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डामर घोटाले की सुनवाई के लिए एक्टिंग चीफ जस्टिस ने किया इंकार - बिलासपुर हाईकोर्ट

डामर घोटाले में साल 2019 में सुनवाई (hearing in asphalt scam) के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने हाईकोर्ट से कहा था कि मामले में कार्रवाई होगी. शासन के जवाब से संतुष्ट होकर कोर्ट ने निर्देश देते हुए जनहित याचिका को निराकृत कर दिया था. लेकिन मामले में किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं होने से कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस ने सुनवाई से इंकार कर दिया है. अब दूसरी डबल बेंच में सुनवाई होगी.

Proceedings in Chhattisgarh High Court Acting Chief Justice refused to hear the asphalt scam
डामर घोटाले की सुनवाई
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Published : Sep 4, 2021, 12:35 PM IST

बिलासपुर: प्रदेशभर में हुए डामर घोटाले (asphalt scam ) का मामला एक बार फिर हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court ) में जनहित के रूप में पेश किया गया है. दायर की गई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट एक्टिंग चीफ जस्टिस ने किसी व्यक्तिगत कारणों से सुनवाई से इंकार दिया है. अब इस मामले की सुनवाई किसी अन्य बेंच में होगी. हालांकि अभी बेंच और तारीख फिलहाल तय नहीं है.

2019 में सुनवाई के दौरान शासन (chhattisgarh government) ने हाईकोर्ट से कहा था कि मामले में कार्रवाई होगी. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शासन के जवाब से संतुष्ट होकर निर्देश देते हुए जनहित याचिका को निराकृत कर दिया था. इसके बाद से अबतक कार्रवाई नहीं होने पर दोबारा जनहित याचिका पेश किया गया.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में लौटेगी रौनक, 6 सितंबर से ऑफलाइन शुरू होगी सुनवाई

2016 में रायपुर के वीरेंद्र पाण्डे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि प्रदेशभर में कुल 21 सड़कों के निर्माण के लिए ADB से 12 सौ करोड़ का कर्ज लिया गया था. 12 सौ करोड़ में से तकरीबन 200 करोड़ का घोटाला किया गया है. एक ही बिल को लगाकर कई सड़कों के निर्माण होना दर्शाया गया है. मामले की जांच के लिए वीरेंद्र पांडे ने जनहित याचिका दायर किया था. सुनवाई में शासन ने कोर्ट में कार्रवाई करने की बात कही. हालांकि इसके कोई समय सीमा निर्धारित नही थीं. मामले में हाईकोर्ट ने शासन को निर्देश देते हुए जवाब से संतुष्ट होकर जनहित याचिका को निराकृत कर दिया था.

बिलासपुर: प्रदेशभर में हुए डामर घोटाले (asphalt scam ) का मामला एक बार फिर हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court ) में जनहित के रूप में पेश किया गया है. दायर की गई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट एक्टिंग चीफ जस्टिस ने किसी व्यक्तिगत कारणों से सुनवाई से इंकार दिया है. अब इस मामले की सुनवाई किसी अन्य बेंच में होगी. हालांकि अभी बेंच और तारीख फिलहाल तय नहीं है.

2019 में सुनवाई के दौरान शासन (chhattisgarh government) ने हाईकोर्ट से कहा था कि मामले में कार्रवाई होगी. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने शासन के जवाब से संतुष्ट होकर निर्देश देते हुए जनहित याचिका को निराकृत कर दिया था. इसके बाद से अबतक कार्रवाई नहीं होने पर दोबारा जनहित याचिका पेश किया गया.

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2016 में रायपुर के वीरेंद्र पाण्डे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि प्रदेशभर में कुल 21 सड़कों के निर्माण के लिए ADB से 12 सौ करोड़ का कर्ज लिया गया था. 12 सौ करोड़ में से तकरीबन 200 करोड़ का घोटाला किया गया है. एक ही बिल को लगाकर कई सड़कों के निर्माण होना दर्शाया गया है. मामले की जांच के लिए वीरेंद्र पांडे ने जनहित याचिका दायर किया था. सुनवाई में शासन ने कोर्ट में कार्रवाई करने की बात कही. हालांकि इसके कोई समय सीमा निर्धारित नही थीं. मामले में हाईकोर्ट ने शासन को निर्देश देते हुए जवाब से संतुष्ट होकर जनहित याचिका को निराकृत कर दिया था.

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