गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: प्रदेश के एकमात्र लेकिन बेहद चर्चित मरवाही सीट के नतीजे मंगलवार को साफ हो जाएंगे. इसके लिए सभी पार्टियों और कार्यकर्ताओं ने तैयारी पूरी कर ली है. मतगणना के एक दिन पहले तमाम सियासी दलों के नेताओं-कार्यकर्ताओं की धड़कनें तेज हो गई हैं. मरवाही सीट पर इस बार उपचुनाव कांटे की टक्कर का दिख रहा है. जेसीसी (जे) के मैदान से हटने के बाद यह मुकाबला सीधे तौर पर भाजपा और कांग्रेस के बीच है. भाजपा प्रत्याशी डॉ. गंभीर सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. केके ध्रुव के बीच सीधी टक्कर बताई जा रही है. मुकाबला ज्यादा दिलचस्प तब हो गया, जब जेसीसी(जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने सार्वजनिक रूप से भाजपा प्रत्याशी के समर्थन की घोषणा कर दी थी.
स्ट्रॉन्ग रूम की कड़ी निगरानी
मंगलवार को होने वाली मतगणना की तैयारी पूरी कर ली गई है. इस बीच गौरेला स्थित गुरुकुल परिसर में स्थित स्ट्रॉन्ग रूम में कड़ी निगरानी रखी जा रही है. स्ट्रॉन्ग रूम की निगरानी लगातार CCTV से की जा रही है और इसके अंदर-बाहर जवानों को तैनात किया गया है. मतगणना सुबह साढ़े 7 बजे से शुरू होगी. शुरुआती आधे घंटे को डाक मतपत्रों की गिनती के लिए निर्धारित किया गया है और 8 बजे के बाद से EVM काउंटिंग शुरू हो जाएगी. चाक-चौबंद सुरक्षा-व्यवस्था के बीच राजनीतिक पार्टियों के पोलिंग एजेंटों की तैनाती भी रहेगी. मतगणना के लिए 25 पर्यवेक्षक और 25 गणना सहायकों की ड्यूटी लगाई गई है. सोमवार की शाम 4 बजे से मतगणना को लेकर एक रिहर्सल भी होगी, जिसमें तमाम मतदानकर्मियों के अलावा राजनीतिक दलों के अभिकर्ता मौजूद रहेंगे. मरवाही उपचुनाव के परिणाम बताएंगे कि विपक्ष की चुनावी रणनीति कारगर साबित हुई या फिर सत्ताधारी कांग्रेस की रणनीति. बीते 3 नवंबर को 286 केंद्रों पर मरवाही उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई थी.
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किधर जाएगा जोगी का वोट
2018 विधानसभा चुनाव में प्रदेश के पहले सीएम और कद्दावर नेता अजीत जोगी 40 हजार से ज्यादा मतों से ऐतिहासिक जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे थे. बात करें मरवाही सीट की, तो 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा दूसरे स्थान पर और कांग्रेस तीसरे स्थान पर थी. लेकिन इस बार बाजी पलटती नजर आ रही है. अजीत जोगी ने उस वक्त अपनी नवोदित पार्टी से पहली बार चुनाव लड़ा था. उन्हें 70 हजार से ज्यादा मत मिले थे. इस बार का चुनाव मुख्य रूप से इन्हीं मतों के प्रभाव पर केंद्रित था. भाजपा और कांग्रेस में से जो अपने कैडर वोटर के अलावा जितनी ताकत से अजीत जोगी के हक में गए वोटरों को अपने पाले में कर लेता है, उसी पार्टी की जीत लगभग तय होगी. लेकिन इस प्रश्न का असल जवाब मंगलवार को ही मिल पाएगा. सम्भावना दोनों तरफ फिफ्टी-फिफ्टी की मानी जा रही है. भाजपा के लिए अजीत जोगी का सिम्पैथी फैक्टर महत्वपूर्ण है, तो वहीं कांग्रेस के लिए इस बीच क्षेत्र में किया हुआ काम और पुराने पार्टी वोटर पर भरोसा जताया जा रहा है.
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मंगलवार को मनाई जाएगी कहीं खुशी कहीं गम
मंगलवार को चुनाव के परिणाम आते ही कहीं खुशी तो कहीं गम की लहर होगी. अगर सत्तापक्ष के पाले में यह चुनाव आएगा, तो कांग्रेस को उसका 70वां विधायक मिलेगा और अगर विपक्ष के हक में चुनावी परिणाम आता है, तो जोगी परिवार के साथ-साथ मुख्य विपक्षी दल भाजपा में नए ऊर्जा का संचार होगा और सत्ताधारी पार्टी के लिए ये बहुत बड़ा धक्का होगा.