बिलासपुर: देश के विभिन्न राज्य अपने क्षेत्र में फंसे सभी मजदूरों को वापस लाने के लिए प्रयासों में जुट गए हैंं. इसके साथ ही मुंगेली जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने मजदूरों की व्यवस्था कर सकुशल उनके घर रवाना किया गया. वहीं मध्यप्रदेश के रीवा जिले में फंसे 10 बच्चों सहित 18 मजदूर शुक्रवार की देर रात रतनपुर पहुंचे. जिन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश की सरकार ने उन्हें अमरकंटक तक पहुंचाया गया था.
जवानों ने मजदूरों की मदद
लॉकडाउन के समय में भुखमरी और लाचारी ऐसे हावी हुई कि अन्य राज्यों में फंसे मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए हजारों किलोमीटर का रास्ता पार कर रहे हैं. वहीं मध्यप्रदेश के रीवा जिले में फंसे 10 बच्चों सहित 18 मजदूर शुक्रवार की देर रात रतनपुर पहुंचे थे. जिन्होंने बताया कि 'मध्यप्रदेश की सरकार ने उन्हें अमरकंटक तक पहुंचाया. जहां से वह पैदल केंवची तक पहुंचे और वहां से पुलिस की गाड़ी से वोरतनपुर तक आए.
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मंदिर ट्रस्ट ने की थी मजदूर के खाने की व्यवस्था
यहां से आगे उन्हें मुंगेली जिले के लोरमी तहसील के सिंघनपुरी गांव तक पहुंचाया. मजदूर परिवार की स्थिति देखकर रतनपुर तहसीलदार पोखन टोंडरे सहित महामाया मंदिर ट्रस्ट ने हर संभव प्रयास कर भोजन सहित अन्य सहयोग उपलब्ध कराया गया, मंदिर ट्रस्ट के जरिए रात और सुबह भोजन आदि की व्यवस्था की गई.
लोगों में कोरोना का डर
कोरोना वायरस की वजह से किए गए लॉकडाउन के बाद लोगों को कोरोना का खौफ के साथ जेहन में डर पैदा हो गया है. तो वहीं अब इस माहामारी की वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे मजदूरों की स्थिति किसी त्रासदी के जैसे सामने आई है. प्रदेश से हर दिन प्रवासी मजदूर गुजर रहे हैं. राज्य के हर जिलों में रोज ही मजदूरों के जत्थे को गुजरते देखा जा सकता है. बिहार, झारखंड, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश के मजदूर छत्तीसगढ़ से होते हुए अपने राज्यों को लौट रहे हैं.