित्र देवेंद्र साहू और छोटे भाई को लेकर रामस्वामी मुत्तू सुब्रमणियम के घर विजयापुरम सरकंडा पहुंचा. जहां उसने रामस्वामी मुत्तू सुब्रमणियम को उसकी पत्नी के सामने रूपए दे दिया. इसके बाद पूरा साल निकल गया. जब अनुराग ने नौकरी लगाने को कहा तो रामस्वामी ने उसे एक दो महीने रुकने के लिए कहा. साल 2021 के जून महीने में अनुराग को बुलाकर रामस्वामी ने एक लेटर थमाया.जिसमें अनुराग के भाई के नाम था. असली कॉपी में बाद में देने को रामस्वामी ने कहा.

ये भी पढ़ें- क्रिकेट टूर्नामेंट में सेलेक्शन का झांसा देकर ठगी

फर्जी निकला ज्वाईनिंग आर्डर कॉपी : वो लेटर लेकर अनुराग डीआरएम ऑफिस पहुंचा. जहां उसे पता चला कि लेटर फर्जी है. धोखाधड़ी के अहसास होने पर अनुराग ने पैसे वापस मांगे.जिस पर रामस्वानी ने उसे पैसा वापस करने संबंध में 5 दिसंबर 2021तक पैसा वापस करने कोरा कागज पर इकरारनामा लिखकर दिया. नियत तिथि पर रकम वापस नहीं करने पर फिर युवक ने रकम वापस करने की मांग की .इस पर रामस्वामी ने उसके भाई अभिवन पाण्डेय के नाम से 3/10/2022 को 3 लाख 55 हजार रूपए का चेक इंडियन बैंक के नाम का दिया. जिसमें एस राजश्वरी के हस्ताक्षर थे. लेकिन खाते में पैसे नहीं होने के कारण चेक बाउंस हो गया. अब इस पूरे मामले की शिकायत थाने में दर्ज की गई है.

बिलासपुर : सरकंडा थाना क्षेत्र के कोनी निवासी अनुराग पाण्डेय वर्तमान में सिम्स अस्पताल में वार्ड ब्वॉय की नौकरी करता है. उसने अपने साथ धोखाधड़ी होने की सरकंडा थाने मे रिपोर्ट दर्ज कराई है. अनुराग साल 2019 में रायगढ़ के स्व.लखीराम अग्रवाल अस्पताल में था. उसके मुताबिक वो अक्सर ट्रेन से रायगढ़ जाना आना करता था. ट्रेन में आते जाते समय उसकी मुलाकात रामस्वामी मुत्तु सुब्रमणियम से हुई.रामस्वामी ने बातचीत के बाद अंदाजा लगा लिया की अनुराग पांडेय किस किस्म का व्यक्ति है.

मेलजोल बढ़ाकर धोखाधड़ी : काम के दौरान साथ आते जाते समय रामस्वामी मुत्तु सुब्रमणियम ने उसके पूरे परिवार के बारे में जानकारी ली. इस दौरान अनुराग ने अपने छोटे भाई के बारे में बताया. अनुराग का छोटा भाई अभिनव पोस्ट ग्रेजुएट होने के बाद भी नौकरी की तलाश में था. इसके बाद रामस्वामी ने कहा कि उसकी पत्नी रेलवे में क्लर्क है.वो खुद रेलवे का ठेकेदार है. जिसके कारण उसके डीआरएम और एओ से अच्छे संबंध है.यदि अनुराग अपने भाई की नौकरी रेलवे में लगवाना चाहता है तो इसके लिए तैयार है. सरकारी नौकरी की बात सुनते ही अनुराग ने हामी भरी.

नौकरी लगाने के नाम पर ठगी : रामस्वामी ने नौकरी लगाने के लिए अनुराग से 3 लाख 50 हजार की डिमांड की. घरवालों से बातचीत करने के बाद अनुराग ने अपने मित्र देवेंद्र साहू और छोटे भाई को लेकर रामस्वामी मुत्तू सुब्रमणियम के घर विजयापुरम सरकंडा पहुंचा. जहां उसने रामस्वामी मुत्तू सुब्रमणियम को उसकी पत्नी के सामने रूपए दे दिया. इसके बाद पूरा साल निकल गया. जब अनुराग ने नौकरी लगाने को कहा तो रामस्वामी ने उसे एक दो महीने रुकने के लिए कहा. साल 2021 के जून महीने में अनुराग को बुलाकर रामस्वामी ने एक लेटर थमाया.जिसमें अनुराग के भाई के नाम था. असली कॉपी में बाद में देने को रामस्वामी ने कहा.

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फर्जी निकला ज्वाईनिंग आर्डर कॉपी : वो लेटर लेकर अनुराग डीआरएम ऑफिस पहुंचा. जहां उसे पता चला कि लेटर फर्जी है. धोखाधड़ी के अहसास होने पर अनुराग ने पैसे वापस मांगे.जिस पर रामस्वानी ने उसे पैसा वापस करने संबंध में 5 दिसंबर 2021तक पैसा वापस करने कोरा कागज पर इकरारनामा लिखकर दिया. नियत तिथि पर रकम वापस नहीं करने पर फिर युवक ने रकम वापस करने की मांग की .इस पर रामस्वामी ने उसके भाई अभिवन पाण्डेय के नाम से 3/10/2022 को 3 लाख 55 हजार रूपए का चेक इंडियन बैंक के नाम का दिया. जिसमें एस राजश्वरी के हस्ताक्षर थे. लेकिन खाते में पैसे नहीं होने के कारण चेक बाउंस हो गया. अब इस पूरे मामले की शिकायत थाने में दर्ज की गई है.

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