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पेंड्रा: करोड़ों की लागत से बन रहे स्टॉप डैम की गुणवत्ता का नहीं रखा जा रहा ख्याल

पेंड्रा वन परिक्षेत्र में वन विभाग की ओर से कराए जा रहे स्टॉप डैम (एनीकट) के निर्माण में अनदेखी का मामला सामने आया है.

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Published : Jun 3, 2020, 4:55 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 5:08 PM IST

Question on the quality of stop dams
स्टाप डैम की गुणवत्ता पर सवाल

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही : पेंड्रा वन परिक्षेत्र में वन विभाग की ओर से स्टॉप डैम (एनीकट) का निर्माण गुणवत्ताहीन तरीके से कराए जाने का मामला सामने आया है. वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को निर्माण कार्य कराना था, लेकिन उन्होंने नियमों की अनदेखी करते हुए अपने चहेते ठेकेदार के माध्यम से निर्माण कार्य करा रहा था. वहीं ग्रामीणों ने भी आरोप लगाया है कि, एनीकट का निर्माण बिना गुणवत्ता के किया जा रहा है.

स्टॉप डैम की गुणवत्ता पर सवाल

दरअसल, मरवाही वन मंडल के पेंड्रा वन परिक्षेत्र में वन विभाग की ओर से 15 से ज्यादा स्टॉप डैम और एनीकट का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. शासन के दिशा निर्देश के अनुसार इन निर्माण कार्यों को वन परिक्षेत्र अधिकारी को खुद अपनी निगरानी में कार्य कराना था. पर नियमों की अनदेखी करते हुए ठेकेदारी प्रथा से गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कराने का सिलसिला लगातार जारी है.

कैंपा मद से स्वीकृत फंड से वन विभाग ग्रामीण क्षेत्रों के जंगलों के बीच 20 से 30 लाख रुपये की लागत से स्टॉप डैम बना रहा है, जिससे वन्यजीव पानी की तलाश में इधर-उधर न भटकें. साथ ही जहां पौधरोपण किया गया है, उस स्थान पर पानी पहुंचाया जा सके. लेकिन ठेकेदारी के माध्यम से बन रहे इन स्टाप डैम में अनियमितता बरती जा रही है. इन निर्माण कार्यों में वाइब्रेटर सिर्फ नाम मात्र का चलाया गया है. जिससे बरसात के पहले ही स्टॉप डैम और एनीकट से पानी का रिसाव होने लगा है, तो कुछ एनीकट और स्टॉप डैम जिनका निर्माण हो चुका है वहा लीकेज की समस्या बनी हुई है.

पढ़ें-मनरेगा में अव्वल: सबसे ज्यादा रोजगार और काम कराने वाला राज्य बना छत्तीसगढ़

अधिकारी ने कहा सही तरीके से हो रहा काम

वन विभाग के गाइडलाइन के अनुसार वन विभाग में जो भी निर्माणकार्य कराया जाना है वो वन विभाग के अधिकारियों को ही कराना है. पर ऐसा न करते हुए जवाबदार अपने करीबियों से करोड़ों रुपयों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. वहीं इस मामले में जब पेंड्रा वन परिक्षेत्र के अधिकारी से बात की गई तो मामले में गोलमोल जवाब दे रहे हैं. उनका कहना है कि सभी कार्य सही तरीके से हो रहे हैं.

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही : पेंड्रा वन परिक्षेत्र में वन विभाग की ओर से स्टॉप डैम (एनीकट) का निर्माण गुणवत्ताहीन तरीके से कराए जाने का मामला सामने आया है. वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को निर्माण कार्य कराना था, लेकिन उन्होंने नियमों की अनदेखी करते हुए अपने चहेते ठेकेदार के माध्यम से निर्माण कार्य करा रहा था. वहीं ग्रामीणों ने भी आरोप लगाया है कि, एनीकट का निर्माण बिना गुणवत्ता के किया जा रहा है.

स्टॉप डैम की गुणवत्ता पर सवाल

दरअसल, मरवाही वन मंडल के पेंड्रा वन परिक्षेत्र में वन विभाग की ओर से 15 से ज्यादा स्टॉप डैम और एनीकट का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. शासन के दिशा निर्देश के अनुसार इन निर्माण कार्यों को वन परिक्षेत्र अधिकारी को खुद अपनी निगरानी में कार्य कराना था. पर नियमों की अनदेखी करते हुए ठेकेदारी प्रथा से गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य कराने का सिलसिला लगातार जारी है.

कैंपा मद से स्वीकृत फंड से वन विभाग ग्रामीण क्षेत्रों के जंगलों के बीच 20 से 30 लाख रुपये की लागत से स्टॉप डैम बना रहा है, जिससे वन्यजीव पानी की तलाश में इधर-उधर न भटकें. साथ ही जहां पौधरोपण किया गया है, उस स्थान पर पानी पहुंचाया जा सके. लेकिन ठेकेदारी के माध्यम से बन रहे इन स्टाप डैम में अनियमितता बरती जा रही है. इन निर्माण कार्यों में वाइब्रेटर सिर्फ नाम मात्र का चलाया गया है. जिससे बरसात के पहले ही स्टॉप डैम और एनीकट से पानी का रिसाव होने लगा है, तो कुछ एनीकट और स्टॉप डैम जिनका निर्माण हो चुका है वहा लीकेज की समस्या बनी हुई है.

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अधिकारी ने कहा सही तरीके से हो रहा काम

वन विभाग के गाइडलाइन के अनुसार वन विभाग में जो भी निर्माणकार्य कराया जाना है वो वन विभाग के अधिकारियों को ही कराना है. पर ऐसा न करते हुए जवाबदार अपने करीबियों से करोड़ों रुपयों का निर्माण कार्य कराया जा रहा है. वहीं इस मामले में जब पेंड्रा वन परिक्षेत्र के अधिकारी से बात की गई तो मामले में गोलमोल जवाब दे रहे हैं. उनका कहना है कि सभी कार्य सही तरीके से हो रहे हैं.

Last Updated : Jun 3, 2020, 5:08 PM IST
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