बिलासपुर: बिल्हा क्षेत्र के 15 धान खरीदी केंद्रों में आगामी खरीदी के मद्देनजर तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है. फड़ में चबूतरे और सफाई को लेकर कार्य तेजी से चल रहा है. किसानों के पंजीयन और धान की आवक मात्रा के हिसाब से रखरखाव का इंतजाम भी किया जा रहा है. किसानों के ठहरने और छांव, पानी के लिए भी खरीदी केंद्र के जिम्मेदार व्यवस्था करने में जुट गए हैं. वहीं धान खरीदी में लेटलतीफी के कारण किसानों में गुस्सा देखने को मिल रहा है.
धमतरी में 1 लाख से ज्यादा किसान बेचेंगे धान, कलेक्टर ने समिति प्रबंधकों की ली बैठक
खाद्य विभाग के मुताबिक इस साल कई नए किसानों ने धान बेचने के लिए अपना पंजीयन कराया है. वहीं कई किसान रकबा बढ़ने और घटने को लेकर भी अपनी जानकारी दर्ज करा रहे हैं. आगामी 1 दिसंबर से प्रस्तावित धान की खरीदी को लेकर जहां मैदानी स्तर पर तैयारी पूरी है. वहीं अधिकारी भी नए सत्र की इस खरीदी को लेकर मुस्तैद हैं. नए सत्र की खरीदी में अधिकारियों ने धान की किस्म और उसके साफ-सुथरे होने को लेकर भी निर्देश जारी किया है.
SPECIAL: धान से होगा ट्रिपल मुनाफा, एथेनॉल प्लांट से किसान और सरकार के साथ सुधरेगी पर्यावरण की सेहत
किसानों को साफ और सूखा धान लाने के निर्देश
वहीं फड़ के जिम्मेदार बताते हैं कि धान बेचने आने वाले किसानों को साफ और सूखा धान लाने को कहा गया है. इस बार अधिकारी डीगर प्रांत से छत्तीसगढ़ आने वाले धान को लेकर भी सतर्कता बरत रहे हैं, ताकि किसान को योजना का पूरा लाभ मिले. इससे बिचौलिए कोई भी बेजा लाभ ना उठा पाएं.
किसानों को उठाना पड़ सकता है नुकसान
धान की खरीदी में पहले खरीदी की तारीख नवंबर माह में ही शुरू हो जाती थी. इस मर्तबा ऐसा नहीं हो पाया. लगभग 1 महीने की लेटलतीफी को लेकर किसान अब आवाज भी उठाने लगे हैं. किसानों के अनुसार सूखा धान लेने की बात करने वाले मौसम के बिगड़ते मिजाज को नहीं देख रहे हैं. ऐसे में सूखे पड़े धान के भीग जाने की आशंका भी बढ़ गई है, जिससे किसानों को नुकसान भी हो सकता है.