गौरेला पेंड्रा मरवाही : गर्मी के मौसम में पानी की अहमियत सभी को पता चलती है. लेकिन बहुत कम लोग होते हैं जो पानी को सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं.हाल ही में कांकेर के परलकोट जलाशय में अफसर का मोबाइल डैम के रिसर्व वाटर में गिर गया था. जिसे निकालने के लिए 10 फीट पानी खाली करवाया गया. मामले की जानकारी सामने आते ही अफसर को सस्पेंड किया गया.वहीं एसडीओ जिसने पानी निकालने के लिए परमिशन दी थी.उन्हें कारण बताओ नोटिस कलेक्टर ने थमाया.इस घटना के बाद एक तस्वीर और भी सामने आई थी.परलकोट डैम से कुछ ही दूरी पर लोग गंदा पानी पीकर गुजारा कर रहे थे.इस घटना के बाद ऐसा लगा मानो लोग समझदार हो गए होंगे.लेकिन गौरेला पेंड्रा मरवाही में अब तक लोग समझदार नहीं हुए.
स्टॉप डैम के बनाने के लिए हजारों लीटर पानी बहाया : गौरेला जनपद पंचायत क्षेत्र में भीषण गर्मी के दौरान तालाब की मेड़ तोड़कर हजारों लीटर पानी बहाने का मामला सामने आया है. जनपद पंचायत गौरेला के गांव झगराखांड में ये तस्वीर देखने को मिली है. गर्मी में ग्रामीणों के साथ मवेशी पानी के लिए भटकते देखे जा सकते हैं. लेकिन झगराखांड के सरपंच और सचिव को इससे कोई भी मतलब नहीं है. दोनों ने स्टॉप डैम निर्माण के लिए जेसीबी के माध्यम से तालाब के मेड़ को तोड़वा डाला.जिसके कारण हजारों लीटर पानी बर्बाद हो गया.
जनपद सीईओ ने मामले को बताया गंभीर : इस गंभीर मामले में जब हमने जनपद पंचायत सीईओ गौरेला संजय शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि ''इस तरह से तालाब के पानी को बर्बाद करना सही नहीं है. तालाब को यथावत करने के लिए कहा गया है.'' ग्राम पंचायत से जानकारी मिलने पर जब हमने संबंधित इंजीनियर से बात करना चाही तो वे कुछ भी जानकारी देने से बचते नजर आए. मामले में विशेष बात ये है कि जहां स्टॉप डेम का निर्माण होना था. उससे 500 मीटर की दूरी पर दो स्टॉप डेम पहले से ही बने हैं. जिनका गेट कभी बंद ही नहीं होता.लेकिन आवश्यक ना होने के बाद भी ऐसे जगह स्टॉप डैम बनाने की तैयारी कर ली गई.ये सोचने वाली बात है कि किस तरह स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर नौकरशाह शासकीय राशि का दुरुपयोग कर रहे हैं
दूसरी बार तोड़ा गया तालाब : इस घटना से पहले पेंड्रा जनपद क्षेत्र के अमारू गांव में मछली पकड़ने के लिए तालाब का मेड़ तोड़ा गया था.इसके बाद अब तालाब में स्टॉप डैम बनाने के नाम पर तालाब खाली करवाया गया है.तालाब में स्टॉप डेम का निर्माण कराए जाने के लिए पानी की बर्बादी की गई.इस मामले में इंजीनियर कुछ भी जानकारी देने से बचते नजर आ रहे हैं. वहीं जनपद सीईओ ने तालाब तोड़कर गर्मी में पानी बहाने को गलत बताया है.लेकिन गलत होने के बाद भी क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी.ये एक बड़ा सवाल है.