बिलासपुर: रेल कर्मचारी यूनियन ने भारतीय रेलवे के निजीकरण का विरोध किया है. कर्मचारी यूनियन का कहना है कि केंद्र सरकार धीरे-धीरे कर रेलवे का निजीकरण कर रही है. निजीकरण के मुद्दे पर आमतौर पर एक-दूसरे के धुर विरोधी यूनियन के संगठन भी कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं. आज (रविवार) को संयुक्त रेलकर्मी मोर्चा के बैनर तले बिलासपुर रेलवे स्टेशन के VIP गेट के सामने एकत्र रेलकर्मियों ने रेलवे और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
रेल कर्मचारी यूनियन का कहना है कि सरकार धीरे-धीरे रेलवे का निजीकरण कर रही है. कुछ रूट पर कई विशेष ट्रेनों का परिचालन निजी हाथों में दिए जाने के बाद रेलकर्मी इस बात से डरे हुए हैं कि कहीं सरकार धीरे-धीरे पूरी रेल को निजी हाथों में न सौंप दे.
बिलासपुर महापौर ने दिया समर्थन
इस आंदोलन का समर्थन देने बिलासपुर महापौर रामशरण यादव और कई कांग्रेसी नेता भी मौके पर पहुंचे. रेलवे निजीकरण के नए मुद्दे के माध्यम से कांग्रेस पार्टी भी अब मोदी सरकार को घेरने के लिए जुटती नजर आ रही है.
प्राइवेट ट्रेनों के चलाए जाने की बात
वाम पार्टियां इस मुद्दे को लेकर पूरे देश में कमोवेश सक्रिय नजर आ रही है. बता दें, बीते दिनों देश में प्राइवेट ट्रेनों के चलाए जाने की बात कही गई थी, जिसके बाद से यह मुद्दा काफी गरमाया हुआ नजर आ रहा है.
रायपुर में भी किया गया आंदोलन
वहीं दूसरी ओर राजधानी रायपुर में भी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मजदूर कांग्रेस रायपुर मंडल ने केंद्र सरकार के निजीकरण नीतियों पर जमकर नारेबाजी की है. उन्होंने भारतीय रेल का निजीकरण सहित अन्य नीतियों पर विरोध जताया है. (रविवार) को रेलवे इंस्टिट्यूट ग्राउंड डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में क्विट इंडिया डे को सेव इंडिया डे के रूप में सत्याग्रह आंदोलन आयोजित किया.